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नेपाल बॉर्डर से मोतिहारी के 9 मजदूरों ने चोरी-छुपे भारतीय सीमा में किया प्रवेश, किया गया आइसोलेट - नेपाले से बिहार आए मजदूर

नेपाल पुलिस के सहयोग से खुला बॉर्डर का मजदूरों ने फायदा उठाया. ईटहरवा के रास्ते रानीपट्टी गांव में प्रवेश किया. जहां, ड्यूटी पर तैनात ग्राम रक्षा दल के सदस्यों ने पूछताछ के दौरान पकड़ लिया. मुखिया को बुलाकर सभी को आइसोलेसन सेंटर में रखा गया.

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आइसोलेसन सेंटर में रखे गए मजदूर
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Published : Apr 17, 2020, 8:28 PM IST

मधुबनी: कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए भारत नेपाल सीमा को सील किया गया है. बावजूद इसके नेपाल से 9 भारतीय मजदूरों ने बिहार में इंट्री की है. खास बात ये है कि इस काम में नेपाल पुलिस ने सहयोग किया है. वहीं, नेपाल से आए मोतिहारी के सभी 9 मजदूरों को हरलाखी प्रखंड के रानीपट्टी गांव स्थित आइसोलेसन सेंटर में रखा गया है.

नेपाल से आ रहे इन 9 भारतीय मजदूरों को ग्राम रक्षा दल के सदस्यों ने हिरासत में ले लिया. विशौल मुखिया मदन राम के सहयोग से सभी को आइसोलेसन सेंटर में ऱखा गया है. ग्रामरक्षा दल के सदस्यों ने बताया कि ये सभी मजदूर पूर्वी चंपारण जिले के रहने वाले है. नेपाल के यदुकौआहा गांव में राज मिस्त्री का काम कर रहे थे. लॉकडाउन की वजह से मजदूरों का काम बंद हो गया. खाने-पीने के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था. इधर लॉकडाउन की अवधि बढ़ने से इन लोगों के सब्र का बांध टूट गया और पैदल ही मोतिहारी जाने का निर्णय लिया.

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आइसोलेसन सेंटर में रखे गए मजदूर

आइसोलेशन सेंटर पहुंचे अधिकारी
आइसोलेशन सेंटर पर रखे गए मजदूरों के बारे में जानकारी पाते ही बीडीओ, सीओ और थानाध्यक्ष मौके पर पहुंचे. सभी अधिकारियों ने पूरे मामले की जानकारी ली. जबकि मजदूरों ने बताया कि भारतीय सीमा में घुसने में नेपाल पुलिस ने सहयोग किया है. बीडीओ अरुणा कुमारी चौधरी ने बताया कि सभी लोगों को 14 दिनों के लिए आइसोलेशन सेंटर में रखा गया है.

पहले भी नेपाल से आ चुके हैं लोग
कोरोना महामारी को लेकर प्रशासन की सख्ती के बावजूद नेपाल से संदिग्धों के भारतीय सीमा में इस प्रकार आना संशय उत्पन्न कर रहा है. बता दें कि एक सप्ताह पहले भी हरलाखी प्रखंड के सिसौनी गांव निवासी एक संदिग्ध काठमांडू से अपने गांव आया था. जिसे अभी पंचायत भवन में क्वारेनटाइन किया गया है. सीमा सील होने के बाबजूद लोगों के प्रवेश करने से स्थिति भयावह हो सकती हैं.

मधुबनी: कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए भारत नेपाल सीमा को सील किया गया है. बावजूद इसके नेपाल से 9 भारतीय मजदूरों ने बिहार में इंट्री की है. खास बात ये है कि इस काम में नेपाल पुलिस ने सहयोग किया है. वहीं, नेपाल से आए मोतिहारी के सभी 9 मजदूरों को हरलाखी प्रखंड के रानीपट्टी गांव स्थित आइसोलेसन सेंटर में रखा गया है.

नेपाल से आ रहे इन 9 भारतीय मजदूरों को ग्राम रक्षा दल के सदस्यों ने हिरासत में ले लिया. विशौल मुखिया मदन राम के सहयोग से सभी को आइसोलेसन सेंटर में ऱखा गया है. ग्रामरक्षा दल के सदस्यों ने बताया कि ये सभी मजदूर पूर्वी चंपारण जिले के रहने वाले है. नेपाल के यदुकौआहा गांव में राज मिस्त्री का काम कर रहे थे. लॉकडाउन की वजह से मजदूरों का काम बंद हो गया. खाने-पीने के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था. इधर लॉकडाउन की अवधि बढ़ने से इन लोगों के सब्र का बांध टूट गया और पैदल ही मोतिहारी जाने का निर्णय लिया.

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आइसोलेसन सेंटर में रखे गए मजदूर

आइसोलेशन सेंटर पहुंचे अधिकारी
आइसोलेशन सेंटर पर रखे गए मजदूरों के बारे में जानकारी पाते ही बीडीओ, सीओ और थानाध्यक्ष मौके पर पहुंचे. सभी अधिकारियों ने पूरे मामले की जानकारी ली. जबकि मजदूरों ने बताया कि भारतीय सीमा में घुसने में नेपाल पुलिस ने सहयोग किया है. बीडीओ अरुणा कुमारी चौधरी ने बताया कि सभी लोगों को 14 दिनों के लिए आइसोलेशन सेंटर में रखा गया है.

पहले भी नेपाल से आ चुके हैं लोग
कोरोना महामारी को लेकर प्रशासन की सख्ती के बावजूद नेपाल से संदिग्धों के भारतीय सीमा में इस प्रकार आना संशय उत्पन्न कर रहा है. बता दें कि एक सप्ताह पहले भी हरलाखी प्रखंड के सिसौनी गांव निवासी एक संदिग्ध काठमांडू से अपने गांव आया था. जिसे अभी पंचायत भवन में क्वारेनटाइन किया गया है. सीमा सील होने के बाबजूद लोगों के प्रवेश करने से स्थिति भयावह हो सकती हैं.

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