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कोयंबटूर से बिहार शरीफ पहुंचे श्रमिक, कहा-अब नहीं जाएंगे बाहर काम करने बिहार में ही लगे कारखाना

कोयंबतूर से बिहार शरीफ पहुंचन में यात्रियों को मात्र एक बार भोजन दिया गया इससे श्रमिकों में नाराजगी रही. हालांकि, घर वापसी से लोगों ने राहत की सांस ली. श्रमिकों ने बिहार सरकार से राज्य में कल-कारखाने लगाने की अपील की है.

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Published : May 15, 2020, 11:01 PM IST

Updated : May 16, 2020, 11:56 PM IST

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नालंदाः कोयंबतूर से श्रमिकों को लेकर स्पेशल ट्रेन शुक्रवार को बिहार शरीफ पहुंची. रेलवे स्टेशन पर ट्रेन पहुंचते ही श्रमिकों के चेहरे खिल उठे. श्रमिकों ने अपनी धरती को नमन किया. सभी लोग अपने घर पहुंचने पर खुशी जाहिर की. हालांकि रास्ते में हुए तकलीफ को लेकर रेल प्रशासन से शिकायत भी रही.

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थर्मल स्क्रीनिंग कराता युवक

करीब 1400 श्रमिकों से भरी इस ट्रेन में श्रमिकों को सही से भोजन नहीं मिल पाया. श्रमिकों ने शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि गुरुवार की दोपहर को मात्र भोजन मिल पाया. जबकि गुरुवार को एक-एक केला देकर छोड़ दिया गया जिसके कारण काफी परेशानी हुई. श्रमिकों ने दुखड़ा सुनाते हुए कहा कि लॉक डाउन में कंपनी की तरफ से खाना-पीना देना बंद कर दिया गया. वहीं, श्रमिकों ने सरकार से बिहार में ही कल कारखाना और रोजगार सृजन करने की मांग की है. ताकि फिर से उन्हें पलायन नहीं करना पड़े.

पेश है एक रिपोर्ट

6 घंटे लेट पहुंची ट्रेन

बता दें कि श्रमिक स्पेशल ट्रेन 10:45 बजे सुबह के बजाए अपने निर्धारित समय से करीब 6 घंटे 20 मिनट देर से बिहार शरीफ स्टेशन पर पहुंची. ट्रेन लेट होने की वजह से श्रमिकों को परेशानी झेलनी पड़ी. बिहार शरीफ रेलवे स्टेशन पर पहुंचते ही इन श्रमिकों का सबसे पहले थर्मल स्क्रीनिंग किया गया. प्रशासन की तरफ से सभी प्रवासियों को स्टेशन परिसर में उन्हें भोजन दिया गया.

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बिहार शरीफ पहुंचे श्रमिक

कई जिलों के श्रमिक भी पहुंचे
इस श्रमिक स्पेशल ट्रेन में नालंदा के अलावा लखीसराय, जमुई, छपरा, समस्तीपुर, वैशाली सहित कई जिलों के श्रमिक शामिल थे. इन श्रमिकों को परिवहन विभाग ने 45 बसों के जरिए गंतव्य स्थानों के लिए रवाना किया. सभी श्रमिकों को अपने प्रखंड स्थित क्वॉरेंटाइन सेंटर में 14 दिन तक क्वॉरेंटाइन रहने के बाद वापस घर भेजा जाएगा.

नालंदाः कोयंबतूर से श्रमिकों को लेकर स्पेशल ट्रेन शुक्रवार को बिहार शरीफ पहुंची. रेलवे स्टेशन पर ट्रेन पहुंचते ही श्रमिकों के चेहरे खिल उठे. श्रमिकों ने अपनी धरती को नमन किया. सभी लोग अपने घर पहुंचने पर खुशी जाहिर की. हालांकि रास्ते में हुए तकलीफ को लेकर रेल प्रशासन से शिकायत भी रही.

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थर्मल स्क्रीनिंग कराता युवक

करीब 1400 श्रमिकों से भरी इस ट्रेन में श्रमिकों को सही से भोजन नहीं मिल पाया. श्रमिकों ने शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि गुरुवार की दोपहर को मात्र भोजन मिल पाया. जबकि गुरुवार को एक-एक केला देकर छोड़ दिया गया जिसके कारण काफी परेशानी हुई. श्रमिकों ने दुखड़ा सुनाते हुए कहा कि लॉक डाउन में कंपनी की तरफ से खाना-पीना देना बंद कर दिया गया. वहीं, श्रमिकों ने सरकार से बिहार में ही कल कारखाना और रोजगार सृजन करने की मांग की है. ताकि फिर से उन्हें पलायन नहीं करना पड़े.

पेश है एक रिपोर्ट

6 घंटे लेट पहुंची ट्रेन

बता दें कि श्रमिक स्पेशल ट्रेन 10:45 बजे सुबह के बजाए अपने निर्धारित समय से करीब 6 घंटे 20 मिनट देर से बिहार शरीफ स्टेशन पर पहुंची. ट्रेन लेट होने की वजह से श्रमिकों को परेशानी झेलनी पड़ी. बिहार शरीफ रेलवे स्टेशन पर पहुंचते ही इन श्रमिकों का सबसे पहले थर्मल स्क्रीनिंग किया गया. प्रशासन की तरफ से सभी प्रवासियों को स्टेशन परिसर में उन्हें भोजन दिया गया.

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बिहार शरीफ पहुंचे श्रमिक

कई जिलों के श्रमिक भी पहुंचे
इस श्रमिक स्पेशल ट्रेन में नालंदा के अलावा लखीसराय, जमुई, छपरा, समस्तीपुर, वैशाली सहित कई जिलों के श्रमिक शामिल थे. इन श्रमिकों को परिवहन विभाग ने 45 बसों के जरिए गंतव्य स्थानों के लिए रवाना किया. सभी श्रमिकों को अपने प्रखंड स्थित क्वॉरेंटाइन सेंटर में 14 दिन तक क्वॉरेंटाइन रहने के बाद वापस घर भेजा जाएगा.

Last Updated : May 16, 2020, 11:56 PM IST
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