नालंदा: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तीन दिवसीय नालंदा दौरे पर हैं. इस दौरान रविवार को मुख्यमंत्री राजगीर में निर्माण हो रहे रोपवे का निरीक्षण करने पहुंचे. निर्माण कार्य में हो रहे देरी को लेकर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों की क्लास लगाई और कार्य को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए कहा.
रोपवे के निरीक्षण के दौरान कार्य में हो रही देरी के कारण सीएम ने मुख्य सचिव सहित कई अधिकारियों की क्लास भी लगाई. मुख्यमंत्री ने कहा कि एक महीने के अंदर निर्माण कार्य पूरा हो जाना चाहिए. अभी गर्मी का समय है, जिसके कारण पर्यटकों की संख्या भी कम है, इसलिए निर्माण कार्य में तेजी आना चाहिए.
अधिकारियों के साथ की बैठक
मुख्यमंत्री ने करीब एक घंटा तक राजगीर रोपवे का निरीक्षण किया. इसके बाद अधिकारियों के साथ बैठक की. जिसमें उन्होंने कई तरह के सुझाव भी दिए. साथ ही जर्जर टिकट काउंटर को जल्द से जल्द दुरुस्त करने का निर्देश दिया.
अक्टूबर में होने वाला है विश्व शांति स्तूप का वार्षिक सम्मेलन
बता दें कि 25 अक्टूबर को विश्व शांति स्तूप का वार्षिक सम्मेलन है. इसमें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के शिरकत करने की भी संभावना है. मुख्यमंत्री चाहते हैं कि इससे पहले रोपवे तैयार हो जाए. निरीक्षण के दौरान पर्यटन मंत्री कृष्ण कुमार ऋषि, मंत्री अशोक चौधरी, सांसद कौशलेंद्र कुमार, विधायक रविज्योति, चन्द्रसेन प्रसाद सहित अन्य लोग उपस्थित रहे.
8 क्षेत्रों में हो रहा है रोपवे का निर्माण
बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूरे बिहार मे 8 विभिन्न क्षेत्रों में रोपवे के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की है. राजगीर सहित अब बिहार के अन्य स्थानों के महत्ता के मद्देनजर रोपवे लगाये जा रहे हैं.
1969 में बना था पहला रोपवे
प्रदेश में सबसे पहले 1969 में राजगीर के रत्नागिरी पर्वत पर रोपवे लगाया गया था. बिहार में राजगीर के अलावा बांका का मदौर पर्वत, रोहतासगढ़ का किला, मुंडेश्वरी कैमूर, बड़ाबर (बनावर), जहानाबाद, प्रेतशिला गया, ब्रह्मयोगी पर्वत, डुंगेसरी गया में नए रोपवे लगाए जा रहे हैं.
बता दें कि शांति स्तूप तक जाने के लिये जापान सरकार के सहयोग से 1969 में पहले रोपवे का निर्माण किया गया था. इसकी लम्बाई लगभग 2200 फीट है और इसमें 11 टावर और 101 कुर्सियां हैं. यह पूर्णतः बिजली से चलती है. अब इसी के समानांतर एक और रोप वे बनायी जा रही है.