मधुबनी: वैश्विक महामारी कोविड-19 संक्रमण काल में स्वास्थ्य कर्मी दिन रात लोगों की सेवा में लगे हुए हैं. ऐसे समय में आरबीएसके (राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम) के स्वास्थ्य कर्मी भी अपना बहुमूल्य योगदान दे रहे हैं. जिले में टीम की ओर से रेलवे स्टेशन, अस्पताल और लोगों के घर-घर जाकर स्क्रीनिंग की जा रही है. जिले के सभी प्रखंडों में आरबीएसके टीम हर समय तैनात रहती है. प्रखंडों में बने क्वॉरेंटाइन कैंप में भी टीम की ओर से लोगों को आइसोलेट किया जाता है.
इंडो-नेपाल बॉर्डर पर स्क्रीनिंग
जिले के हरलाखी और लौकहा सीमा पर बनाये गए चेक पोस्ट, विशेष रूप से नेपाल की सीमा क्षेत्र पर बने ट्रांजिट प्वाइंट पर भी बाहर से आने वालों की जांच की जाती है. साथ ही देश के विभिन्न शहरों से आए प्रवासी मजदूरों की भी स्क्रीनिंग आरबीएसके के टीम की ओर से की जा रही है. आरबीएसके जिला समन्यवक डॉ. कमलेश शर्मा ने कहा कि कोरोना से लड़ने के लिए राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम ने जिले में 26 टीम बनाई है. जिसके प्रत्येक टीम में 1 एएनएम, 1 फार्मासिस्ट, और 2 आरबीएसके के चिकित्सक हैं.
घर-घर जाकर स्क्रीनिंग
टीम में आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथिक चिकित्सक 24 घंटे ईमानदारी पूर्वक और नियमित कार्य कर रहे हैं. जिले में वर्तमान में 362 प्रखंड स्तरीय क्वॉरेंटाइन सेंटर और 473 पंचायत स्तरीय क्वॉरेंटाइन सेंटर हैं. साथ ही आइसोलेशन केंद्र झंझारपुर, जयनगर और बेनीपट्टी में आरबीएसके की टीम कार्य कर रही है. टीम की ओर से घर-घर जाकर भी लोगों की स्क्रीनिंग की जा रही है. इस दौरान अगर किसी व्यक्ति में संक्रमण की स्थिति पाई जाती है या वह संदिग्ध पाया जाता है, तो उसे टीम एम्बुलेंस से अस्पताल भेज देती है. जहां उनका सैंपलिंग कराकर जांच रिपोर्ट के लिए भेज दिया जाता है.
हेल्प लाइन नम्बर जारी
डॉ. कमलेश शर्मा ने कहा कि जिला प्रशासन की ओर से हेल्प लाइन नम्बर जारी किया गया है. उस नम्बर पर नियमित तौर से आम लोगों के फोन आते हैं. वो सभी कोरोना संक्रमण के बारे में, जिले में कोरोना की स्थिति, सामाज में फैली भ्रांतियों संबंधी जानकारी से सम्बंधित सवाल करते हैं. यहां भी आरबीएसके टीम उपस्थित है. लोगों को उनके सवालों और सामाजिक भ्रांतियों को दूर करने में टीम प्रशासन की मदद कर रही है. आरबीएसके की टीम हर समय, हर जगह उपस्थित है.
आरबीएसके टीम का मिल रहा सहयोग
सिविल सर्जन डॉक्टर सुनील कुमार झा ने कहा कि कोरोना से निपटने में जिला स्वास्थ्य विभाग को राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम का बेहतर सहयोग मिल रहा है. विभिन्न राज्यों से आए प्रवासी मजदूरों की स्क्रीनिंग और सभी क्वॉरेंटाइन कैंप में टीम जाकर लोगों को आइसोलेट कर रही है. साथ ही स्क्रीनिंग भी की जा रही है. जिला स्वास्थ्य विभाग की सभी टीम पूरी तरह मिलकर कोरोना को खत्म करने के लिए प्रयासरत है.