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आज से चैत्र नवरात्र की शुरुआत, पहले दिन मां शैलपुत्री की हो रही पूजा

नवरात्र के पहले दिन आज मां शैलपुत्री रूप की पूजा हो रही है. इस मौके पर शहर के बड़ी दुर्गा मंदिर शेरपुर में विशेष पूजा-अर्चना की जा रही है.

शैलपुत्री मां
शैलपुत्री मां
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Published : Apr 13, 2021, 1:39 PM IST

मुंगेर: आज से चैत्र नवरात्र की शुरुआत हो गई है और पहले दिन मां शैलपुत्री रूप की पूजा होती है. नवरात्र को लेकर शहर के जमालपुर, धरहरा, हवेली खड़गपुर, तारापुर, असरगंज, संग्रामपुर और टेटिया बंबर सहित अन्य इलाके के दुर्गा मंदिरों में मां की प्रतिमा स्थापित की गई है. सुबह से ही मंदिरों में भक्ति गीत बजने से पूरा माहौल भक्तिमय हो गया है.

ये भी पढ़ें- चैत्र नवरात्र 2021 : नवरात्रि में घोड़े पर सवार होकर आ रही हैं माता रानी, पूरे नौ दिन रहेंगे नवरात्र

मंदिर में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध
कोरोना के बढ़ते प्रसार को लेकर डीएम रचना पाटिल ने मंदिर में आम आदमी के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए हैं. इसको लेकर दुर्गा प्रतिमा की सार्वजनिक पूजा बंद है. केवल समिति के द्वारा नियुक्त पुजारी ही मां की पूजा मंदिर में कर रहे हैं. वहीं, मंदिर प्रांगण के बाहर दर्शन के लिए 2 गज की दूरी पर गोल घेरा लगा दिया गया है ताकि सोशल डिस्टेंस मेंटेन हो सके.

'कोरोना के बढ़ते प्रभाव को लेकर मंदिर में पूजा पाठ के लिए श्रद्धालुओं का प्रवेश बंद है. प्रसाद वितरण कार्यक्रम भी समिति इस साल नहीं करेगी. मंदिर के प्रवेश द्वार और मंदिर के मुख्य द्वार पर लाल फीता टांग कर उस पर प्रवेश निषेध का बोर्ड लगा दिया गया है.'- विक्रम चंद्रवंशी, अध्यक्ष, दुर्गा पूजा समिति

घोड़े पर सवार होकर आई हैं मां
जिले के ज्योतिषाचार्य अविनाश ने बताया कि देवी पुराण के अनुसार इस साल मां घोड़े पर सवार होकर आई हैं. इससे राजनीतिक रूप से कई राज्यों में सत्ता की उथल-पुथल भी होगी. वहीं, इस साल मां नर वाहन पर विदा होगी यानी सांसारिक दुनिया में परेशानी बढ़ेगी. उन्होंने लोगों से अनुरोध किया कि मां की आराधना घर में रहकर ही करें. खुद सुरक्षित रहें और दूसरों को भी सुरक्षित रहने दें.

munger
शैलपुत्री मां

ये भी पढ़ें: आज से नवरात्रि शुरू, जानें- कलश स्थापना की सही विधि, मुहूर्त व समय

पहले दिन हो रही है मां शैलपुत्री रुप की पूजा
नवरात्र के पहले दिन आज मां शैलपुत्री रूप की पूजा हो रही है. पौराणिक कथाओं के अनुसार रानी सती अपने पिता दक्ष के यज्ञ समारोह में अपने पति शंकर के अपमान होने के कारण यज्ञ कुंड में छलांग लगाकर इह समाप्त कर ली थी. उसके बाद ही उसका अगला जन्म हिमालय राज हिमालय के पुत्री के रूप में हुआ था. शैल हिमालय की पुत्री है, इसलिए मां को शैलपुत्री नाम दिया गया है.

कैसे करें पूजा
मां शैलपुत्री को सफेद रंग की वस्तुएं अधिक पसंद हैं. मुंगेर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य अविनाश शास्त्री ने बताया कि शैलपुत्री रूप को प्रसन्न करने के लिए साधक सफेद रंग का अधिक उपयोग करें. सफेद वस्त्र पहनकर पूजा पाठ करें. पूजा में सफेद रंग के फूल चढ़ाएं. सफेद वस्त्र अर्पित करें और सफेद रंग की मिठाई चढ़ायें. इससे मां अधिक प्रसन्न होगी और मनवांछित फल देगी.

मुंगेर: आज से चैत्र नवरात्र की शुरुआत हो गई है और पहले दिन मां शैलपुत्री रूप की पूजा होती है. नवरात्र को लेकर शहर के जमालपुर, धरहरा, हवेली खड़गपुर, तारापुर, असरगंज, संग्रामपुर और टेटिया बंबर सहित अन्य इलाके के दुर्गा मंदिरों में मां की प्रतिमा स्थापित की गई है. सुबह से ही मंदिरों में भक्ति गीत बजने से पूरा माहौल भक्तिमय हो गया है.

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मंदिर में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध
कोरोना के बढ़ते प्रसार को लेकर डीएम रचना पाटिल ने मंदिर में आम आदमी के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए हैं. इसको लेकर दुर्गा प्रतिमा की सार्वजनिक पूजा बंद है. केवल समिति के द्वारा नियुक्त पुजारी ही मां की पूजा मंदिर में कर रहे हैं. वहीं, मंदिर प्रांगण के बाहर दर्शन के लिए 2 गज की दूरी पर गोल घेरा लगा दिया गया है ताकि सोशल डिस्टेंस मेंटेन हो सके.

'कोरोना के बढ़ते प्रभाव को लेकर मंदिर में पूजा पाठ के लिए श्रद्धालुओं का प्रवेश बंद है. प्रसाद वितरण कार्यक्रम भी समिति इस साल नहीं करेगी. मंदिर के प्रवेश द्वार और मंदिर के मुख्य द्वार पर लाल फीता टांग कर उस पर प्रवेश निषेध का बोर्ड लगा दिया गया है.'- विक्रम चंद्रवंशी, अध्यक्ष, दुर्गा पूजा समिति

घोड़े पर सवार होकर आई हैं मां
जिले के ज्योतिषाचार्य अविनाश ने बताया कि देवी पुराण के अनुसार इस साल मां घोड़े पर सवार होकर आई हैं. इससे राजनीतिक रूप से कई राज्यों में सत्ता की उथल-पुथल भी होगी. वहीं, इस साल मां नर वाहन पर विदा होगी यानी सांसारिक दुनिया में परेशानी बढ़ेगी. उन्होंने लोगों से अनुरोध किया कि मां की आराधना घर में रहकर ही करें. खुद सुरक्षित रहें और दूसरों को भी सुरक्षित रहने दें.

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पहले दिन हो रही है मां शैलपुत्री रुप की पूजा
नवरात्र के पहले दिन आज मां शैलपुत्री रूप की पूजा हो रही है. पौराणिक कथाओं के अनुसार रानी सती अपने पिता दक्ष के यज्ञ समारोह में अपने पति शंकर के अपमान होने के कारण यज्ञ कुंड में छलांग लगाकर इह समाप्त कर ली थी. उसके बाद ही उसका अगला जन्म हिमालय राज हिमालय के पुत्री के रूप में हुआ था. शैल हिमालय की पुत्री है, इसलिए मां को शैलपुत्री नाम दिया गया है.

कैसे करें पूजा
मां शैलपुत्री को सफेद रंग की वस्तुएं अधिक पसंद हैं. मुंगेर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य अविनाश शास्त्री ने बताया कि शैलपुत्री रूप को प्रसन्न करने के लिए साधक सफेद रंग का अधिक उपयोग करें. सफेद वस्त्र पहनकर पूजा पाठ करें. पूजा में सफेद रंग के फूल चढ़ाएं. सफेद वस्त्र अर्पित करें और सफेद रंग की मिठाई चढ़ायें. इससे मां अधिक प्रसन्न होगी और मनवांछित फल देगी.

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