ETV Bharat / state

गंगा की अविरलता और निर्मलता के लिए जल पुरुष ने किया सत्याग्रह का समर्थन

पद्मावती की ओर से देश के गौरव और गरिमा को बचाने और गंगा अविरल और निर्मल होकर बह सके, इसके लिए की जा रही तपस्या की जा रही है. जिसमें लोगों से इसमें योगदान देने की अपील की जा रही है.

author img

By

Published : Jan 20, 2020, 8:01 AM IST

जल पुरुष
जल पुरुष

नालंदा: गंगा की अविरलता और निर्मलता को लेकर नालंदा की बेटी पद्मावती की ओर से पिछले 35 दिनों से हरिद्वार-उत्तराखंड में गंगा के तट पर आमरण अनशन और सत्याग्रह किया जा रहा है. इस आमरण अनशन और सत्याग्रह के समर्थन में बिहार शरीफ के आईएमए हॉल में पद्मावती गंगा सत्याग्रह समर्थन सम्मेलन का आयोजन किया गया. जिसका समर्थन जल पुरुष डॉ. राजेंद्र सिंह ने किया.

इस अवसर पर मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित जल पुरुष डॉ. राजेंद्र सिंह ने कहा कि अलकनंदा और मंदाकिनी पर चार बांध बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से किस मंशा से यह बांध बनाया जा रहा है, यह मालूम नहीं है. लेकिन, इस बांध को रद्द कराने के लिए पद्मावती की ओर से हरिद्वार के आमरण अनशन और सत्याग्रह किया जा रहा है. जल पुरुष ने कहा कि बांध के बन जाने से गंगा की अविरलता और निर्मलता पर असर पड़ेगा.

nalanda
सम्मेलन में शामिल जल पुरुष राजेंद्र सिंह

'बांध से होगी समस्या'
पद्मावती की ओर से देश के गौरव और गरिमा को बचाने और गंगा अविरल और निर्मल होकर बह सके, इसके लिए की जा रही तपस्या की जा रही है. जिसमें लोगों से इसमें योगदान देने की अपील की जा रही है. जल पुरुष राजेंद्र सिंह ने बिहार की जनता से गंगा को बचाने और उसकी आजादी कायम रखने के लिए दिल्ली के जंतर-मंतर पर जाकर अनशन करने की बात भी कही. राजेंद्र सिहं ने कहा कि गंगा पर बांध बनता है तो बिहार में गंगाजल नहीं आ सकेगा.

'प्राचीन काल से ऋषि-मुनियों की रही भूमि'
बता दें कि नालंदा की बेटी युवा सन्यासिनी पद्मावती जो पिछले 35 दिनों से हरिद्वार-उत्तराखंड में गंगा की अविरलता और निर्मलता के लिए बलिदान देने को तत्पर है. इस बाबत रविवार को सत्याग्रह के समर्थन में सम्मेलन का आयोजन किया गया. जल पुरुष ने कहा कि नालंदा प्राचीन काल से ही ऋषि-मुनियों की भूमि रही है. उन्होंने कहा कि आज नालंदा की बेटी जो समाज और देश के नवनिर्माण सहित गंगा की स्वच्छता और सुंदर बनाए रखने साथ ही भारत सरकार की ओर से गंगा पर बांध बनाकर गंगा जल को रोकने के खिलाफ सत्याग्रह किया जा रहा है. इससे पूरे देश की गरिमा बढ़ी है.

नालंदा से ईटीवी भारत की रिपोर्ट

23 साल की उम्र में लिया संन्यास
मालूम हो कि पद्मावती की ओर से 23 साल की उम्र में संन्यास का रूप धारण कर और गंगा की लड़ाई में कूद पड़ी हैं. वे अपने घर-परिवार को त्याग दिया और गंगा की अविरलता और निर्मलता को लेकर सत्याग्रह शुरू करने का काम किया है.

नालंदा: गंगा की अविरलता और निर्मलता को लेकर नालंदा की बेटी पद्मावती की ओर से पिछले 35 दिनों से हरिद्वार-उत्तराखंड में गंगा के तट पर आमरण अनशन और सत्याग्रह किया जा रहा है. इस आमरण अनशन और सत्याग्रह के समर्थन में बिहार शरीफ के आईएमए हॉल में पद्मावती गंगा सत्याग्रह समर्थन सम्मेलन का आयोजन किया गया. जिसका समर्थन जल पुरुष डॉ. राजेंद्र सिंह ने किया.

इस अवसर पर मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित जल पुरुष डॉ. राजेंद्र सिंह ने कहा कि अलकनंदा और मंदाकिनी पर चार बांध बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से किस मंशा से यह बांध बनाया जा रहा है, यह मालूम नहीं है. लेकिन, इस बांध को रद्द कराने के लिए पद्मावती की ओर से हरिद्वार के आमरण अनशन और सत्याग्रह किया जा रहा है. जल पुरुष ने कहा कि बांध के बन जाने से गंगा की अविरलता और निर्मलता पर असर पड़ेगा.

nalanda
सम्मेलन में शामिल जल पुरुष राजेंद्र सिंह

'बांध से होगी समस्या'
पद्मावती की ओर से देश के गौरव और गरिमा को बचाने और गंगा अविरल और निर्मल होकर बह सके, इसके लिए की जा रही तपस्या की जा रही है. जिसमें लोगों से इसमें योगदान देने की अपील की जा रही है. जल पुरुष राजेंद्र सिंह ने बिहार की जनता से गंगा को बचाने और उसकी आजादी कायम रखने के लिए दिल्ली के जंतर-मंतर पर जाकर अनशन करने की बात भी कही. राजेंद्र सिहं ने कहा कि गंगा पर बांध बनता है तो बिहार में गंगाजल नहीं आ सकेगा.

'प्राचीन काल से ऋषि-मुनियों की रही भूमि'
बता दें कि नालंदा की बेटी युवा सन्यासिनी पद्मावती जो पिछले 35 दिनों से हरिद्वार-उत्तराखंड में गंगा की अविरलता और निर्मलता के लिए बलिदान देने को तत्पर है. इस बाबत रविवार को सत्याग्रह के समर्थन में सम्मेलन का आयोजन किया गया. जल पुरुष ने कहा कि नालंदा प्राचीन काल से ही ऋषि-मुनियों की भूमि रही है. उन्होंने कहा कि आज नालंदा की बेटी जो समाज और देश के नवनिर्माण सहित गंगा की स्वच्छता और सुंदर बनाए रखने साथ ही भारत सरकार की ओर से गंगा पर बांध बनाकर गंगा जल को रोकने के खिलाफ सत्याग्रह किया जा रहा है. इससे पूरे देश की गरिमा बढ़ी है.

नालंदा से ईटीवी भारत की रिपोर्ट

23 साल की उम्र में लिया संन्यास
मालूम हो कि पद्मावती की ओर से 23 साल की उम्र में संन्यास का रूप धारण कर और गंगा की लड़ाई में कूद पड़ी हैं. वे अपने घर-परिवार को त्याग दिया और गंगा की अविरलता और निर्मलता को लेकर सत्याग्रह शुरू करने का काम किया है.

Intro:गंगा की अविरलता एवं निर्मलता बनाए रखने के लिए सत्याग्रह का किया समर्थन
नालंदा की बेटी द्वारा 35 दिनों से हरिद्वार में किया जा रहा है सत्याग्रह
नालंदा। गंगा की अविरलता एवं निर्मलता को लेकर नालंदा की बेटी पद्मावती द्वारा पिछले 35 दिनों से हरिद्वार उत्तराखंड में गंगा के तट पर आमरण अनशन एवं सत्याग्रह किया जा रहा है । इस आमरण अनशन एवं सत्याग्रह के समर्थन में बिहार शरीफ के आईएमए हॉल में पद्मावती गंगा सत्याग्रह समर्थन सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित जल पुरुष डॉ राजेंद्र सिंह ने कहा कि अलकनंदा एवं मंदाकिनी पर चार बांध बनाया जा रहा है। सरकार द्वारा किस मंशा से यह बांध बनाया जा रहा है यह उन्हें मालूम नहीं है लेकिन इस बांध को रद्द कराने के लिए पद्मावती द्वारा हरिद्वार के आमरण अनशन एवं सत्याग्रह किया जा रहा है। बांध के बन जाने से गंगा की अविरलता एवं निर्मलता पर असर पड़ेगा।


Body:पद्मावती द्वारा देश के गौरव और गरिमा को बचाने एवं गंगा अविरल एवं निर्मल हो कर बह सके इसके लिए की जा रही तपस्या में लोगों को से योगदान देने की अपील की । उन्होंने बिहार की जनता से गंगा को बचाने एवं गंगा की आजादी कायम रखने के लिए दिल्ली के जंतर-मंतर पर जाकर अनशन करने की बात कही । उन्होंने कहा कि गंगा पर बांध बनता है तो बिहार में गंगाजल नहीं आ सकेगा।
नालंदा की बेटी युवा सन्यासिनी पद्मावती जो कि 35 दिनों से हरिद्वार उत्तराखंड में गंगा की अविरलता एवं निर्मलता के लिए बलिदान को तत्पर है । आज उस सत्याग्रह के समर्थन में सम्मेलन का आयोजन किया गया। उन्होंने कहा कि नालंदा प्राचीन काल से ही ऋषि-मुनियों की भूमि रही है। आज नालंदा की बेटी जो समाज व देश के नवनिर्माण सहित गंगा की स्वच्छता व सुंदर बनाए रखने एवं भारत सरकार द्वारा गंगा पर बांध बनाकर गंगा जल को रोकने के खिलाफ सत्याग्रह किया जा रहा है इससे पूरे देश की गरिमा बढ़ी है।


Conclusion:मालूम हो कि पद्मावती द्वारा 23 साल की उम्र में सन्यास का रूप धारण कर लिया और गंगा की लड़ाई में कूद पड़ी है। वे अपने घर परिवार को त्याग दिया और गंगा की अविरलता एवं निर्मलता को लेकर सत्याग्रह शुरू करने का काम किया है।
बाइट। डॉ राजेन्द्र सिंह, जल पुरुष
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.