मुंगेर: तारापुर की पूर्व विधायक नीता चौधरी 6 दिनों तक जीवन मौत की लड़ाई में अंततः रविवार को जिंदगी की जंग हार गई. सफदरजंग अस्पताल में डॉक्टरों ने उनके मृत्यु की औपचारिक घोषणा की. इस मौके पर उनके पति विधायक डॉक्टर मेवालाल चौधरी भी मौजूद रहे. पूर्व विधायक की निधन की खबर से क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है.
पूर्व विधायक नीता चौधरी का पार्थिव शरीर नई दिल्ली से हवाई जहाज द्वारा सोमवार को ही देर रात पटना लाया गया था. फिर पटना से उनके पार्थिव शरीर को कमरगामा गांव स्थित उनके आवास पर ले जाया गया. आज सुलतानगंज घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. वहीं, विधायक मेवालाल चौधरी पूरी तरह शोक में डूबे हुए हैं.
घटानाक्रम
आपको बता दें कि नीता चौधरी रसोई में काम करने के दौरान आग के चपेट में आने से बुरी तरह से झुलस गई थी. वहीं, उन्हें बचाने के क्रम में विधायक मेवालाल चौधरी के भी हाथ जल गया था. नीता चौधरी को इलाज के लिए आनन-फानन में जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल भागलपुर ले जाया गया. जहां डॉक्टर ने जांच के बाद प्राथमिक उपचार कर उन्हें बेहतर इलाज के लिए पीएमसीएच पटना रेफर कर दिया. पीएमसीएच में डॉक्टरों ने उन्हें लगभग 93 पर्सेंट जला हुआ बताया और दिल्ली के लिए रेफर कर दिया. 28 मई को शाम को हवाई एंबुलेंस से उन्हें दिल्ली इलाज के लिए ले जाया गया. दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था. जहां 2 जून को उनकी बिगड़ती स्थिति को देखकर वेंटिलेटर पर रखा गया लेकिन उसी दिन उनकी मृत्यु हो गई.
कार्यकर्ता हैं काफी दुखी
शुरू से ही सामाजिक कार्यों में रुचि रखने के कारण नीता चौधरी को दिल्ली में कई स्वयंसेवी संगठनों के लिए कार्य करती रहती थी. वह साल 2010 में तारापुर से विधायक बनी थी और क्षेत्र में काफी लोकप्रिय थी. तारापुर क्षेत्र के राजनीतिक एवं सामाजिक कार्यकर्ता पूर्व विधायक की मौत से काफी दुखी हैं.