मुजफ्फरपुर : बिहार के मुजफ्फरपुर और आसपास के जिलों में चमकी बुखार से बच्चों की लगातार मौत हो रही है. पूरे बिहार में चमकी बुखार से करीब 168 लोगों की मौत हो चुकी है. मुजफ्फरपुर में 152 बच्चों की मौत हो चुकी है. SKMCH के सुपरिटेंडेंट सुनील कुमार शाही ने लोगों से अपील करते हुए कहा है कि 'मैं विनम्रतापूर्वक सभी राजनीतिक कार्यकर्ताओं से अनुरोध करता हूं कि उन जगहों पर जाएं और जागरूकता फैलाएं जहां से मरीज आ रहे हैं. अभी उन्हें अस्पताल आने की जरूरत नहीं है.'
PICU में एक भी बच्चे फर्श पर नहीं : सुपरिटेंडेंट
सुपरिटेंडेंट सुनील कुमार शाही ने बताया कि, 'PICU में एक भी बच्चे को फर्श पर नहीं रखा गया है. 1 बिस्तर पर 2-3 बच्चों को रखा गया है. रिकवरी वार्ड में 40 बेड हैं और बच्चों की संख्या इससे अधिक है. वहां के 57 बच्चों में से 40 को आज छुट्टी दे दी जाएगी, तब स्थिति सुधरेगी.
पुलिस बल तैनाती की मांग
SKMCH के PICU में नेताओं को दौरे से परेशान होकर SKMCH अधीक्षक ने नेताओं पर लगातार काम में बाधा पहुंचाने का आरोप लगाया है. ऐसे में अस्पताल में पुलिसबल के तैनाती की मांग की है. दरअसल, मुजफ्फरपुर के SKMCH में AES से पीड़ित बच्चों से मिलने और उनका हाल जानने के लिए नेताओं की भीड़ लगी रहती है. जिससे डॉक्टरों को बच्चों का इलाज करने में परेशानी हो रही है. इसलिए अस्पताल के PICU वार्ड में धारा 144 लागू किया गया था, बावजूद उसके नेताओं का आना बदस्तूर जारी है.
बच्चों के परिजनों का आरोप
बच्चों के परिजनों ने आरोप लगाया है कि उनके बच्चे बुखार से पीड़ित हैं, लेकिन उन्हें अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया. परिजनों का कहना है कि किसी ने हमें कुछ नहीं बताया. हम एईएस के लक्षणों को नहीं जानते. हमारे बच्चे 4-5 दिनों से बुखार से तप रहे हैं. डॉक्टर ने हमें दवाइयां देने को कहा है. उनका कहना है कि अगर बुखार उसके बाद नहीं उतरता है तो वे उन्हें एडमिट करेंगे. लेकिन हमारे पास पैसे नहीं हैं.
जनहित याचिका पर सोमवार को सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से पीड़ित बच्चों के इलाज के लिए चिकित्सा विशेषज्ञों की एक टीम गठित करने की मांग करने वाली जनहित याचिका पर सोमवार को सुनवाई के लिए तैयार हो गया है.