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नीतीश कैबिनेट में नरेंद्र नारायण यादव को मिली जगह, लोगों ने जताई खुशी

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि लोकसभा सभा चुनाव में मधेपुरा लोकसभा से जेडीयू उम्मीदवार दिनेशचंद्र यादव को जिताने में नरेंद्र नारायण यादव की महत्वपूर्ण भूमिका रही.

नरेंद्र नारायण यादव
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Published : Jun 2, 2019, 5:02 PM IST

मधेपुरा: जेडीयू विधायक नरेंद्र नारायण यादव को बिहार सरकार में फिर से मंत्री बनाये जाने पर मधेपुरा के लोगों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है. नरेंद्र नारायण यादव को लोग मधेपुरा का गांधी भी कहते हैं. इसके लिए आलमनगर विधानसभा क्षेत्र के लोग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बधाई भी दे रहे हैं.

बता दें कि नरेंद्र नारायण यादव के राजनीतिक कैरियर की शुरुआत 1967 ई. में पंचायत के मुखिया पद से हुई थी. वह मधेपुरा जिले के पुरैनी प्रखंड के बाला टोल गांव के निवासी हैं. पहली बार 1967 में वह मुखिया पद पर निर्वाचित हुए. इसके बाद लगातर वे पुरैनी प्रखंड के ब्लॉक प्रमुख पद को सुशोभित करते रहे.

JDU-RJD गठबंधन में नहीं मिला था पद
नरेंद्र नारायण यादव की ईमानदारी और बढ़ती लोकप्रियता के कारण पहली बार उन्हें 1995 में जनता दल ने टिकट दिया. वह भारी मतों से विजयी हुए. वह 1995 से लेकर अब तक चुनाव जीतते आ रहे हैं. इसी बीच जब बिहार में नीतीश कुमार की सरकार पहली बार 2005 में बनी तब से वह लगातार मंत्री रहे. लेकिन, किसी कारणवश जेडीयू-राजद गठबंधन की सरकार में उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया था.

लोगों की प्रतिक्रिया

2019 लोकसभा चुनाव में निभाई अहम भूमिका
तब भी नरेंद्र नारायण यादव नीतीश कुमार के साथ खड़े रहे. इसी एकनिष्ठता को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नरेंद्र नारायण यादव को कैबिनेट मंत्री बनाया है. लेकिन, राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि लोकसभा सभा चुनाव में मधेपुरा लोकसभा से राजद उम्मीदवार शरद यादव को हराकर जेडीयू उम्मीदवार दिनेशचंद्र यादव को जिताने में नरेंद्र नारायण यादव की महत्वपूर्ण भूमिका रही. इसलिए इन्हें मंत्री बनाया गया है. हालांकि कारण कोई भी हो लेकिन नरेंद्र नारायण यादव को मंत्री बनाये जाने से जन मानस में खुशी देखी जा रही है.

मधेपुरा: जेडीयू विधायक नरेंद्र नारायण यादव को बिहार सरकार में फिर से मंत्री बनाये जाने पर मधेपुरा के लोगों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है. नरेंद्र नारायण यादव को लोग मधेपुरा का गांधी भी कहते हैं. इसके लिए आलमनगर विधानसभा क्षेत्र के लोग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बधाई भी दे रहे हैं.

बता दें कि नरेंद्र नारायण यादव के राजनीतिक कैरियर की शुरुआत 1967 ई. में पंचायत के मुखिया पद से हुई थी. वह मधेपुरा जिले के पुरैनी प्रखंड के बाला टोल गांव के निवासी हैं. पहली बार 1967 में वह मुखिया पद पर निर्वाचित हुए. इसके बाद लगातर वे पुरैनी प्रखंड के ब्लॉक प्रमुख पद को सुशोभित करते रहे.

JDU-RJD गठबंधन में नहीं मिला था पद
नरेंद्र नारायण यादव की ईमानदारी और बढ़ती लोकप्रियता के कारण पहली बार उन्हें 1995 में जनता दल ने टिकट दिया. वह भारी मतों से विजयी हुए. वह 1995 से लेकर अब तक चुनाव जीतते आ रहे हैं. इसी बीच जब बिहार में नीतीश कुमार की सरकार पहली बार 2005 में बनी तब से वह लगातार मंत्री रहे. लेकिन, किसी कारणवश जेडीयू-राजद गठबंधन की सरकार में उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया था.

लोगों की प्रतिक्रिया

2019 लोकसभा चुनाव में निभाई अहम भूमिका
तब भी नरेंद्र नारायण यादव नीतीश कुमार के साथ खड़े रहे. इसी एकनिष्ठता को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नरेंद्र नारायण यादव को कैबिनेट मंत्री बनाया है. लेकिन, राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि लोकसभा सभा चुनाव में मधेपुरा लोकसभा से राजद उम्मीदवार शरद यादव को हराकर जेडीयू उम्मीदवार दिनेशचंद्र यादव को जिताने में नरेंद्र नारायण यादव की महत्वपूर्ण भूमिका रही. इसलिए इन्हें मंत्री बनाया गया है. हालांकि कारण कोई भी हो लेकिन नरेंद्र नारायण यादव को मंत्री बनाये जाने से जन मानस में खुशी देखी जा रही है.

Intro:मधेपुरा में लोग दे रहे हैं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बधाई।इसका वजह यह है कि मधेपुरा ज़िले के आलमनगर विधानसभा क्षेत्र के विधायक नरेंद्रनारायन यादव को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है।हालांकि वे नीतीश कुमार के मंत्री मंडल में पहले भी रहे हैं शामिल।


Body:मधेपुरा का गांधी कहे जाने बाले आलमनगर विधानसभा क्षेत्र के जेडीयू विधायक नरेंद्रनारायन यादव को बिहार सरकार में पुनः मंत्री बनाये जाने से खासकर मधेपुरा के लोगों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है। लोग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बधाई भी दे रहे हैं।बता दें कि विधनरेंद्रनारायन यादव की राजनीतिक कैरियर की शुरुआत 1967 ई0 में पंचायत के मुखिया पद से हुई थी।वे मधेपुरा ज़िले के पुरैनी प्रखंड के बाला टोल गांव के स्थायी वासी हैं।पहली बार 1967 में मुखिया पद पर निर्वाचित हुए।इसके बाद लगातर वे पुरैनी प्रखंड के ब्लॉक प्रमुख पद को सुशोभित करते रहे।नरेंद्रनारायन यादव की ईमानदारी व बढ़ती लोकप्रियता के कारण पहली बार 1995 में जनता दल ने टिकट दिया और भाड़ी मतों से आलमनगर विधानसभा क्षेत्र से विधायक निर्वाचित हुए।हैरत की बात तो यह है कि वे 1995 से लेकर अब तक चुनाव जीतते आ रहे हैं।इसी बीच जब बिहार में नीतीश कुमार की सरकार पहली बार 2005 में बनी तब से लगातार वे मंत्री रहे।लेकिन किसी कारणवश जेडीयू राजद गठबंधन की सरकार में उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया था।सबसे दिलचस्प बात यह है कि राजद जेडीयू गठबंधन में मंत्री नहीं बनाया गया फिर भी वे ईमानदारी से नीतीश कुमार के साथ रहे।इसी एकनिष्ठता को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नरेंद्रनारायन यादव को फिर से कैबिनेट मंत्री बनाया गया है।लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि लोकसभा सभा चुनाव में मधेपुरा लोकसभा से राजद उम्मीदवार शरद यादव को हराकर जेडीयू उम्मीदवार दिनेशचंद्र यादव को जिताने में नरेंद्रनारायन यादव की महत्वपूर्ण भूमिका रही इसलिए इन्हें मंत्री बनाया गया है।कारण कोई भी हो लेकिन नरेंद्रनारायन यादब को मंत्री बनाये जाने से लोगों में खुशी की लहर दौर पड़ी है।बाइट-1-अशोक चौधरी--जिला अध्यक्ष -जेडीयू व्यपार संघ मधेपुरा।बाइट --2----राजेंद्र दास--अधिवक्ता मधेपुरा।बाइट---3---महताब ---स्थानीय निवासी ।


Conclusion:मधेपुरा के लोगों में आशा जगी है कि उनके विकास की गति अब और तेज होगी।
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