नालंदा: पर्यटन स्थल राजगीर में बन रहे जू सफारी पार्क का निर्माण कार्य बहुत तेजी गति से पूरा किया जा रहा है. इसका निर्माण कार्य अंतिम चरण में पहुंच गया है. इसी बीच जानवर लाने की भी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. इस अवसर पर जू सफारी पार्क के निदेशक हेमंत पाटील ने बताया कि जू सफारी पार्क का निर्माण कार्य अंतिम चरण पर है. शेष बचे निर्माण कार्य तेजी गति से पूरा किया जा रहा है.
काकड़ प्रजाती का हिरन
जानवर लाने की प्रक्रिया के प्रथम फेज में पटना चिड़िया घर से बार्किंग डियर यानी काकड़ प्रजाती का हिरन लाया गया. राजगीर के जू सफारी में जानवरों की पहली खेप पहुंच गयी है. कुल 8 बार्किंग डियर लाए गए है. कुछ प्रजातियों के पहले से मौजूद है. उसको भी सफारी पार्क में रखा गया है. इसके अलावा बार्किंग डियर प्रजातियों को भी मंगाए जा रहे हैं. बड़े जानवर को लाने के लिए भारत सरकार के केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण से अनुमति लेना होता है और इसके लिए अनुमति मांगा गया है. इस महीने ही अनुमति मिलने की उम्मीद है. इसके बाद बड़े जानवर बाघ, चीता, भालू सहित अन्य जानवर लाए जाएंगे. इसलिए प्रथम फेज में छोटे जानवर लाया जा रहा है.
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177 करोड़ रुपये लागत से पार्क का निर्माण
बता दें कि जानवर लाने के लिए बहुत सी सावधानियां बरतनी पड़ती है. इसीलिए सभी प्रक्रियाओं को जल्द से जल्द पूरा किया जा रहा है. बताये हुए चले की जू सफारी पार्क निर्माण कार्य में कुल 177 करोड़ रुपये खर्च होंगे. यहां जानवरों के लिए उच्च स्तरीय अस्पताल का निर्माण कार्य किया गया है. जिसमें यहां रहने वाले समुचित जानवरों को हर उच्च स्तरीय इलाज होगा. जिसमें जानवरों के लिए वरिय चिकित्सकों का यहां अस्पताल नियुक्ती होगी. साथ ही जानवरों की मृत्यु होने पर पोस्टमार्टम की भी सुविधा रहेगी.
कचरा प्रबंधन सेंटर का निर्माण
जू सफारी पार्क में कचरा प्रबंधन सेंटर का भी निर्माण कार्य किया गया है. यहां सड़क का भी निर्माण कार्य बिल्कुल नेचुरल रुप से हुआ है. बौन्डरी वॉल का काम साढ़े चार किलोमीटर के दायरे में पूरा किया गया है. यह निर्माण कार्य बिल्कुल नेचुरल होगा. जानवरों के रहने वाले स्थान बिल्कुल इक्को फ्रेंडली होगा. यह राजगीर वन्य प्राणी स्वर्ण गिरी पर्वत और व्यवहार गिरी पर्वत के बीच की घाटी वाले हिस्से में विकसित किया गया है. इसमें 72 हेक्टेयर क्षेत्रफल का पुराना मृग विहार भी समाहित है. इसमें निम्न वन्य जन्तुओं के लिए घेरान वाले पांच जोन में होंगे.
खोले जाएंगे कुल 5 टिकट काउंटर
प्रवेश गेट के पास कुल पांच टिकट काउंटर खोले जाएंगे. वहीं जब लोग प्रवेश गेट के अंदर करेगे तो औरिनंटर में पूरे सफारी पार्क का पिक्चर दिखाया जाएगा. जिससे उन्हें घूमने में कोई परेशानी न हो. बता दें कि 480 एकड़ जमीन के अलावा और भी जमीन का भाग रखा गया है. इस सफारी पार्क का डिजाइनिंग छतीसगढ़ के कंपनी के माध्यम से किया गया है.