मुंगेर (जमालपुर): पूर्व रेलवे के मालदा रेल मंडल (Malda Division of Eastern Railway) के अंतर्गत आने वाले जमालपुर-रतनपुर रेलवे स्टेशन के बीच बन रही नई रेल सुरंग का निर्माण कार्य पूरा (Construction Work Of New Rail Tunnel Completed) कर लिया गया है. इन रेलवे स्टेशनों के बीच 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन का ट्रायल किया गया है.
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वहीं रेलवे के इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रिक विभाग द्वारा नए सुरंग के पूरी तरह से तैयार हो जाने का ग्रीन सिग्नल रेलवे बोर्ड, नई दिल्ली को भेज दिया गया है. जिसके बाद अब नए साल के जनवरी माह में कभी भी सीआरएस निरीक्षण की तारीख तय हो सकती है. इस नए रेल सुरंग की लंबाई 341 मीटर टनल को पार करने में ट्रायल ट्रेन को मात्र 11 सेकेंड का वक्त लगा है.
रेलवे के उप मुख्य अभियंता रंजीत कुमार, जिला अभियंता हेमंत कुमार मिश्रा और एसपी निरंजन कुमार सिन्हा ने जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2018 में सुरंग निर्माण की विधिवत प्रक्रिया शुरू की गई थी. जिसके तहत इस रेलखंड का दोहरीकरण भी किया जाना था. सुरंग के निर्माण में 45 करोड़ रुपये और रेलवे ट्रैक के दोहरीकरण के कार्य में कुल 20 करोड़ रुपये की लागत आई है.
उप मुख्य अभियंता रंजीत कुमार ने बताया कि पूर्व रेलवे के मॉडल स्टेशन जमालपुर और रतनपुर रेलवे स्टेशन के बीच बनी इस नई सुरंग की लंबाई 341 हैं. जबकि इसकी चौड़ाई लगभग 8 मीटर है. जो पुराने बरियाकोल सुरंग से ज्यादा बड़ी है. उन्होंने बताया कि नई सुरंग का निर्माण ऑस्ट्रेलियन टेक्नोलॉजी द्वारा "हॉर्स शू शेप" आकार का बनाया गया है. जिसमें पैदल चलने के लिए दोनों तरफ से फुटपाथ बनाया गया है.
रंजीत कुमार ने बताया कि इस सुरंग के निर्माण की स्वीकृति रेलवे बोर्ड द्वारा वर्ष 2007-2008 में ही दे दी गई थी. जिसके बाद मार्च 2020 में इसके निर्माण कार्य को पूरा कर लिया गया था. लेकिन बीते वर्ष वैश्विक महामारी कोरोना के कारण अंतिम कार्य बाधित हो गया था. जिसे अब पूर्ण कर लिया गया है.
बता दें कि ब्रिटिशकाल से आज तक जमालपुर और रतनपुर रेलवे स्टेशन के बीच ट्रेनों का परिचालन अंग्रेजों के जमाने में बनाए गए बरियाकोल सुरंग से किया जा रहा है. जिसकी आयु अपने तय समय से भी ज्यादा हो चुकी है. पुराने सुरंग में सिग्न लाइन रहने के कारण इसका असर उस रेलखंड से गुजरने वाली ट्रेनों के परिचालन पर पड़ता हैं. लेकिन अब नई रेल सुरंग के बन जाने से ट्रेनों का परिचालन पूरी तरह सामान्य हो जाएगा. साथ ही कई नई ट्रेनों का परिचालन शुरू हो सकेगा. वही ट्रेनों की रफ्तार भी बढ़ जाएगी.
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