मधेपुरा : सरकार भले ही चौमुखी विकास के लिए एक से बढ़कर एक योजनाओं में अलग-अलग राशि विभाग को मुहैया कर रही है. लेकिन उनके मुलाजिम ही सरकार की मंशा पर पानी फेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. यही कारण है कि सरकारी कोष की राशि का बंदरबांट हो जाता है और क्षेत्र में समस्याओं के मकर जाल में लोग परेशान रहते हैं. ऐसा ही मामला यहां भी सामने आया है.
सरकारी कोष की राशि का हो जाता है बंदरबांट
नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड संख्या 18 में नये नाले के निर्माण के नाम पर पूर्व सांसद पप्पू यादव के विकास फंड से 9 लाख रुपये की निकासी की गई है, जबकि काम अभी हुआ भी नहीं है. इसका खुलासा तब हुआ, जब योजना स्थल पर चुपचाप तरीके से योजना से संबंधित बोर्ड लगा दिया गया. मोहल्ले के लोगों ने इसलिए विरोध करने की हिम्मत नहीं जुटाई क्योंकि शिलापट्ट पर पूर्व सांसद पप्पू यादव का नाम था.
गंदे पानी और दुर्गंध में रहने को मजबूर हैं लोग
मोहल्लेवासी का कहना है कि पूर्व सांसद पप्पू यादव ने योजना तो ला दिया, लेकिन अधिकारी और निर्माण एजेंसी मिलकर राशि गटक गए. आज आलम ये है कि लोग यहां पुराने नाले, जर्जर सड़क पर जमे कचड़े और गंदे पानी के सड़ांध में रहने को मजबूर हैं. लेकिन प्रशासन इस पर कोई संज्ञान नहीं ले रहा है.
क्या कहते हैं अधिकारी
जब नगर परिषद के नवपदस्थापित कार्यपालक पदाधिकारी प्रवीण कुमार से इस मामले पर बात की गई तो राशि निकासी पर वह कुछ नहीं बोले. उन्होंने सिर्फ इतना कहकर पल्ला झाड़ लिया कि सड़क पर जमे कचड़े और पानी को निकाला जा रहा है. इसके साथ ही संपूर्ण नगर परिषद क्षेत्र में कार्य जारी है.