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पटना विवि के गेट पर आइसा छात्रों का भूख हड़ताल, नामांकन में बिहार बोर्ड के छात्रों को 50 फीसदी आरक्षण दिये जाने की मांग

पटना यूनिवर्सिटी गेट पर आइसा के छात्र सोमवार से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ गये हैं. छात्रों ने विवि के स्नातक के नामांकन में बिहार बोर्ड के छात्रों के 50 फीसदी आरक्षण लागू किये जाने की मांग की है.

पटना विश्वविद्यालय में छात्र भूख हड़ताल पर
पटना विश्वविद्यालय में छात्र भूख हड़ताल पर
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Published : Sep 14, 2021, 12:28 AM IST

पटना: राजधानी में सोमवार को पटना विश्वविद्यालय (Patna University) के मुख्य गेट पर विभिन्न मांगों को लेकर आइसा छात्र संगठन (AISA Students) से जुड़े छात्र अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे गये हैं. छात्रों की मांग है कि पटना विश्वविद्यालय में नए सत्र के लिए स्नातक कोर्सेज में चल रहे उसमें दाखिले में बिहार बोर्ड के छात्रों को 50% आरक्षण दिया जाए. साथ ही विश्वविद्यालय में खाली पड़े शिक्षकों के पदों को तत्काल पढ़ने का प्रयास शुरू किया जाए. बताते चलें कि मंगलवार 14 सितंबर से पटना विश्वविद्यालय में स्नातक कोर्स के लिए पहले राउंड की नामांकन प्रक्रिया शुरू हो रही है.

इसे भी पढ़ें : पटना विवि में अब विदेशी छात्र भी करा सकते हैं एडमिशन, नामांकन की प्रक्रिया को सरल बनाने में जुटा प्रबंधन

पटना विवि के गेट पर भूख हड़ताल पर बैठे छात्र कुमार दिव्यम ने कहा कि उनकी मांग है कि विश्वविद्यालय में नए सत्र के लिए जो नामांकन चल रहा है. उसमें बिहार बोर्ड के छात्रों को 50% आरक्षण दिया जाए. उन्होंने कहा की पहले विश्वविद्यालय में प्रवेश परीक्षा के आधार पर नामांकन होता था लेकिन इस बार मार्क्स के आधार पर नामांकन किया जा रहा है. सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड के विद्यार्थियों के मार्किंग पैटर्न और बिहार बोर्ड का मार्किंग पैटर्न अलग है. बिहार बोर्ड के छात्रों को काफी कम नंबर आते हैं. इस बार सीबीएसई ओर आईसीएसई बोर्ड के छात्रों को परीक्षा ना होने पर काफी अच्छे नंबर प्राप्त हुए हैं.

देखें वीडियो

'इस बार इंटरमीडिएट के मार्क्स के आधार पर जो नामांकन प्रक्रिया अपनाई जा रही है. जिससे बिहार बोर्ड के छात्र वंचित रह जाएंगे. क्योंकि उनके कम नंबर है. बिहार बोर्ड से वही छात्र पढ़ते हैं जो आर्थिक रूप से अक्षम और समाज के कमजोर वर्ग से आते हैं. इसके साथ ये भी मांग है कि विश्वविद्यालय में 2 साल से पीएचडी में नामांकन लंबित है. विश्वविद्यालय प्रबंधन के तरफ से कहा जाता है कि कॉलेज में प्रोफेसर की कमी है. इस वजह से पीएचडी में नामांकन की प्रक्रिया बाधित है. ऐसे में अविलंब शिक्षकों की कमी को दूर किया जाए ताकि जो छात्र पीएचडी करना चाहते हैं उन्हें इसका फायदा मिले.' :- कुमार दिव्यम छात्र

वहीं अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे छात्र नीरज कुमार ने कहा कि शिक्षकों की कमी के वजह से नैक ने पटना विश्वविद्यालय के लॉ कॉलेज की दूरस्थ शिक्षा का अनुबंध समाप्त कर दिया है. ऐसे में विश्वविद्यालय प्रबंधन और सरकार की यह जिम्मेदारी बनती है कि महाविद्यालयों में पर्याप्त शिक्षकों की व्यवस्था की जाए. उन्होंने कहा कि सरकार की इस गलती का खामियाजा प्रदेश के छात्र भुगत रहे हैं. प्रदेश के सबसे प्रतिष्ठित लॉ कॉलेज से लॉ की पढ़ाई करने से वंचित रह जा रहे हैं.

'लॉ कॉलेज में शिक्षकों की कमी दूर की जाए ताकि दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से पटना यूनिवर्सिटी से लॉ करने का लाभ छात्र ले सकें. अपनी मांगों को लेकर पहले भी राज्यपाल, शिक्षा मंत्री और यूनिवर्सिटी को ज्ञापन दे चुके हैं. ऐसे में जब तक सरकार की तरफ से और यूनिवर्सिटी के वीसी उनके मुद्दों को लेकर उनसे बात करने के लिए नहीं आते हैं तब तक हमारा अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल चलता रहेगा.' :- नीरज कुमार, छात्र

ये भी पढ़ें : NMCH के जूनियर डॉक्टरों ने OPD सेवा की ठप, कहा- साजिश से हमें फेल किया गया, अब कोई सुनता नहीं

पटना: राजधानी में सोमवार को पटना विश्वविद्यालय (Patna University) के मुख्य गेट पर विभिन्न मांगों को लेकर आइसा छात्र संगठन (AISA Students) से जुड़े छात्र अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे गये हैं. छात्रों की मांग है कि पटना विश्वविद्यालय में नए सत्र के लिए स्नातक कोर्सेज में चल रहे उसमें दाखिले में बिहार बोर्ड के छात्रों को 50% आरक्षण दिया जाए. साथ ही विश्वविद्यालय में खाली पड़े शिक्षकों के पदों को तत्काल पढ़ने का प्रयास शुरू किया जाए. बताते चलें कि मंगलवार 14 सितंबर से पटना विश्वविद्यालय में स्नातक कोर्स के लिए पहले राउंड की नामांकन प्रक्रिया शुरू हो रही है.

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पटना विवि के गेट पर भूख हड़ताल पर बैठे छात्र कुमार दिव्यम ने कहा कि उनकी मांग है कि विश्वविद्यालय में नए सत्र के लिए जो नामांकन चल रहा है. उसमें बिहार बोर्ड के छात्रों को 50% आरक्षण दिया जाए. उन्होंने कहा की पहले विश्वविद्यालय में प्रवेश परीक्षा के आधार पर नामांकन होता था लेकिन इस बार मार्क्स के आधार पर नामांकन किया जा रहा है. सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड के विद्यार्थियों के मार्किंग पैटर्न और बिहार बोर्ड का मार्किंग पैटर्न अलग है. बिहार बोर्ड के छात्रों को काफी कम नंबर आते हैं. इस बार सीबीएसई ओर आईसीएसई बोर्ड के छात्रों को परीक्षा ना होने पर काफी अच्छे नंबर प्राप्त हुए हैं.

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'इस बार इंटरमीडिएट के मार्क्स के आधार पर जो नामांकन प्रक्रिया अपनाई जा रही है. जिससे बिहार बोर्ड के छात्र वंचित रह जाएंगे. क्योंकि उनके कम नंबर है. बिहार बोर्ड से वही छात्र पढ़ते हैं जो आर्थिक रूप से अक्षम और समाज के कमजोर वर्ग से आते हैं. इसके साथ ये भी मांग है कि विश्वविद्यालय में 2 साल से पीएचडी में नामांकन लंबित है. विश्वविद्यालय प्रबंधन के तरफ से कहा जाता है कि कॉलेज में प्रोफेसर की कमी है. इस वजह से पीएचडी में नामांकन की प्रक्रिया बाधित है. ऐसे में अविलंब शिक्षकों की कमी को दूर किया जाए ताकि जो छात्र पीएचडी करना चाहते हैं उन्हें इसका फायदा मिले.' :- कुमार दिव्यम छात्र

वहीं अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे छात्र नीरज कुमार ने कहा कि शिक्षकों की कमी के वजह से नैक ने पटना विश्वविद्यालय के लॉ कॉलेज की दूरस्थ शिक्षा का अनुबंध समाप्त कर दिया है. ऐसे में विश्वविद्यालय प्रबंधन और सरकार की यह जिम्मेदारी बनती है कि महाविद्यालयों में पर्याप्त शिक्षकों की व्यवस्था की जाए. उन्होंने कहा कि सरकार की इस गलती का खामियाजा प्रदेश के छात्र भुगत रहे हैं. प्रदेश के सबसे प्रतिष्ठित लॉ कॉलेज से लॉ की पढ़ाई करने से वंचित रह जा रहे हैं.

'लॉ कॉलेज में शिक्षकों की कमी दूर की जाए ताकि दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से पटना यूनिवर्सिटी से लॉ करने का लाभ छात्र ले सकें. अपनी मांगों को लेकर पहले भी राज्यपाल, शिक्षा मंत्री और यूनिवर्सिटी को ज्ञापन दे चुके हैं. ऐसे में जब तक सरकार की तरफ से और यूनिवर्सिटी के वीसी उनके मुद्दों को लेकर उनसे बात करने के लिए नहीं आते हैं तब तक हमारा अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल चलता रहेगा.' :- नीरज कुमार, छात्र

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