मधेपुरा: जेडीयू विधायक नरेंद्र नारायण यादव को बिहार सरकार में फिर से मंत्री बनाये जाने पर मधेपुरा के लोगों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है. नरेंद्र नारायण यादव को लोग मधेपुरा का गांधी भी कहते हैं. इसके लिए आलमनगर विधानसभा क्षेत्र के लोग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बधाई भी दे रहे हैं.
बता दें कि नरेंद्र नारायण यादव के राजनीतिक कैरियर की शुरुआत 1967 ई. में पंचायत के मुखिया पद से हुई थी. वह मधेपुरा जिले के पुरैनी प्रखंड के बाला टोल गांव के निवासी हैं. पहली बार 1967 में वह मुखिया पद पर निर्वाचित हुए. इसके बाद लगातर वे पुरैनी प्रखंड के ब्लॉक प्रमुख पद को सुशोभित करते रहे.
JDU-RJD गठबंधन में नहीं मिला था पद
नरेंद्र नारायण यादव की ईमानदारी और बढ़ती लोकप्रियता के कारण पहली बार उन्हें 1995 में जनता दल ने टिकट दिया. वह भारी मतों से विजयी हुए. वह 1995 से लेकर अब तक चुनाव जीतते आ रहे हैं. इसी बीच जब बिहार में नीतीश कुमार की सरकार पहली बार 2005 में बनी तब से वह लगातार मंत्री रहे. लेकिन, किसी कारणवश जेडीयू-राजद गठबंधन की सरकार में उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया था.
2019 लोकसभा चुनाव में निभाई अहम भूमिका
तब भी नरेंद्र नारायण यादव नीतीश कुमार के साथ खड़े रहे. इसी एकनिष्ठता को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नरेंद्र नारायण यादव को कैबिनेट मंत्री बनाया है. लेकिन, राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि लोकसभा सभा चुनाव में मधेपुरा लोकसभा से राजद उम्मीदवार शरद यादव को हराकर जेडीयू उम्मीदवार दिनेशचंद्र यादव को जिताने में नरेंद्र नारायण यादव की महत्वपूर्ण भूमिका रही. इसलिए इन्हें मंत्री बनाया गया है. हालांकि कारण कोई भी हो लेकिन नरेंद्र नारायण यादव को मंत्री बनाये जाने से जन मानस में खुशी देखी जा रही है.