मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर में जेल अधिकारियों पर कैदियों के पास शराब और नशीली पदार्थ पहुंचवाने का आरोप ( delivering alcohol and drugs in muzaffarpur Jail) लगा है. जिले के शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा में शराब और अन्य नशीले पदार्थ पहुंचवाने के बाद कैदियों से अवैध रुप से वसूली कराने का आरोप जेल के दो अधिकारियों पर लगा है. सूचना मिलने के बाद उन अधिकारियों के खिलाफ करने के लिए विभागीय स्तर पर जांच पड़ताल की जाएगी. जेल में सामग्रियों के आपूर्तिकर्ता रहे संवेदक रमेश सिंह की शिकायत के बाद गृह विभाग के संयुक्त सचिव रजनीश कुमार सिंह (ADDITIONAL SECRETARY RAJNEESH KUMAR SINGH) ने मुजफ्फरपुर जेल के काराधीक्षक ब्रजेश कुमार (Jail Superintendant Brajesh Kumar) और तत्कालीन उपाधीक्षक सुनील कुमार मौर्य के खिलाफ जांच का आदेश जारी कर दिया है.
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बताया जाता है कि जेल में सामग्री आपूर्तिकर्ता (ठेकेदार) रहे रमेश सिंह ने यह आरोप काराधीक्षक ब्रजेश कुमार और पूर्व उपाधीक्षक सुनील कुमार मौर्य पर लगाया है. जेल में शराब पहुंचा कर बंदियों से वसूली कराने का भी आरोप लगाया गया है. इस काम के लिए अधिकारी अपराधियों का सहारा लेते हैं. इस काम के लिए एक पॉक्सो एक्ट के बंदी को अपना खास शागिर्द बनाकर अधिकारी यह खेल खेलते हैं. वहीं, पैसा न देने वाले कैदियों को दूसरे जेल में ट्रांसफर कराने का भय दिखा कर वो वसूली करता है.
गृह विभाग के संयुक्त सचिव ने दिया जांच के आदेश: इसी सूचना के आधार पर गृह विभाग के संयुक्त सचिव ने जेल प्रशासन के अधिकारियों के खिलाफ जांच के आदेश दिये हैं. वहीं जेल में सामग्रियों के ठेकेदार ने यह भी आरोप लगाया कि एक संवेदक की ओर से भेजी गई दूध की गाड़ी में जेल टीम की जांच के दौरान भारी मात्रा में गांजा मिला है. इस मामले में आरोपित संवेदक के प्रतिनिधि को छोड़ने के लिए दो लाख रुपये का सौदा भी किया गया है.
आरोप लगाया है कि मानक के विपरीत दोनों अधिकारी सामान आपूर्ति का दबाव बनाते हैं. वहीं पूरे मामले में पूछे जाने पर कारा विभाग के संयुक्त सचिव रजनीश कुमार सिंह ने पुष्टि करते हुए कहा कि आरोप पत्र कई आते हैं. सबकी जांच पड़ताल कराई जाती है. जिसके बाद मुजफ्फरपुर जेल अधीक्षक और तत्कालीन जेलर पर भी इस तरह का आरोप पत्र प्राप्त हुआ है जिसकी जांच पड़ताल कराई जा रही है. जांचोपरांत ही पूरा मामला सामने आएगा उसके उपरांत जांच रिपोर्ट के आधार पर उचित कार्रवाई की जायेगी.
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कारा अधीक्षक ने कहा शिकायत की नहीं होती पुष्टि: वहीं शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा अधीक्षक बृजेश कुमार से पूछे जाने पर कहा कि इस तरह का आवेदन विभाग को भेजा जाता है. कुछ ऐसे क्रिमिनल हैं जो अपना दबदबा कायम करने के लिए इस तरह का खेल करते हैं. पहले भी कई बार ऐसे आवेदन विभाग के पास गया है लेकिन अभी तक एक भी शिकायत का सत्यापन नहीं होता है. वहीं बताया कि जितने भी विभाग को पत्र भेजा गया है. उसके आलोक में वरीय अधिकारियों की टीम जांच पड़ताल कराती है.