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किशनगंज में शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही, 2019-20 के प्रश्न पत्र से 2022 में हो रही है पांचवीं और आठवीं की परीक्षा

किशनगंज में शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई हैं. जिले के सरकारी स्कूलों में 2019-20 के प्रश्न पत्र से पांचवीं व आठवीं की 2022 की वार्षिक परीक्षा ली जा रही है. यहां तक कि पर्याप्त संख्या में प्रश्नपत्र उपलब्ध नहीं कराये जाने के कारण ब्लैक बोर्ड पर प्रश्न लिखकर परीक्षा ली जा रही है. पढ़ें यह विशेष रिपोर्ट.

किशनगंज में शिक्षा विभाग
किशनगंज में शिक्षा विभाग
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Published : Mar 8, 2022, 7:07 AM IST

किशनगंज: बिहार के शिक्षा विभाग (Bihar education department) का कारनामा बीच-बीच में चर्चा का विषय बनता रहता है. इसे लेकर काफी हो-हल्ला भी मचता है, फिर जांच के नाम पर मामला धीरे-धीरे ठंडा पड़ जाता है. अब किशनगंज में शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही (Bihar education department negligence in kishanganj) सामने आई हैं. जिले के सरकारी स्कूलों में पांचवीं व आठवीं की 2022 की वार्षिक परीक्षा में 2019-20 के प्रश्न पत्र से परीक्षा ली जा रही है.

10 मार्च तक चलेगी परीक्षा: सरकारी स्कूलों में पांचवीं और आठवीं की परीक्षा सात मार्च से शुरू हो गई हैं. किशनगंज के सभी सरकारी स्कूलों में पांचवीं और आठवीं की परीक्षा सात मार्च से लेकर 10 मार्च तक चलेगी. जिले के अधिकांश स्कूलों को विद्यार्थियों की संख्या के अनुरुप प्रश्न-पत्र उपलब्ध नहीं कराए गए हैं. मजबूरन शिक्षक को ब्लैक बोर्ड पर प्रश्न लिखकर परीक्षा ले रहे हैं. यह विभागीय उदासीनता को उजागर करता है.

ये भी पढ़ें: बोर्ड की लापरवाही से महिला परीक्षा केंद्र पर तमाशा बना छात्र, लड़कियों के बीच बैठकर देनी पड़ी परीक्षा

प्रश्न पत्रों की संख्या भी अपर्याप्त: परीक्षार्थी पहले प्रश्न पत्र अपनी कॉपी में लिखते हैं. इसके बाद प्रश्नों के उत्तर कॉपी में लिखने पड़ते हैं. कई स्कूलों को जो प्रश्न पत्र उपलब्ध करवाए गए हैं, वे प्रश्न पत्र भी विद्यार्थियो की संख्या से काफी कम हैं. आश्चर्य की बात यह है कि जिन स्कूलों को प्रश्न-पत्र दिए गए हैं, वह सत्र 2019-20 के हैं जबकि अभी शैक्षणिक वर्ष 2021-22 चल रहा है.

देखा जाए तो दो वर्ष पुराने प्रश्न पत्रों से विभाग किसी प्रकार से परीक्षा लेकर केवल खानापूर्ति करने में लगा है. इसको लेकर बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष रागीबुर्रहमान ने भी छात्रों के हित में आवाज उठाया है.

ये भी पढ़ें: जमुई में बर्खास्त शिक्षक का वेतन रोकने में लगे 12 साल, अब विभाग पर उठ रहे कई सवाल

सरकारी स्कूलों में दो वर्ष पूर्व पांचवीं और आठवीं की परीक्षा लेने के लिए प्रश्न पत्र छापे गए थे. उस समय कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए परीक्षा स्थगित हो गई थी. विभागीय निर्देशानुसार छपे हुए प्रश्न पत्र बेकार न हों, इसलिए सत्र 2021-22 की पांचवीं और आठवीं की परीक्षा में 2019-20 के प्रश्न पत्र दिए जा रहे हैं. किशनगंज जिला मुख्यालय सहित सातों प्रखंडों में कुल 1405 सरकारी स्कूल हैं जिनमें पांचवीं और आठवीं कक्षा की पढ़ाई होती है. इन सभी 1405 स्कूलों में सत्र 2021-22 की वार्षिक परीक्षा ली जा रही है. इस परीक्षा में 2019-20 के प्रश्न पत्र दिए जाने को लेकर शिक्षा विभाग पर सवाल उठने लगे हैं. -डीपीओ माध्यमिक शिक्षा सह प्रभारी डीपीओ सर्व शिक्षा अभियान शौकत अली.

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किशनगंज: बिहार के शिक्षा विभाग (Bihar education department) का कारनामा बीच-बीच में चर्चा का विषय बनता रहता है. इसे लेकर काफी हो-हल्ला भी मचता है, फिर जांच के नाम पर मामला धीरे-धीरे ठंडा पड़ जाता है. अब किशनगंज में शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही (Bihar education department negligence in kishanganj) सामने आई हैं. जिले के सरकारी स्कूलों में पांचवीं व आठवीं की 2022 की वार्षिक परीक्षा में 2019-20 के प्रश्न पत्र से परीक्षा ली जा रही है.

10 मार्च तक चलेगी परीक्षा: सरकारी स्कूलों में पांचवीं और आठवीं की परीक्षा सात मार्च से शुरू हो गई हैं. किशनगंज के सभी सरकारी स्कूलों में पांचवीं और आठवीं की परीक्षा सात मार्च से लेकर 10 मार्च तक चलेगी. जिले के अधिकांश स्कूलों को विद्यार्थियों की संख्या के अनुरुप प्रश्न-पत्र उपलब्ध नहीं कराए गए हैं. मजबूरन शिक्षक को ब्लैक बोर्ड पर प्रश्न लिखकर परीक्षा ले रहे हैं. यह विभागीय उदासीनता को उजागर करता है.

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प्रश्न पत्रों की संख्या भी अपर्याप्त: परीक्षार्थी पहले प्रश्न पत्र अपनी कॉपी में लिखते हैं. इसके बाद प्रश्नों के उत्तर कॉपी में लिखने पड़ते हैं. कई स्कूलों को जो प्रश्न पत्र उपलब्ध करवाए गए हैं, वे प्रश्न पत्र भी विद्यार्थियो की संख्या से काफी कम हैं. आश्चर्य की बात यह है कि जिन स्कूलों को प्रश्न-पत्र दिए गए हैं, वह सत्र 2019-20 के हैं जबकि अभी शैक्षणिक वर्ष 2021-22 चल रहा है.

देखा जाए तो दो वर्ष पुराने प्रश्न पत्रों से विभाग किसी प्रकार से परीक्षा लेकर केवल खानापूर्ति करने में लगा है. इसको लेकर बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष रागीबुर्रहमान ने भी छात्रों के हित में आवाज उठाया है.

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सरकारी स्कूलों में दो वर्ष पूर्व पांचवीं और आठवीं की परीक्षा लेने के लिए प्रश्न पत्र छापे गए थे. उस समय कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए परीक्षा स्थगित हो गई थी. विभागीय निर्देशानुसार छपे हुए प्रश्न पत्र बेकार न हों, इसलिए सत्र 2021-22 की पांचवीं और आठवीं की परीक्षा में 2019-20 के प्रश्न पत्र दिए जा रहे हैं. किशनगंज जिला मुख्यालय सहित सातों प्रखंडों में कुल 1405 सरकारी स्कूल हैं जिनमें पांचवीं और आठवीं कक्षा की पढ़ाई होती है. इन सभी 1405 स्कूलों में सत्र 2021-22 की वार्षिक परीक्षा ली जा रही है. इस परीक्षा में 2019-20 के प्रश्न पत्र दिए जाने को लेकर शिक्षा विभाग पर सवाल उठने लगे हैं. -डीपीओ माध्यमिक शिक्षा सह प्रभारी डीपीओ सर्व शिक्षा अभियान शौकत अली.

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