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लाखों खर्च कर तैयार नशा मुक्ति केंद्र पर लटका है ताला, कोई नहीं सुध लेने वाला

बिहार में पूर्ण शराबबंदी पर स्वास्थ्य विभाग ही ग्रहण लगा रहा है. किशनगंज का नशा मुक्ति केंद्र डॉक्टर की तैनाती नहीं होने से बंद पड़ा है.

नशा मुक्ति केंद्र
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Published : May 31, 2019, 3:00 PM IST

Updated : May 31, 2019, 3:24 PM IST

किशनगंज: बिहार में पूर्ण शराबबन्दी लागू है. नशेड़ियों को नशा से मुक्ति दिलाने के लिए राज्य में जगह-जगह नशा मुक्ति केंद्र भी बनाए गए हैं. किशनगंज में भी सदर अस्पताल में नशा मुक्ति केंद्र लाखों रूपए खर्च कर बनाया गया है. लेकिन अबतक इसमें ताला लगा रहता है. इस कारण मरीज नहीं आते हैं.

बात करने पर अस्पताल के अधिकारी कहते हैं कि डॉक्टर नहीं रहने के कारण इलाज नहीं हो पाता है. आए दिन शराब और अन्य नशीली पदार्थो के साथ तस्कर पकड़े जा रहे हैं. नशे की हालत में नशेड़ी भी पकड़े जाते है. ऐसे लोगों के लिए ही नशा मुक्ति केंद्र खोले गए थे. लेकिन ऐसे लोग इसका फायदा नहीं उठा पा रहे है.

नशा मुक्ति केंद्र
नशा मुक्ति केंद्र में लटका रहता है ताला
किशनगंज स्थित सदर अस्पताल में भी लाखों खर्च कर सभी सुविधाओं से लैस नशा मुक्ति केंद्र खोला गया. इसके लिए अलग से डॉक्टरों की व्यवस्था की गई. लेकिन किशनगंज का नशा मुक्ति केंद्र हमेशा बंद रहता है. किशनगंज में शराबियों और नशेड़ियों की संख्या बढ़ती ही जा रही है.

बंगाल से नशा कर आते हैं लोग

बंगाल से सटे होने के कारण किशनगंज के शराबी बंगाल से शराब पीकर वापस आराम से चले आते हैं. सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. अनवर हुसैन बताते हैं कि शुरुआत में किशनगंज का नशा मुक्ति केंद्र सुचारु रूप से चलता था. यहां मरीज भी आते थे और इलाज करा कर स्वस्थ होकर वापस जाते थे. लेकिन अब यहां से डॉक्टर का तबादला होने से इसकी हालत दयनीय हो गई है.

डॉक्टर्स की नहीं हो पा रही है तैनाती

इस केन्द्र पर डॉक्टर की तैनाती नहीं होने के कारण अब यह केंद्र बन्द पड़ा हुआ है. इसकी जानकारी सिविल सर्जन और विभाग के उच्चाधिकारियों को भी है. लेकिन अबतक किसी भी डॉक्टर की तैनाती नहीं हुई है. जिसके कारण यह नशा मुक्ति केंद्र बंद पड़ा है.

किशनगंज: बिहार में पूर्ण शराबबन्दी लागू है. नशेड़ियों को नशा से मुक्ति दिलाने के लिए राज्य में जगह-जगह नशा मुक्ति केंद्र भी बनाए गए हैं. किशनगंज में भी सदर अस्पताल में नशा मुक्ति केंद्र लाखों रूपए खर्च कर बनाया गया है. लेकिन अबतक इसमें ताला लगा रहता है. इस कारण मरीज नहीं आते हैं.

बात करने पर अस्पताल के अधिकारी कहते हैं कि डॉक्टर नहीं रहने के कारण इलाज नहीं हो पाता है. आए दिन शराब और अन्य नशीली पदार्थो के साथ तस्कर पकड़े जा रहे हैं. नशे की हालत में नशेड़ी भी पकड़े जाते है. ऐसे लोगों के लिए ही नशा मुक्ति केंद्र खोले गए थे. लेकिन ऐसे लोग इसका फायदा नहीं उठा पा रहे है.

नशा मुक्ति केंद्र
नशा मुक्ति केंद्र में लटका रहता है ताला
किशनगंज स्थित सदर अस्पताल में भी लाखों खर्च कर सभी सुविधाओं से लैस नशा मुक्ति केंद्र खोला गया. इसके लिए अलग से डॉक्टरों की व्यवस्था की गई. लेकिन किशनगंज का नशा मुक्ति केंद्र हमेशा बंद रहता है. किशनगंज में शराबियों और नशेड़ियों की संख्या बढ़ती ही जा रही है.

बंगाल से नशा कर आते हैं लोग

बंगाल से सटे होने के कारण किशनगंज के शराबी बंगाल से शराब पीकर वापस आराम से चले आते हैं. सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. अनवर हुसैन बताते हैं कि शुरुआत में किशनगंज का नशा मुक्ति केंद्र सुचारु रूप से चलता था. यहां मरीज भी आते थे और इलाज करा कर स्वस्थ होकर वापस जाते थे. लेकिन अब यहां से डॉक्टर का तबादला होने से इसकी हालत दयनीय हो गई है.

डॉक्टर्स की नहीं हो पा रही है तैनाती

इस केन्द्र पर डॉक्टर की तैनाती नहीं होने के कारण अब यह केंद्र बन्द पड़ा हुआ है. इसकी जानकारी सिविल सर्जन और विभाग के उच्चाधिकारियों को भी है. लेकिन अबतक किसी भी डॉक्टर की तैनाती नहीं हुई है. जिसके कारण यह नशा मुक्ति केंद्र बंद पड़ा है.

Intro:किशनगंज:-किशनगंज के सदर अस्पताल स्थित नशा मुक्ति केंद्र लाखो के खर्च से बनकर तैयार तो हो गया है,पर अब इसमे लगा रह्ता है ताला,नही आते है नशेरी।


Body:किशनगंज:-किशनगंज के सदर अस्पताल स्थित नशा मुक्ति केंद्र लाखो के खर्च से बनकर तैयार तो हो गया है,पर अब इसमे लगा रह्ता है ताला,नही आते है मरीज़।अस्पताल के अधिकारी का कहना है की डॉक्टर ही नही है तो कौन करेगा इलाज।

बिहार मे पुर्ण शराब बन्दी के बावजूद आए दिन शराब और अन्य नशेली पधार्थो के साथ तश्कर पाए जाते है,साथ ही कितने बार नशे की हालत मे आम आदमी भी पकड़े जाते है।ऐसे नशा करने की वजह से कितने ही परिवार बर्बाद हो गए तो कितने बर्बादी के कगार पर है,इसी वजह से बिहार सरकार ने पूरे राज्य मे पुर्ण शराब बन्दी कर दी है,और ऐसे नशा करने वाले लोगो की।लत छुराने के लिए हर ज़ीले मे नशा मुफ्ती केंद्र खोले गए थे।
किशनगंज स्थित सदर अस्पताल मे भी लाखो-करोड़ो खर्च कर सभी सुविधाओ से लैश नशा मुफ्ती केंद्र खोला गया जिसके लिए अलग से डॉक्टरों की बेवस्था की गई जो ऐसे मरीजो का इलाज कर उन्हे नशे की लत से दूर कर एक अच्छी जिंदगी देंगे।परंतु किशनगंज का नशा मुफ्ती केंद्र हमेशा बंद ही रहता है,और किशनगंज मे शराबियो और नशेरीयो की संख्या दिन पर दिन बढते ही जा रहा है,चुकी किशनगंज बंगाल से बहुत ही नजदीक है,और बंगाल मे शराब आसानी से उप्लब्ध है,जिसके कारन किशनगंज से शराबी बंगाल आसानी से पीकर आ जाते है।

सदर अस्पताल के उपधिक्षक डॉ•अनवर हुस्सैन ने बताया की पहले शुरु शुरु मे किशनगंज का नशा मुक्ति केंद्र सुचारु रूप से चलता था,मरीज आते भी थे और इलाज के बाद ठीक भी होते थे,पर जो डॉक्टर यहा पर कार्यरत थे उनका तबादला हो गया जिसके बाद से कोई भी डॉक्टर यहा पर नही आया,जिसके वजह से केंद्र बन्द पड़ा हुआ है,इसकी जानकारी सिविल सर्जन और विभाग के उच्च अधिकारी को भी है पर अभी तक कोई डॉक्टर यहा पर नही लाया गया जिस वजह से नशा मुक्ति केंद्र बंद रहता है।



Conclusion:
Last Updated : May 31, 2019, 3:24 PM IST
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