पटना: पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस मुख्यालय ने केस पेंडिंग को लेकर विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है. इसमें बिहार के लगभग 100 थानों में 70 हजार केस लंबित पड़े हैं और लगभग एक लाख 75 हजार केस का अनुसंधान भी लंबित पड़ा है. पुलिस मुख्यालय की ओर से 30 सितंबर 2020 तक थानों में लंबित मामले को लेकर तैयार किया गया. आंकड़ों से यह साबित होता है कि सही समय पर मामलों का निष्पादन थाना स्तर पर नहीं हो पा रहा है.
पुलिस मुख्यालय से मिल रही जानकारी के अनुसार राजधानी पटना समेत बिहार के 14 थाने ऐसे हैं, जहां 1000 से अधिक मामले लंबित पड़े हुए हैं. कदम कुआं, शास्त्री नगर और मुजफ्फरपुर का अहियापुर थाना समेत अन्य थाने सामिल हैं.
500 से अधिक के केस पेंडिंग
वहीं, सूबे के 61 थाने ऐसे हैं जहां पर 500 से अधिक के केस पेंडिंग है. 25 थाने की पहचान पुलिस मुख्यालय की ओर से की गई है जहां पर 500 से कम मामले थाने में लंबित हैं. बिहार में कुल 1064 थाना और 225 ओपी बिहार में स्थापित है. पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर आईजी से लेकर सर्किल इंस्पेक्टर तक को लंबित मामलों का निपटारा कटाक्ष दिया गया है. ज्यादा लंबित कांडों वाले चिन्हित किए गए 359 स्थानों पर अब वरीय पुलिस अधिकारियों की नजर रहेगी. पुलिस मुख्यालय रेंज आईजी, डीआईजी, एसएसपी, एसपी, एसडीपीओ और सर्किल इंस्पेक्टर तक कोई इन थानों का निरीक्षण का टाक्स सौंपा है.
लंबित कांडों का निष्पादन करना अनिवार्य
एडीजी मुख्यालय जितेंद्र कुमार ने बताया कि कुल 359 थानों में 68 प्रतिशत से ज्यादा मामले लंबित पड़े हैं. साल 2019 में राज्य में 269096 मामले दर्ज किए गए थे. उन्होंने कहा कि अनुसंधानकर्ता पुलिस अधिकारी की लापरवाही से यदि मामला लंबित रहता है तो उनके खिलाफ सख्त प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा पुलिस मुख्यालय ने ज्यादा लंबित कांड वाले थानों को दुरुस्त करने के लिए कवायद शुरू कर दी है. नए दर्ज किए गए मामलों के साथ-साथ हर थानेदारों को 25 प्रतिशत पुराने लंबित कांडों का निष्पादन करना अनिवार्य कर दिया गया है.