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नीतीश सरकार ने लाया लिफ्ट और एस्केलेटर के लिए नया कानून, नियमों के उल्लंघन पर होगी तीन महीने की सजा

बिहार सरकार की ओर से लिफ्ट और एस्केलेटर को लेकर कानून लाया गया है. जिसके तहत नियमों के उल्लंघन पर तीन महीने की सजा होगी.

LIFT AND ESCALATORS LAW
बिहार में लिफ्ट और एस्केलेटर कानून (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Nov 26, 2024, 8:01 PM IST

पटना: बिहार सरकार की ओर से लिफ्ट और एस्केलेटर को लेकर विधेयक पास कराया गया है. जिसे राज्यपाल से मंजूरी के बाद अब विधानसभा के सदन पटल पर सरकार के तरफ से रखा गया है. अब से इसे कानून का रूप दिया जाएगा. बिहार में 12000 से अधिक अपार्टमेंट है. वहीं सरकारी और गैर सरकारी कार्यालय भी बड़ी संख्या में है. जहां लिफ्ट और एस्केलेटर बड़े पैमाने पर लगाए जा रहे हैं और आए दिन दुर्घटना की खबर मिलती है.

दुर्घटनाओं को रोकने का इरादा: फिलहाल लिफ्ट और एस्केलेटर को लेकर कोई कानून नहीं था. जिसकी वजह से सरकार ने इस पर नियंत्रण के लिए कानून बनाया है. वहीं बिहार सरकार के मंत्री का कहना है कि इससे दुर्घटनाओं को रोकने में मदद मिलेगी. साथ ही सरकार को राजस्व भी प्राप्त होगा.

लिफ्ट और एस्केलेटर कानून (ETV Bharat)

लिफ्ट में दुर्घटना की कई घटना हुई: बिहार में लगातार लिफ्ट में दुर्घटना की घटना सामने आती रही है. इस साल बिहार के जहानाबाद में नवनिर्मित मॉल में एक कर्मी की मौत हो गई थी. बताया गया कि वह लिफ्ट कॉरिडोर में गिर गया, जिससे उसकी मौत हो गई. वहीं पटना के एक अपार्टमेंट में भी लिफ्ट दुर्घटना के कारण तीन बच्चों की जान जाते-जाते बची. सरकारी कार्यालय हो या सरकारी गेस्ट हाउस यहां भी लिफ्ट के खराब होने और उसमें बड़े अधिकारियों और राजनेताओं के फसने की खबर आती रही है.

मेंटेनेंस में होती थी लापरवाही: बिहार सरकार की ओर से पहले लिफ्ट और एस्केलेटर को लेकर कोई कानून नहीं बनाया गया था, जिसके कारण उस पर किसी तरह का नियंत्रण नहीं था. ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी ने बताया कि गुणवत्ता को लेकर भी कोई ध्यान नहीं रखा जाता था. मेंटेनेंस को लेकर भी लापरवाही बरती जाती थी लेकिन अब सरकार की ओर से लिफ्ट और एस्केलेटर को लेकर कानून बनाया गया है. राज्यपाल ने भी स्वीकृति दे दी है और इसे शीतकालीन सत्र में बिहार विधान सभा के पटल पर भी सरकार के तरफ से रख दिया गया है. अब जल्द ही यह कानून अमल में भी आएगा.

"भारत सरकार का जो मापदंड है उसके अनुसार ही बिहार सरकार ने भी लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर लिफ्ट और एस्केलेटर के लिए कानून बनाया है."- अशोक चौधरी, ग्रामीण कार्य मंत्री

इन राज्यों में पहले से है कानून: बिहार सरकार के कानून और नगर विकास मंत्री नितिन नवीन का कहना है कि सुरक्षा के मापदंड को ध्यान में रखकर ही कानून बनाया गया है. इसके गाइडलाइन को वो लोग लागू करेंगे, जिसमें गुणवत्ता का ख्याल रखा जाएगा. वहीं उससे दुर्घटना की संभावनाएं भी कम हो जाएंगी. बता दें कि देश के बड़े राज्यों महाराष्ट्र, गुजरात, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में पहले से लिफ्ट और एस्केलेटर को लेकर कानून बना हुआ है. अब बिहार सरकार के तरफ से भी कानून बनाया गया है, जिसके तहत मापदंड का पालन नहीं करने वालों पर कार्रवाई भी होगी.

"सुरक्षा के मापदंड को ध्यान में रखकर सरकार की ओर से ये कानून बनाया गया है. इसके गाइडलाइन को वो हम लोग लागू करेंगे, जिसमें गुणवत्ता का पूरा ख्याल रखा जाएगा और हादसों में भी कमी आएगी." -नितिन नवीन, मंत्री, बिहार सरकार

LIFT AND ESCALATORS LAW
लिफ्ट और एस्केलेटर की अहम बातें (ETV Bharat)

क्या है लिफ्ट और एस्केलेटर कानून: बिहार में अब लिफ्ट-एस्केलेटर के लिए सरकार से अनुमति लेनी होगी. विद्युत निरीक्षणालय से पंजीकरण करना होगा.
₹10000 का भुगतान करना होगा. वहीं 20 साल पुराने लिफ्ट को बदलना भी जरूरी है. नियम का उल्लंघन करने पर 3 महीने की सजा होगी और ₹50000 जुर्माना देना पड़ेगा. गंभीर मामलों में एक साथ सजा और जुर्माना दोनों होगा.

जानें निरीक्षण पर आएगा कितना खर्च: इस अधिनियम के अधीन नियुक्त निरीक्षक परिवाद दायर करेंगे तो कोई भी न्यायालय इस नियम के अधीन किसी मामले की सुनवाई नहीं करेगा. दुर्घटना को लेकर मोटर वाहन की तरह क्षतिपूर्ति के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस का प्रावधान किया गया है. प्रत्येक 3 साल पर विद्युत निरीक्षणालय इसकी जांच करेगा. निरीक्षण के लिए उपभोक्ता को 1875 रुपये देना होगा.

पिछले सत्र में कराया गया पास: भारत सरकार ने पहले ही यह कानून बनाया था और राज्यों को भी इसे लागू करने का निर्देश दिया था. बिहार सरकार की ओर से विधानसभा के पिछले सत्र में ही इसे पास कराया गया था. वहीं इस बार राज्यपाल से स्वीकृति मिलने के बाद विधानसभा सदन पटल पर रखा गया है, जिसे अब कानून का रूप दिया जाएगा.

लिफ्ट की गुणवत्ता और मेंटेनेंस पर जोर: बिहार में ऐसे तो 12000 से अधिक अपार्टमेंट में है. राजधानी पटना में ही 4000 से अधिक अपार्टमेंट है और 75000 से अधिक फ्लैट हैं. अधिकांश अपार्टमेंट में लिफ्ट है, इसके अलावा गैर सरकारी संस्थानों में भी कई स्थानों पर लिफ्ट लगाए गए हैं. स्टेशन, मॉल सहित बड़ी संख्या में दुकानों में भी लिफ्ट लगाए गए हैं. बता दें कि आने वाले दिनों में इसकी संख्या और बढ़ेगी. इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने यह बड़ी पहल की है. जिसमें लिफ्ट लगाने में गुणवत्ता का ध्यान रखा जाए साथ ही इसका मेंटेनेंस सही ढंग से हो इस पर भी जोर दिया जाएगा.

पढ़ें-पटना में अपार्टमेंट का लिफ्ट टूटकर गिरा नीचे, बाल-बाल बचे तीन बच्चे

पटना: बिहार सरकार की ओर से लिफ्ट और एस्केलेटर को लेकर विधेयक पास कराया गया है. जिसे राज्यपाल से मंजूरी के बाद अब विधानसभा के सदन पटल पर सरकार के तरफ से रखा गया है. अब से इसे कानून का रूप दिया जाएगा. बिहार में 12000 से अधिक अपार्टमेंट है. वहीं सरकारी और गैर सरकारी कार्यालय भी बड़ी संख्या में है. जहां लिफ्ट और एस्केलेटर बड़े पैमाने पर लगाए जा रहे हैं और आए दिन दुर्घटना की खबर मिलती है.

दुर्घटनाओं को रोकने का इरादा: फिलहाल लिफ्ट और एस्केलेटर को लेकर कोई कानून नहीं था. जिसकी वजह से सरकार ने इस पर नियंत्रण के लिए कानून बनाया है. वहीं बिहार सरकार के मंत्री का कहना है कि इससे दुर्घटनाओं को रोकने में मदद मिलेगी. साथ ही सरकार को राजस्व भी प्राप्त होगा.

लिफ्ट और एस्केलेटर कानून (ETV Bharat)

लिफ्ट में दुर्घटना की कई घटना हुई: बिहार में लगातार लिफ्ट में दुर्घटना की घटना सामने आती रही है. इस साल बिहार के जहानाबाद में नवनिर्मित मॉल में एक कर्मी की मौत हो गई थी. बताया गया कि वह लिफ्ट कॉरिडोर में गिर गया, जिससे उसकी मौत हो गई. वहीं पटना के एक अपार्टमेंट में भी लिफ्ट दुर्घटना के कारण तीन बच्चों की जान जाते-जाते बची. सरकारी कार्यालय हो या सरकारी गेस्ट हाउस यहां भी लिफ्ट के खराब होने और उसमें बड़े अधिकारियों और राजनेताओं के फसने की खबर आती रही है.

मेंटेनेंस में होती थी लापरवाही: बिहार सरकार की ओर से पहले लिफ्ट और एस्केलेटर को लेकर कोई कानून नहीं बनाया गया था, जिसके कारण उस पर किसी तरह का नियंत्रण नहीं था. ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी ने बताया कि गुणवत्ता को लेकर भी कोई ध्यान नहीं रखा जाता था. मेंटेनेंस को लेकर भी लापरवाही बरती जाती थी लेकिन अब सरकार की ओर से लिफ्ट और एस्केलेटर को लेकर कानून बनाया गया है. राज्यपाल ने भी स्वीकृति दे दी है और इसे शीतकालीन सत्र में बिहार विधान सभा के पटल पर भी सरकार के तरफ से रख दिया गया है. अब जल्द ही यह कानून अमल में भी आएगा.

"भारत सरकार का जो मापदंड है उसके अनुसार ही बिहार सरकार ने भी लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर लिफ्ट और एस्केलेटर के लिए कानून बनाया है."- अशोक चौधरी, ग्रामीण कार्य मंत्री

इन राज्यों में पहले से है कानून: बिहार सरकार के कानून और नगर विकास मंत्री नितिन नवीन का कहना है कि सुरक्षा के मापदंड को ध्यान में रखकर ही कानून बनाया गया है. इसके गाइडलाइन को वो लोग लागू करेंगे, जिसमें गुणवत्ता का ख्याल रखा जाएगा. वहीं उससे दुर्घटना की संभावनाएं भी कम हो जाएंगी. बता दें कि देश के बड़े राज्यों महाराष्ट्र, गुजरात, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में पहले से लिफ्ट और एस्केलेटर को लेकर कानून बना हुआ है. अब बिहार सरकार के तरफ से भी कानून बनाया गया है, जिसके तहत मापदंड का पालन नहीं करने वालों पर कार्रवाई भी होगी.

"सुरक्षा के मापदंड को ध्यान में रखकर सरकार की ओर से ये कानून बनाया गया है. इसके गाइडलाइन को वो हम लोग लागू करेंगे, जिसमें गुणवत्ता का पूरा ख्याल रखा जाएगा और हादसों में भी कमी आएगी." -नितिन नवीन, मंत्री, बिहार सरकार

LIFT AND ESCALATORS LAW
लिफ्ट और एस्केलेटर की अहम बातें (ETV Bharat)

क्या है लिफ्ट और एस्केलेटर कानून: बिहार में अब लिफ्ट-एस्केलेटर के लिए सरकार से अनुमति लेनी होगी. विद्युत निरीक्षणालय से पंजीकरण करना होगा.
₹10000 का भुगतान करना होगा. वहीं 20 साल पुराने लिफ्ट को बदलना भी जरूरी है. नियम का उल्लंघन करने पर 3 महीने की सजा होगी और ₹50000 जुर्माना देना पड़ेगा. गंभीर मामलों में एक साथ सजा और जुर्माना दोनों होगा.

जानें निरीक्षण पर आएगा कितना खर्च: इस अधिनियम के अधीन नियुक्त निरीक्षक परिवाद दायर करेंगे तो कोई भी न्यायालय इस नियम के अधीन किसी मामले की सुनवाई नहीं करेगा. दुर्घटना को लेकर मोटर वाहन की तरह क्षतिपूर्ति के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस का प्रावधान किया गया है. प्रत्येक 3 साल पर विद्युत निरीक्षणालय इसकी जांच करेगा. निरीक्षण के लिए उपभोक्ता को 1875 रुपये देना होगा.

पिछले सत्र में कराया गया पास: भारत सरकार ने पहले ही यह कानून बनाया था और राज्यों को भी इसे लागू करने का निर्देश दिया था. बिहार सरकार की ओर से विधानसभा के पिछले सत्र में ही इसे पास कराया गया था. वहीं इस बार राज्यपाल से स्वीकृति मिलने के बाद विधानसभा सदन पटल पर रखा गया है, जिसे अब कानून का रूप दिया जाएगा.

लिफ्ट की गुणवत्ता और मेंटेनेंस पर जोर: बिहार में ऐसे तो 12000 से अधिक अपार्टमेंट में है. राजधानी पटना में ही 4000 से अधिक अपार्टमेंट है और 75000 से अधिक फ्लैट हैं. अधिकांश अपार्टमेंट में लिफ्ट है, इसके अलावा गैर सरकारी संस्थानों में भी कई स्थानों पर लिफ्ट लगाए गए हैं. स्टेशन, मॉल सहित बड़ी संख्या में दुकानों में भी लिफ्ट लगाए गए हैं. बता दें कि आने वाले दिनों में इसकी संख्या और बढ़ेगी. इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने यह बड़ी पहल की है. जिसमें लिफ्ट लगाने में गुणवत्ता का ध्यान रखा जाए साथ ही इसका मेंटेनेंस सही ढंग से हो इस पर भी जोर दिया जाएगा.

पढ़ें-पटना में अपार्टमेंट का लिफ्ट टूटकर गिरा नीचे, बाल-बाल बचे तीन बच्चे

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