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किसानों को लाभ पहुंचाने में असफल रहा कृषि विभाग, 2019-2020 की कई योजनाएं अधूरी

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Published : Dec 23, 2020, 2:44 PM IST

बिहार में 2019-2020 के दौरान कृषि विभाग अपनी योजनाओं को किसानों तक पहुंचाने में असफल रहा. वजह कहें या बहाना वो कोरोना महामारी बनी. जिसकी वजह से किसान सम्मान योजना को छोड़कर कोई भी कृषि योजना ना तो ठीक से लागू हो पाई ना ही किसी योजना राशि का लाभ किसानों कर पहुंच पाया. बाढ़ पीड़ितों को भी आज तक मुआवजे की राशि नहीं मिल सकी.

कृषि
कृषि

पटनाः साल 2020 अब अपने आखिरी पड़ाव पर है. कुछ ही दिनों बाद नए साल 2021 का आगाज होने वाला है. कोरोना काल के दौरान पूरे देश के साथ बिहार भी कई मुश्किलों के दौर से गुजरा. इस बीच राज्य में एनडीए की दोबारा नई सरकार भी बनी. लेकिन कई क्षेत्रों में विकास के कार्यों की गति इस साल बहुत कम रही. ईटीवी भारत की टीम ने विकास कार्यों और योजनाओं का जायजा लेने के लिए कृषि विभाग का रूख किया. जहां की स्थिति अन्य विभागों की तरह ही बेहतर नहीं मिली. पेश है एक रिपोर्ट...

साल 2020 में कृषि विभाग अपनी योजनाओं के माध्यम से किसानों को लाभान्वित करने में पूरी तरह फिसड्डी साबित हुआ. साल के शुरुआती महीनों में कुछ योजनाओं को छोड़ दें तो बाकी के महीने में किसानों की योजनाओं पर ग्रहण सा लग गया.सिर्फ किसान सम्मान योजना का काम होता रहा.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

किसान सम्मान योजना का मिला फायदा
वर्ष 2020 के अंत तक 80.79 लाख किसानों को किसान सम्मान योजना फायदा मिला और डीबीटी के माध्यम से उनके खाते में पैसे मिलते रहे. अगर हम बात करें अन्य योजनाओं की तो कृषि इनपुट अनुदान के रूप में कुल 33 लाख 88 हजार किसानों को फसल क्षति से लेकर विभिन्न अनुदान के रूप में वर्ष 2019-2020 में कुल 1228.27 करोड़ रुपये दिए गए.

योजनाओं के आंकड़े
योजनाओं के आंकड़े

नहीं मिली किसानों को मुआवजे की राशि
वहीं, इस साल के मध्य में उत्तर बिहार के 20 जिलों में बाढ़ के कारण किसानों की फसल नष्ट हुई. सरकार ने मुआवजे की घोषणा भी की. कुल 77.63 लाख किसानों ने फसल क्षतिपूर्ति के लिए आवेदन भी किया. लेकिन विभाग द्वारा उन्हें राशि नहीं उपलब्ध करवाई गई.अभी तक इस योजना के तहत एक भी किसान लाभान्वित नहीं हुए.

योजनाओं के आंकड़े
योजनाओं के आंकड़े

'सभी योजनाओं पर होगा काम'
नई सरकार के कृषि मंत्री अमरेन्द्र प्रताप सिंह का दावा है कि योजनाएं जो भी हैं सभी पर काम होगा. किसानों को कहीं से भी समस्या नहीं होने देंगे.

'नए प्रयोग करके हम नई योजनाएं शुरू करेंगे क्योंकि अब हमारे पास 6 -6 कृषि विश्वविद्यालय है. बड़ा नेटवर्क है, सभी जिलों में किसान केंद्र है. उससे सरकारी योजनाओं को प्रचारित प्रसारित कर किसानों को लाभ दिलवाएंगे'- अमरेन्द्र प्रताप सिंह, कृषि मंत्री

अमरेन्द्र प्रताप सिंह, कृषि मंत्री
अमरेन्द्र प्रताप सिंह, कृषि मंत्री

बिहार में 38%महिला किसान
बताते चलें कि बिहार में कृषि विभाग के तहत वर्ष 2019-2020 में 1 करोड़ 64 लाख किसान ने अपना पंजीकरण करवाया है. जिसमें 62% पुरुष और 38%महिला किसान हैं. वर्ष 2019 के फरवरी से किसान सम्मान योजना के तहत किसान का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन भी हो रहा है. विभिन्न योजनाओं के तहत किसानों को लाभ भी वर्ष 2019 से दिया जा रहा है.

कब शुरू होंगी बंद पड़ी योजनाएं
बड़ा सवाल यह है कि जिस तरह कोरोना संक्रमण को लेकर विभाग की कई योजनाओं को बंद किया गया है. इन योजनाओं को कब और कैसे से शुरू कर किसानों को लाभान्वित किया जाएगा. जिससे बाढ़, सुखाड़ और ओलावृष्टि की मार से अपनी फसल को गंवाने वाले किसानों को आर्थिक मदद मिल सके और किसान खुशहाल रहें.

पटनाः साल 2020 अब अपने आखिरी पड़ाव पर है. कुछ ही दिनों बाद नए साल 2021 का आगाज होने वाला है. कोरोना काल के दौरान पूरे देश के साथ बिहार भी कई मुश्किलों के दौर से गुजरा. इस बीच राज्य में एनडीए की दोबारा नई सरकार भी बनी. लेकिन कई क्षेत्रों में विकास के कार्यों की गति इस साल बहुत कम रही. ईटीवी भारत की टीम ने विकास कार्यों और योजनाओं का जायजा लेने के लिए कृषि विभाग का रूख किया. जहां की स्थिति अन्य विभागों की तरह ही बेहतर नहीं मिली. पेश है एक रिपोर्ट...

साल 2020 में कृषि विभाग अपनी योजनाओं के माध्यम से किसानों को लाभान्वित करने में पूरी तरह फिसड्डी साबित हुआ. साल के शुरुआती महीनों में कुछ योजनाओं को छोड़ दें तो बाकी के महीने में किसानों की योजनाओं पर ग्रहण सा लग गया.सिर्फ किसान सम्मान योजना का काम होता रहा.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

किसान सम्मान योजना का मिला फायदा
वर्ष 2020 के अंत तक 80.79 लाख किसानों को किसान सम्मान योजना फायदा मिला और डीबीटी के माध्यम से उनके खाते में पैसे मिलते रहे. अगर हम बात करें अन्य योजनाओं की तो कृषि इनपुट अनुदान के रूप में कुल 33 लाख 88 हजार किसानों को फसल क्षति से लेकर विभिन्न अनुदान के रूप में वर्ष 2019-2020 में कुल 1228.27 करोड़ रुपये दिए गए.

योजनाओं के आंकड़े
योजनाओं के आंकड़े

नहीं मिली किसानों को मुआवजे की राशि
वहीं, इस साल के मध्य में उत्तर बिहार के 20 जिलों में बाढ़ के कारण किसानों की फसल नष्ट हुई. सरकार ने मुआवजे की घोषणा भी की. कुल 77.63 लाख किसानों ने फसल क्षतिपूर्ति के लिए आवेदन भी किया. लेकिन विभाग द्वारा उन्हें राशि नहीं उपलब्ध करवाई गई.अभी तक इस योजना के तहत एक भी किसान लाभान्वित नहीं हुए.

योजनाओं के आंकड़े
योजनाओं के आंकड़े

'सभी योजनाओं पर होगा काम'
नई सरकार के कृषि मंत्री अमरेन्द्र प्रताप सिंह का दावा है कि योजनाएं जो भी हैं सभी पर काम होगा. किसानों को कहीं से भी समस्या नहीं होने देंगे.

'नए प्रयोग करके हम नई योजनाएं शुरू करेंगे क्योंकि अब हमारे पास 6 -6 कृषि विश्वविद्यालय है. बड़ा नेटवर्क है, सभी जिलों में किसान केंद्र है. उससे सरकारी योजनाओं को प्रचारित प्रसारित कर किसानों को लाभ दिलवाएंगे'- अमरेन्द्र प्रताप सिंह, कृषि मंत्री

अमरेन्द्र प्रताप सिंह, कृषि मंत्री
अमरेन्द्र प्रताप सिंह, कृषि मंत्री

बिहार में 38%महिला किसान
बताते चलें कि बिहार में कृषि विभाग के तहत वर्ष 2019-2020 में 1 करोड़ 64 लाख किसान ने अपना पंजीकरण करवाया है. जिसमें 62% पुरुष और 38%महिला किसान हैं. वर्ष 2019 के फरवरी से किसान सम्मान योजना के तहत किसान का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन भी हो रहा है. विभिन्न योजनाओं के तहत किसानों को लाभ भी वर्ष 2019 से दिया जा रहा है.

कब शुरू होंगी बंद पड़ी योजनाएं
बड़ा सवाल यह है कि जिस तरह कोरोना संक्रमण को लेकर विभाग की कई योजनाओं को बंद किया गया है. इन योजनाओं को कब और कैसे से शुरू कर किसानों को लाभान्वित किया जाएगा. जिससे बाढ़, सुखाड़ और ओलावृष्टि की मार से अपनी फसल को गंवाने वाले किसानों को आर्थिक मदद मिल सके और किसान खुशहाल रहें.

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