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यूक्रेन से 3 फ्लाइट से पटना एयरपोर्ट पहुंचे 47 छात्र, बोले- '15-16 किलोमीटर पैदल चलकर पहुंचे थे हंगरी बॉर्डर' - Suman Kumar of Araria

रूस यूक्रेन जंग (Russia Ukraine war) में फंसे छात्रों को वापस देश लाने की कवायद तेज कर दी गई है. इसी कड़ी में 47 छात्र पटना एयरपोर्ट (Medical Student Returned from Ukraine in Patna) पहुंचे. छात्रों ने बताया कि यूक्रेन के खारकीव में उन्हें कई परेशानियों से जूझना पड़ा था. सुपौल और अररिया के छात्रों ने अपनी आप बीती सुनाई. पढ़िए पूरी खबर..

47 students returned from Ukraine at Patna airport
47 students returned from Ukraine at Patna airport
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Published : Mar 4, 2022, 1:24 PM IST

पटना: पटना एयरपोर्ट पर लगातार यूक्रेन से छात्र पहुंच रहे (47 students returned from Ukraine at Patna airport) हैं. शुक्रवार को भी विभिन्न विमानों से 47 छात्र पटना एयरपोर्ट पर पहुंचे हैं. इसमें अधिकतर छात्र ऐसे हैं जो खारकीव में बुरी तरह फंसे हुए थे. सुपौल के शिव कुमार साह (Shiv Kumar Sah of Supaul) और अररिया के सुमन कुमार (Suman Kumar of Araria) भी यूक्रेन में फंसे हुए थे. पटना एयरपोर्ट पहुंचने पर उन्होंने बताया कि, यूक्रेन में किसी भी तरह की सहायता भारत सरकार की ओर से नहीं मिल रही है. किसी तरह हम लोग ग्रुप बनाकर वहां से ट्रेन पकड़कर हंगरी बॉर्डर तक पहुंचे.

पढ़ें- यूक्रेन से लौटे छात्रों का भविष्य अधर में, सरकार से अपील-मेडिकल कॉलेजों में समायोजित किया जाए

यूक्रेन से लौटे सुपौल के छात्र का बयान: हंगरी बॉर्डर से भारत पहुंचे शिव कुमार साह ने बताया कि, वापसी में हमें बहुत तकलीफ हुई थी. ट्रेन में यूक्रेन की मिलिट्री हमें चढ़ने नहीं दे रही थी वो अपने लोगों को प्राथमिकता दे रहे थे. फिर भी हमलोग किसी तरह से ऊपर चढ़ गए. हमने 72 घंटे का सफर तय किया. हंगरी के बॉर्डर पहुंचे. वहां छह घंटे लाइन में लगे रहना पड़ा. फिर ट्रेन में बैठे. हंगरी बॉर्डर पार कराया गया. खारकीव में धीरे धीरे हालात खराब होते चले गए. हमें खाने पीने का सामान खरीदकर रखने को कहा गया था. लेकिन बहुत जल्द सामान खत्म हो गया और परेशानी बढ़ गई. हंगरी आने के बाद भारतीय दूतावास का सहयोग मिला और कहीं न कहीं उसके बाद हम लोग अपने देश पहुंचे हैं. आज पटना पहुंचे हैं, काफी खुशी है.

पढ़ें- यूक्रेन से पटना पहुंचे 48 छात्र, बोले- 'हमारे दोस्तों को भी जल्द वापस लाएं, वहां बुरे हैं हालात'

'15-16 किलोमीटर पैदल चलना पड़ा': वहीं यूक्रेन से आए अररिया के रहने वाले छात्र सुमन कुमार ने कहा कि बॉर्डर पर भी हालात खराब है. काफी दिक्कतों का सामना भारतीयों को करना पड़ रहा है और बॉर्डर को पार करने में ही 2 दिन से ज्यादा समय लग गया. 15 -16 किलोमीटर पैदल चलकर बॉर्डर के पास हम लोग पहुंचे थे. उसके बाद बॉर्डर पार करने में काफी समय लगता है. बॉर्डर पार करने के बाद कहीं न कहीं भारतीय दूतावास का सहयोग हमें मिला है और उस सहयोग के कारण ही हम आज घर तक पहुंच पाए हैं. जो छात्र अभी भी फंसे हुए हैं, उन्हें जल्द से जल्द भारत लाया जाए. क्योंकि यूक्रेन की स्थिति दिनों दिन खराब होती चली जा रही है.

निशुल्क फ्लाइट टिकटः आपको बताएं कि बिहारवासियों के लिए बिहार सरकार द्वारा विशेष प्रबंधन के तहत दिल्ली तक पहुंचने वाले नागरिकों अथवा छात्रों को बिहार आने के लिए निशुल्क हवाई टिकट उपलब्ध करायी जा रही है. देर रात्रि दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचने वालों को रात्रि विश्राम की व्यवस्था बिहार निवास में की जा रही है. पटना एयरपोर्ट पर पहुंचने के पश्चात आवश्यकतानुसार घर तक जाने हेतु वाहनों की भी व्यवस्था की जा रही है.

पढ़ें- यूक्रेन से पटना पहुंचे 22 बिहारी छात्र, एक छात्रा ने कहा- दहशत में गुजरे वो सात दिन

बता दें कि गुरुवार शाम तक यूक्रेन से 36 में 14 छात्रों को भारत सरकार के ऑपरेशन गंगा के द्वारा वतन वापसी कराई है. जो छात्र अब भी वहां फंसे हैं, उनसे जिला प्रशासन लगातार संपर्क कर रहा है. जिला कोषांग आपदा प्रबंधन विभाग, बिहार भवन दिल्ली व विदेश मंत्रालय आपस में जानकारियां इकट्ठा कर छात्रों को वापस लाने की कोशिश में जुटा है.

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पटना: पटना एयरपोर्ट पर लगातार यूक्रेन से छात्र पहुंच रहे (47 students returned from Ukraine at Patna airport) हैं. शुक्रवार को भी विभिन्न विमानों से 47 छात्र पटना एयरपोर्ट पर पहुंचे हैं. इसमें अधिकतर छात्र ऐसे हैं जो खारकीव में बुरी तरह फंसे हुए थे. सुपौल के शिव कुमार साह (Shiv Kumar Sah of Supaul) और अररिया के सुमन कुमार (Suman Kumar of Araria) भी यूक्रेन में फंसे हुए थे. पटना एयरपोर्ट पहुंचने पर उन्होंने बताया कि, यूक्रेन में किसी भी तरह की सहायता भारत सरकार की ओर से नहीं मिल रही है. किसी तरह हम लोग ग्रुप बनाकर वहां से ट्रेन पकड़कर हंगरी बॉर्डर तक पहुंचे.

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यूक्रेन से लौटे सुपौल के छात्र का बयान: हंगरी बॉर्डर से भारत पहुंचे शिव कुमार साह ने बताया कि, वापसी में हमें बहुत तकलीफ हुई थी. ट्रेन में यूक्रेन की मिलिट्री हमें चढ़ने नहीं दे रही थी वो अपने लोगों को प्राथमिकता दे रहे थे. फिर भी हमलोग किसी तरह से ऊपर चढ़ गए. हमने 72 घंटे का सफर तय किया. हंगरी के बॉर्डर पहुंचे. वहां छह घंटे लाइन में लगे रहना पड़ा. फिर ट्रेन में बैठे. हंगरी बॉर्डर पार कराया गया. खारकीव में धीरे धीरे हालात खराब होते चले गए. हमें खाने पीने का सामान खरीदकर रखने को कहा गया था. लेकिन बहुत जल्द सामान खत्म हो गया और परेशानी बढ़ गई. हंगरी आने के बाद भारतीय दूतावास का सहयोग मिला और कहीं न कहीं उसके बाद हम लोग अपने देश पहुंचे हैं. आज पटना पहुंचे हैं, काफी खुशी है.

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'15-16 किलोमीटर पैदल चलना पड़ा': वहीं यूक्रेन से आए अररिया के रहने वाले छात्र सुमन कुमार ने कहा कि बॉर्डर पर भी हालात खराब है. काफी दिक्कतों का सामना भारतीयों को करना पड़ रहा है और बॉर्डर को पार करने में ही 2 दिन से ज्यादा समय लग गया. 15 -16 किलोमीटर पैदल चलकर बॉर्डर के पास हम लोग पहुंचे थे. उसके बाद बॉर्डर पार करने में काफी समय लगता है. बॉर्डर पार करने के बाद कहीं न कहीं भारतीय दूतावास का सहयोग हमें मिला है और उस सहयोग के कारण ही हम आज घर तक पहुंच पाए हैं. जो छात्र अभी भी फंसे हुए हैं, उन्हें जल्द से जल्द भारत लाया जाए. क्योंकि यूक्रेन की स्थिति दिनों दिन खराब होती चली जा रही है.

निशुल्क फ्लाइट टिकटः आपको बताएं कि बिहारवासियों के लिए बिहार सरकार द्वारा विशेष प्रबंधन के तहत दिल्ली तक पहुंचने वाले नागरिकों अथवा छात्रों को बिहार आने के लिए निशुल्क हवाई टिकट उपलब्ध करायी जा रही है. देर रात्रि दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचने वालों को रात्रि विश्राम की व्यवस्था बिहार निवास में की जा रही है. पटना एयरपोर्ट पर पहुंचने के पश्चात आवश्यकतानुसार घर तक जाने हेतु वाहनों की भी व्यवस्था की जा रही है.

पढ़ें- यूक्रेन से पटना पहुंचे 22 बिहारी छात्र, एक छात्रा ने कहा- दहशत में गुजरे वो सात दिन

बता दें कि गुरुवार शाम तक यूक्रेन से 36 में 14 छात्रों को भारत सरकार के ऑपरेशन गंगा के द्वारा वतन वापसी कराई है. जो छात्र अब भी वहां फंसे हैं, उनसे जिला प्रशासन लगातार संपर्क कर रहा है. जिला कोषांग आपदा प्रबंधन विभाग, बिहार भवन दिल्ली व विदेश मंत्रालय आपस में जानकारियां इकट्ठा कर छात्रों को वापस लाने की कोशिश में जुटा है.

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