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लखीसराय में हिन्दू बेटे ने किया दाह संस्कार अब मुसलमान बेटे करेंगे मुस्लिम रिवाज से चालीसवां - लखीसराय के चानन में हिन्दू से प्रेम विवाह

Lakhisarai News बिहार के लखीसराय में मां की मौत के बाद बेटे ने उसका अंतिम संस्कार तो कर दिया लेकिन त्रयोदशी कार्यक्रम अटक गया. हिन्दू और मुस्लिम बेटे अपने-अपने तरीके से उसका क्रियाकर्म करना चाहते थे. लेकिन मां के प्यार के बीच धर्म दीवार बनकर खड़ा हो गया. छोटा भाई अपनी मां का दाह संस्कार कर लापता है जबकि बड़ा भाई चालीसवां (मुस्लिम रिवाज से अंतिम संस्कार) करने पर अड़ा है.

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Published : Dec 20, 2022, 9:36 PM IST

Updated : Dec 20, 2022, 9:49 PM IST

मोहम्मद मोफिल की जुबानी पूरी कहानी

लखीसराय: बिहार के लखीसराय में दो बेटे अपनी मां की मौत के बाद अंतिम संस्कार करने के लिए (Dispute over cremation of mother in Lakhisarai) लड़ पड़े. बड़ी बात ये थी कि मृत महिला का बड़ा बेटा मुस्लिम था और छोटा बेटा हिन्दू. एक बेटा हिन्दू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार करना चाहता था जबकि दूसरा बेटा मुस्लिम परंपरा के अनुसार उसे दफनाना चाहता है. इसी चक्कर में पूरा मामला उलझ गया. हालांकि पुलिस ने इस मामले को पहुंचकर सुलझा लिया था. लेकिन अब एक बार फिर मामला उलझ गया है.

ये भी पढ़ें- एक बेटा मुस्लिम और दूसरा हिंदू, मां के अंतिम संस्कार के लिए भिड़े, फिर पुलिस ने रास्ता निकाला

हिन्दू-मुस्लिम क्रियाकर्म के चक्कर में फंसा पेंच : महिला ने पहले एक मुस्लिम से निकाह किया था. उससे दो बच्चे हुए लेकिन जब पहले पति ने तलाक दे दिया तो महिला ने लखीसराय के चानन में हिन्दू से प्रेम विवाह कर लिया. महिला की दो शादी से 4 बेटे हुए. दो मुस्लिम और दो हिन्दू. मामला तब अटक गया जब महिला की मौत हो गई. हिन्दू बेटे अपने रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार करना चाहते थे. जबकि मुस्लिम बेटे उसका चालीसवां करने के लिए आमादा थे. ऐसे में खूब विवाद हुआ. गांव में तानव का माहौल हो गया.

एक छत के नीचे पूजा और नमाज साथ साथ: घर में सबको अपने हिसाब पूजा पाठ करने की छूठ थी. रेखा बनी रायका अपने दोनों मुस्लिम बेटों के साथ नमाज पढ़तीं थीं. वहीं राजेन्द्र झा अपने बेटे बबलू झा और बेटी के साथ मंत्रोच्चारण करते थे. धर्म को लेकर चारों में कभी कोई विवाद नहीं हुआ. लेकिन मां की मौत होने के बाद माजरा ही पलट गया. मां के आंखें मूंदते ही बेटों की राहें अलग हो गईं.

छोटे बेटे को मिला अंतिम संस्कार करने का जिम्मा: पूरे घटना क्रम की जानकारी पुलिस को दी गई. गांव में पुलिस पहुंची तो उसने वर्तमान में महिला हिन्दू थी इसलिए उसका अंतिम संस्कार हिन्दू रीति से करने की अनुमति दी गई. बेटे उसे लेकर श्मशान घाट पहुंचे. मां का दाह संस्कार किया. मुस्लिम भाई को मां के चिता की राख दफनाने के लिए सौंपी और अगले दिन सुबह लापता हो गया. इसी बीच महिला का त्रयोदशी कार्यक्रम अटक गया.

मां को मुखाग्नि देकर छोटा बेटा लापता: मृत महिला के बड़े बेटे मोहम्मद मोफिल ने बताया कि उसके छोटे भाई बबलू झा का कुछ अता-पता नहीं है. गांव वाले बता रहे हैं कि उसने दाह संस्कार किया, उसने मां के शव को मुखाग्नि दी, फिर रात में घर लौटकर अगले दिन लापता हो गया. उसने अभी तक त्रयोदश कर्म भी नहीं किया. अब बड़ा बेटा मोहम्मद मोफिल मुस्लिम रीति रिवाज से चालीसवां कर्म करेगा.

''यहां कोई दशकरम नहीं हुआ. वो (छोटा भाई) उस दिन शव को लेकर कहां ले गया, 'आग' दिया, क्या किया..? कुछ नहीं पता. गांव वाले बता रहे हैं कि उसने शव को आग देकर रात में घर लौटा लेकिन अगले ही दिन लापता हो गया. तब से वो 14 दिन बाद लौटा''- मोहम्मद मोफिल, मृत महिला का बड़ा बेटा

तलाकशुदा मुस्लिम महिला ने किया था हिन्दू से प्रेम विवाह : बताया जाता है कि राजेन्द्र झा नाम के एक व्यक्ति ने 45 वर्ष पहले दूसरे धर्म की एक महिला के साथ प्रेम विवाह किया था. महिला बेगूसराय की रहने वाली थी. शादी के बाद महिला ने दो बच्चों को जन्म दिया. महिला पहले मुस्लिम थीं, लेकिन बाद में वो धर्म बदलकर रायका खातून से रेखा देवी बन गईं. रेखा देवी शादी के बाद अपने पति के गांव में ही बीते 40 सालों से रह रही थीं.

मोहम्मद मोफिल की जुबानी पूरी कहानी

लखीसराय: बिहार के लखीसराय में दो बेटे अपनी मां की मौत के बाद अंतिम संस्कार करने के लिए (Dispute over cremation of mother in Lakhisarai) लड़ पड़े. बड़ी बात ये थी कि मृत महिला का बड़ा बेटा मुस्लिम था और छोटा बेटा हिन्दू. एक बेटा हिन्दू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार करना चाहता था जबकि दूसरा बेटा मुस्लिम परंपरा के अनुसार उसे दफनाना चाहता है. इसी चक्कर में पूरा मामला उलझ गया. हालांकि पुलिस ने इस मामले को पहुंचकर सुलझा लिया था. लेकिन अब एक बार फिर मामला उलझ गया है.

ये भी पढ़ें- एक बेटा मुस्लिम और दूसरा हिंदू, मां के अंतिम संस्कार के लिए भिड़े, फिर पुलिस ने रास्ता निकाला

हिन्दू-मुस्लिम क्रियाकर्म के चक्कर में फंसा पेंच : महिला ने पहले एक मुस्लिम से निकाह किया था. उससे दो बच्चे हुए लेकिन जब पहले पति ने तलाक दे दिया तो महिला ने लखीसराय के चानन में हिन्दू से प्रेम विवाह कर लिया. महिला की दो शादी से 4 बेटे हुए. दो मुस्लिम और दो हिन्दू. मामला तब अटक गया जब महिला की मौत हो गई. हिन्दू बेटे अपने रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार करना चाहते थे. जबकि मुस्लिम बेटे उसका चालीसवां करने के लिए आमादा थे. ऐसे में खूब विवाद हुआ. गांव में तानव का माहौल हो गया.

एक छत के नीचे पूजा और नमाज साथ साथ: घर में सबको अपने हिसाब पूजा पाठ करने की छूठ थी. रेखा बनी रायका अपने दोनों मुस्लिम बेटों के साथ नमाज पढ़तीं थीं. वहीं राजेन्द्र झा अपने बेटे बबलू झा और बेटी के साथ मंत्रोच्चारण करते थे. धर्म को लेकर चारों में कभी कोई विवाद नहीं हुआ. लेकिन मां की मौत होने के बाद माजरा ही पलट गया. मां के आंखें मूंदते ही बेटों की राहें अलग हो गईं.

छोटे बेटे को मिला अंतिम संस्कार करने का जिम्मा: पूरे घटना क्रम की जानकारी पुलिस को दी गई. गांव में पुलिस पहुंची तो उसने वर्तमान में महिला हिन्दू थी इसलिए उसका अंतिम संस्कार हिन्दू रीति से करने की अनुमति दी गई. बेटे उसे लेकर श्मशान घाट पहुंचे. मां का दाह संस्कार किया. मुस्लिम भाई को मां के चिता की राख दफनाने के लिए सौंपी और अगले दिन सुबह लापता हो गया. इसी बीच महिला का त्रयोदशी कार्यक्रम अटक गया.

मां को मुखाग्नि देकर छोटा बेटा लापता: मृत महिला के बड़े बेटे मोहम्मद मोफिल ने बताया कि उसके छोटे भाई बबलू झा का कुछ अता-पता नहीं है. गांव वाले बता रहे हैं कि उसने दाह संस्कार किया, उसने मां के शव को मुखाग्नि दी, फिर रात में घर लौटकर अगले दिन लापता हो गया. उसने अभी तक त्रयोदश कर्म भी नहीं किया. अब बड़ा बेटा मोहम्मद मोफिल मुस्लिम रीति रिवाज से चालीसवां कर्म करेगा.

''यहां कोई दशकरम नहीं हुआ. वो (छोटा भाई) उस दिन शव को लेकर कहां ले गया, 'आग' दिया, क्या किया..? कुछ नहीं पता. गांव वाले बता रहे हैं कि उसने शव को आग देकर रात में घर लौटा लेकिन अगले ही दिन लापता हो गया. तब से वो 14 दिन बाद लौटा''- मोहम्मद मोफिल, मृत महिला का बड़ा बेटा

तलाकशुदा मुस्लिम महिला ने किया था हिन्दू से प्रेम विवाह : बताया जाता है कि राजेन्द्र झा नाम के एक व्यक्ति ने 45 वर्ष पहले दूसरे धर्म की एक महिला के साथ प्रेम विवाह किया था. महिला बेगूसराय की रहने वाली थी. शादी के बाद महिला ने दो बच्चों को जन्म दिया. महिला पहले मुस्लिम थीं, लेकिन बाद में वो धर्म बदलकर रायका खातून से रेखा देवी बन गईं. रेखा देवी शादी के बाद अपने पति के गांव में ही बीते 40 सालों से रह रही थीं.

Last Updated : Dec 20, 2022, 9:49 PM IST
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