मुजफ्फरपुर : बिहार के मुजफ्फरपुर में करीब डेढ़ साल पहले अंखफोड़वा काण्ड मामले में आई हाॅस्पिटल को सील कर दिया गया था. मंगलवार को डेढ़ साल बाद हाईकोर्ट के आदेश पर आई हॉस्पिटल का सील खुला. मजिस्ट्रेट और ब्राह्मपुरा थाना की पुलिस की उपस्थिति में आई हॉस्पिटल का सील खोला गया है. हाॅस्पिटल का सील खुल जाने के बाद इसके सचिव ने खुशी जाहिर की.
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2021 में अस्पताल को किया गया था सील: ब्रह्मपुरा थाना थानाध्यक्ष नवीन कुमार ने कहा कि अस्पताल के पांच कमरों को सील किया गया था. इसमें डाॅक्टर का चैंबर, ओपीडी, ऑपरेशन थियेटर, दवाखाना आदि से हाईकोर्ट के निर्देशानुसार सील हटाया गया है. 2021 में इस हाॅस्पिटल को सील किया गया था. वहीं अस्पताल के सचिव ने बताया यह काफी खुशी की बात है. मामले की जांच चल रही है. सिविल सर्जन से अनुमति मिलने के बाद सेवा शुरू की जाएगी.
काफी दिनों तक गरमाई रही थी सियासत: बता दें कि इस अंखफोड़वा कांड के बाद कई महीनों तक बिहार की सियासत भी गरमाई रही थी. इसके बाद इस मामले की जांच की गई थी. जांच रिपोर्ट में पता चला था कि अस्पताल के जिस ऑपरेशन थियेटर में मोतियाबिंद का ऑपरेशन हुआ था. वहां सिडोमोनास और स्टेफायलोकोकस नामक दो तरह की बैक्टिरिया थी. इन जीवाणुओं की वजह से हीं आंखों में इंफेक्शन फैल गया था. बाद में अस्पताल के OPD, ऑपरेशन थिएटर और दवाखाना को सील कर दिया गया था.
क्या था मामला : मालूम हो कि साल 2021 के 24 नवंबर को आई हाॅस्पिटल में एक विशेष कैम्प का आयोजन किया गया था. इसमें एक साथ 65 लोगों के मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया गया था. इसके बाद सभी मरीजों की आंखों में इंफेक्शन फैल गया. करीब 25 मरीजों की आंखे खराब हो गई थी. इसके बाद 16 मरीजों की आंखे निकालनी पड़ी थी. मरीज जब आंखों में इंफेक्शन की शिकायत लेकर पहुंचे थे तो कईयों की आंख निकालने की डाक्टरों ने बात कही थी. अन्यथा दूसरे आंख भी खराब हो सकती थी.
"अस्पताल के पांच कमरों को सील किया गया था. इसमें डाॅक्टर का चैंबर, ओपीडी, ऑपरेशन थियेटर, दवाखाना आदि से हाईकोर्ट के निर्देशानुसार सील हटाया गया है. 2021 में इस हाॅस्पिटल को सील किया गया था" - नवीन कुमार, थानाध्यक्ष, ब्रह्मपुरा थाना