मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर में पुलिस की गाड़ी पर हमला (Crime in Muzaffarpur) किया गया है. जिले में एक बाइक पर सवार होकर दो भाई एक शादी समारोह में शामिल होने जा रहे थे. उसी समय पीछे जा आई जिप्सी ने बाइक सवार में एक को पकड़कर लेकर चली गई. वहीं दूसरे भाई को वहीं पर छोड़ दिया. जिसके बाद शाम में गांव के नहर के पास युवक का शव बरामद किया गया. इसी सूचना के आधार पर पुलिस मौके पर पहुंची तो परिजनों और ग्रामीणों ने पुलिस की डायल 112 गाड़ी पर पत्थर से वार कर दिया.
यह भी पढ़ें: ट्रेन की चपेट में आने से आशा कर्मी की मौत, रेलवे ट्रैक पार कर जा रही थी PHC
युवक का शव बरामद: दरअसल यह मामला एक युवक के शव को गांव के ही तालाब में देखने के बाद भड़का है. मृतक मोहम्मद मोजिम (28 वर्ष) कांटी के बसतपुर शेरना का रहने वाला था. उसके भाई मोहम्मद नजीम ने बताया कि बुधवार को अपने भाई और एक बच्चे के साथ शादी समारोह में शामिल होने के लिए झपहां जा रहे थे. उसी समय जिप्सी से पुलिसकर्मी आये और आधे रास्ते से ही उसके भाई को हिरासत में ले लिया. पुलिस ने बताया कि इसकी गिरफ्तारी अवैध शराब से जुड़े मामले में की गई है. वहीं दूसरे भाई को पुलिस ने छोड़ दिया. पुलिस ने उससे कहा कि गुरुवार को थाना पर आने को कहा था. वहीं जब थाना पर गया तो वहां से भाई के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली. उसका भाई थाना पर भी नहीं था. इधर परिजन सभी जगहों पर खोजबीन करने लगे.
डीएसपी ने कार्रवाई की: वहीं जब पुलिस गांव में शव की सूचना मिलने पर पहुंची तो शहबाजपुर गांव के आक्रोशित भीड़ ने डायल 112 वाली पुलिस वाहन पर हमला कर दिया. अचानक ग्रामीणों के हमले के डर से पुलिसकर्मी वहां से अपने जान बचाकर वहां से निकले. डायल 112 के गाड़ी के शीशे टूटकर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गये. वहीं पुलिस की टीम ने मुख्यालय को सूचना दी तब जाकर DSP अभिषेक आनंद काफी संख्या में पुलिस बल लेकर पहुंचे. पुलिस ने मौके पर पहुंचते ही उपद्रवियों पर बल प्रयोग कर खदेड़ा. वहीं स्थानीय लोग और परिजनों को समझा-बुझा कर शांत कराया गया.
यह भी पढ़ें: मुजफ्फरपुर में बस किराए को लेकर विवाद, यात्रियों और वाहन कर्मियों के बीच मारपीट की नौबत
DSP ने बताया कि मोजिम को किसी पुलिसकर्मी ने हिरासत में नहीं लिया है. ग्रामीण किस आधार पर ये बेबुनियाद आरोप पुलिस पर लगा रहे हैं. इसकी जांच की जाएगी. जांच में सच्चाई सामने आ जायेगी. पुलिस ने तालाब से शव को बाहर निकलवाकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. रिपोर्ट आने के बाद पता लग जाएगा कि इस व्यक्ति की मौत कैसे हुई है. तब पता लगेगा कि परिजन जो भी आरोप लगा रहे हैं, वह पूरी तरह निराधार है.