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देश की दूसरी हाई एल्टीट्यूड बैलून फैसिलिटी बंगाल में शुरू हुई, 100 फीट व्यास का गुब्बारा लॉन्च

पश्चिम बंगाल के बीरभूम स्थित आईसीएसपी के एक वैज्ञानिक ने बताया कि लगभग 100 फीट व्यास का एक गुब्बारा लॉन्च किया गया है.

देश की दूसरी हाई एल्टीट्यूड बैलून फैसिलिटी बंगाल में शुरू हुई
देश की दूसरी हाई एल्टीट्यूड बैलून फैसिलिटी बंगाल में शुरू हुई (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 26, 2024, 8:15 PM IST

कोलकाता: तेलंगाना के हैदराबाद में देश के पहले हाई एल्टीट्यूड बैलून फैसिलिटी लॉन्चिंग सेंटर के उद्घाटन के 63 साल बाद, इंडियन सेंटर फॉर स्पेस फिजिक्स (ICSP) ने पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में भारत का दूसरा ऐसा लॉन्च सेंटर स्थापित किया है.इसके लिए जिला मुख्यालय सूरी से 18 किलोमीटर दूर चंद्रपुर गांव में लॉन्चिंग सेंटर बनाया गया है, जहां वैज्ञानिकों ने वायुमंडलीय डेटा का विश्लेषण करने के लिए एक हाई एल्टीट्यूड बैलून लॉन्च किया.

बीरभूम स्थित आईसीएसपी के एक वैज्ञानिक ने बताया कि लगभग 100 फीट व्यास का एक गुब्बारा लॉन्च किया गया है, जो पृथ्वी की सतह से लगभग 40 किलोमीटर की ऊंचाई पर 'एक्टिव' हो जाता है, जिससे उसका पेलोड निकल जाता है और अंत में यह डेटा को वापस भेजता है.

'सेंटर से अलग-अलग रेंज वाले गुब्बारे छोड़े जाएंगे'
ICSP के संस्थापक संदीप चक्रवर्ती ने ईटीवी भारत को बताया कि आने वाले दिनों में सेंटर से अलग-अलग रेंज वाले गुब्बारे छोड़े जाएंगे. चक्रवर्ती ने कहा, "वायुमंडलीय डेटा का विश्लेषण करने के लिए इस केंद्र का महत्व बहुत अधिक है. हम 20 फीट से लेकर 100 फीट व्यास वाले गुब्बारे छोड़ना चाहते हैं. इनमें से हर गुब्बारे में हमारे रिसर्च वर्क के लिए अमूल्य जानकारी प्रसारित करने की कैपेबलिटी होगी."

देश की दूसरी हाई एल्टीट्यूड बैलून फैसिलिटी बंगाल में शुरू हुई (ETV Bharat)

उन्होंने कहा कि 7 माइक्रोन पॉलीथीन से बने 9 किलोग्राम वजन वाले गुब्बारे, जिसे हाई एल्टीट्यूड बैलून भी कहा जाता है. इसमें कई एडवांस कंपोनेंट लगे होते हैं. गुब्बारे को हाइड्रोजन गैस से भरकर लॉन्च किया जाता है. जमीन से लगभग 40 किमी ऊपर उठने के बाद गुब्बारे को वायुमंडल का वजन ऊपर उठाता है.

चक्रवर्ती ने बताया कि वायुमंडल में मौजूद गैसों का डेटा, सूर्य की किरणों की गतिविधि, किसी भी ब्रह्मांडीय कणों की उपस्थिति से जुड़े कुछ अहम सवाल हैं, जो पेलोड द्वारा रिले किए जाते हैं. इन सबके साथ, गुब्बारा मौसम संबंधी विभिन्न सूचनाओं को बहुत आसानी से एकत्र करता है और मौसम के पैटर्न का विश्लेषण करने में मदद करता है.

आईसीएसपी ने अब तक 114 बार गुब्बारे छोड़े
चक्रवर्ती ने कहा कि आईसीएसपी ने अब तक 114 बार गुब्बारे छोड़े हैं, लेकिन यह पहली बार है कि संगठन के पास इसके लिए एक डेडिकेटेड लॉन्चिंग सेंटर भी है. चक्रवर्ती ने कहा कि सेंटर के लिए लोकेशन के साथ-साथ भौगोलिक स्थिति के गहन विश्लेषण के बाद इसका चयन किया गया था. चूंकि चंद्रपुर गांव बांग्लादेश की सीमा से बहुत दूर है, इसलिए गुब्बारों के सुरक्षित वापस लौटने की सकारात्मक संभावना है.

वैज्ञानिक ने कहा, "बीरभूम में यह खाली जगह रिसर्च के लिए उपयुक्त है. आने वाले दिनों में हम ऊपरी वायुमंडल में शोध कर सकेंगे. यह लॉन्चिंग सेंटर अगले स्तर पर जाने में बहुत मददगार साबित होगा. भारत में उच्च ऊंचाई वाले गुब्बारों का यह दूसरा लॉन्च सेंटर भारत के पूर्वी हिस्से में जटिल वायुमंडलीय डेटा विश्लेषण का मार्ग प्रशस्त करेगा."

यह भी पढ़ें- बंगाल की खाड़ी में बुधवार को बनेगा चक्रवात फेंगल, तमिलनाडु में पर पड़ सकता है असर

कोलकाता: तेलंगाना के हैदराबाद में देश के पहले हाई एल्टीट्यूड बैलून फैसिलिटी लॉन्चिंग सेंटर के उद्घाटन के 63 साल बाद, इंडियन सेंटर फॉर स्पेस फिजिक्स (ICSP) ने पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में भारत का दूसरा ऐसा लॉन्च सेंटर स्थापित किया है.इसके लिए जिला मुख्यालय सूरी से 18 किलोमीटर दूर चंद्रपुर गांव में लॉन्चिंग सेंटर बनाया गया है, जहां वैज्ञानिकों ने वायुमंडलीय डेटा का विश्लेषण करने के लिए एक हाई एल्टीट्यूड बैलून लॉन्च किया.

बीरभूम स्थित आईसीएसपी के एक वैज्ञानिक ने बताया कि लगभग 100 फीट व्यास का एक गुब्बारा लॉन्च किया गया है, जो पृथ्वी की सतह से लगभग 40 किलोमीटर की ऊंचाई पर 'एक्टिव' हो जाता है, जिससे उसका पेलोड निकल जाता है और अंत में यह डेटा को वापस भेजता है.

'सेंटर से अलग-अलग रेंज वाले गुब्बारे छोड़े जाएंगे'
ICSP के संस्थापक संदीप चक्रवर्ती ने ईटीवी भारत को बताया कि आने वाले दिनों में सेंटर से अलग-अलग रेंज वाले गुब्बारे छोड़े जाएंगे. चक्रवर्ती ने कहा, "वायुमंडलीय डेटा का विश्लेषण करने के लिए इस केंद्र का महत्व बहुत अधिक है. हम 20 फीट से लेकर 100 फीट व्यास वाले गुब्बारे छोड़ना चाहते हैं. इनमें से हर गुब्बारे में हमारे रिसर्च वर्क के लिए अमूल्य जानकारी प्रसारित करने की कैपेबलिटी होगी."

देश की दूसरी हाई एल्टीट्यूड बैलून फैसिलिटी बंगाल में शुरू हुई (ETV Bharat)

उन्होंने कहा कि 7 माइक्रोन पॉलीथीन से बने 9 किलोग्राम वजन वाले गुब्बारे, जिसे हाई एल्टीट्यूड बैलून भी कहा जाता है. इसमें कई एडवांस कंपोनेंट लगे होते हैं. गुब्बारे को हाइड्रोजन गैस से भरकर लॉन्च किया जाता है. जमीन से लगभग 40 किमी ऊपर उठने के बाद गुब्बारे को वायुमंडल का वजन ऊपर उठाता है.

चक्रवर्ती ने बताया कि वायुमंडल में मौजूद गैसों का डेटा, सूर्य की किरणों की गतिविधि, किसी भी ब्रह्मांडीय कणों की उपस्थिति से जुड़े कुछ अहम सवाल हैं, जो पेलोड द्वारा रिले किए जाते हैं. इन सबके साथ, गुब्बारा मौसम संबंधी विभिन्न सूचनाओं को बहुत आसानी से एकत्र करता है और मौसम के पैटर्न का विश्लेषण करने में मदद करता है.

आईसीएसपी ने अब तक 114 बार गुब्बारे छोड़े
चक्रवर्ती ने कहा कि आईसीएसपी ने अब तक 114 बार गुब्बारे छोड़े हैं, लेकिन यह पहली बार है कि संगठन के पास इसके लिए एक डेडिकेटेड लॉन्चिंग सेंटर भी है. चक्रवर्ती ने कहा कि सेंटर के लिए लोकेशन के साथ-साथ भौगोलिक स्थिति के गहन विश्लेषण के बाद इसका चयन किया गया था. चूंकि चंद्रपुर गांव बांग्लादेश की सीमा से बहुत दूर है, इसलिए गुब्बारों के सुरक्षित वापस लौटने की सकारात्मक संभावना है.

वैज्ञानिक ने कहा, "बीरभूम में यह खाली जगह रिसर्च के लिए उपयुक्त है. आने वाले दिनों में हम ऊपरी वायुमंडल में शोध कर सकेंगे. यह लॉन्चिंग सेंटर अगले स्तर पर जाने में बहुत मददगार साबित होगा. भारत में उच्च ऊंचाई वाले गुब्बारों का यह दूसरा लॉन्च सेंटर भारत के पूर्वी हिस्से में जटिल वायुमंडलीय डेटा विश्लेषण का मार्ग प्रशस्त करेगा."

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