पटना: आज नशा मुक्ति दिवस है. शराबबंदी को लेकर सदन के अंदर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और विपक्षी सदस्यों ने जमकर हंगामा किया. वहीं जदयू विधान पार्षद नीरज कुमार ने मंगलवार को राजद और तेजस्वी यादव पर बड़ा आरोप लगाया है.
शराब कंपनियों से राजद ने लिया करोड़ों का चंदा: जदयू विधान पार्षद नीरज कुमार ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव यादव राज्य में लागू शराबबंदी कानून के खिलाफ काम करते हैं. बिहार में शराबबंदी है, बावजूद इसके तेजस्वी यादव की पार्टी राजद शराब कम्पनियों से चंदा लेती है. राष्ट्रीय जनता दल ने इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए 46 करोड़ 64 लाख रुपए मिला.
'तेजस्वी यादव की मंशा सही नहीं': नीरज कुमार ने आगे कहा कि राजद के लोगों को बताना चाहिए की किस तरह वो एक तरफ शराबबंदी कानून को लेकर बात करते हैं और दूसरी तरफ शराब बनाने वाली कंपनी से चंदा लेते हैं. यही राजद का दोहरा चरित्र है. राजद के लोग नहीं चाहते है की राज्य में पूर्ण शराब बंदी हो इसीलिए ये लोग शराब कम्पनी से चंदा लेकर अवैध तस्करी करने वाले को बढ़ावा दे रहे हैं.
इलेक्टोरल बॉन्ड के नाम पर चंदा: नीरज कुमार ने कहा कि तेजस्वी यादव हमारी बातों को जवाब नहीं देते हैं और कुछ से कुछ बयानबाजी सदन के अंदर उनके नेता कर रहे हैं जो कहीं से भी उचित नहीं है. सबसे पहले राष्ट्रीय जनता दल को पब्लिक फॉर्म में आकर या जवाब देना होगा कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी है. शराबबंदी के समय में वर्ष 2023 और 24 में उन्होंने शराब बनाने वाले कंपनी से इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए चंदा किस तरह से लिया.
"शराब बनाने वाली कंपनी से चंदा लेने वाले पार्टी भी शराबबंदी पर बात कर रहा है. आज नशा मुक्ति दिवस है. कम से कम तेजस्वी यादव यह बता दें कि उन्होंने शराब बनाने वाली कंपनी से चंदा क्यों लिया और इसके पीछे उनकी मंशा क्या थी."-नीरज कुमार, विधान पार्षद, जदयू
बिहार में 8 साल से शराबबंदी: 2016 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिलाओं के कहने पर बिहार में शराबबंदी कानून लाया था. 50% महिला किसी न किसी घरेलू हिंसा की शिकार होती थी. जिसके पीछे मुख्य कारण शराब हुआ करती थी. यही कारण है कि नीतीश कुमार ने बिहार में शराबबंदी लागू करवाया. तेजस्वी यादव को और राजद को यह स्पष्ट करना चाहिए महिलाओं के बीच जाकर कि वह बिहार में शराबबंदी खत्म करना चाहते हैं..
ये भी पढ़ें
'शराबबंदी से गरीबों पर अत्याचार..मिल रहा तस्करी को बढ़ावा'.. पटना हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी
'ना शराब बनाएंगे, ना पिलाएंगे': मसौढ़ी में लोगों ने ली शपथ, आपसी सहयोग से शराबबंदी की पहल
'शराब कंपनियों से 45 करोड़ का चंदा क्यों लिया?', शराबबंदी पर JDU का RJD से सवाल