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आने वाले 5 सालों में नए क्षेत्र में रोजगार को मिलेगा बढ़ावा, इन सेक्टरों के नौकरी में आएगी गिरावट - FUTURE OF JOBS REPORT 2025

आने वाले 5 सालों में कई सेक्टरों को बढ़ावा मिलेगा जबकि लाखों सेक्टर मौजूदा नौकरियां खोने जा रहे हैं.

Future of Jobs Report 2025
प्रतीकात्मक फोटो (Getty Image)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : 4 hours ago

नई दिल्ली: आने वाले 5 सालों में नौकरी का परिदृश्य काफी हद तक बदलने वाली है. लाखों सेक्टर मौजूदा नौकरियां खोने जा रहे हैं जबकि कई सेक्टरों को बढ़ावा मिलेगा. विश्व आर्थिक मंच की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार टेक्नोलॉजी, अर्थव्यवस्था, जनसांख्यिकी और ग्रीन ट्रांजिशन में वैश्विक रुझानों में बदलाव से 2030 तक 170 मिलियन नई नौकरियां पैदा होने का अनुमान है, जबकि 92 मिलियन अन्य लोगों को डिस्प्लेसमेंट किया जाएगा.

हाल ही में जारी की गई फ्यूचर ऑफ जॉब्स रिपोर्ट 2025 के अनुसार सबसे तेजी से बढ़ने वाली कुछ नौकरियां डेटा, टेक्नोलॉजी और AI में पाई जाती हैं. लेकिन डिलीवरी ड्राइवर, देखभाल करने वाली भूमिकाएं, शिक्षक और खेतिहर मजदूरों सहित कोर इकोनॉमी भूमिकाओं के लिए भी वृद्धि की उम्मीद है.

2030 तक सबसे तेजी से बढ़ने वाले कौशल में मानवीय कौशल के साथ-साथ तकनीकी कौशल भी शामिल होंगे. यह सुझाव देता है कि बढ़ते कौशल अंतराल को दूर करने के लिए सार्वजनिक, निजी और शिक्षा क्षेत्रों में सामूहिक कार्रवाई की तत्काल आवश्यकता है.

फ्यूचर ऑफ जॉब्स रिपोर्ट 2025 का अनुमान है कि, 2030 तक मैक्रोट्रेंड द्वारा संचालित परिवर्तनों के परिणामस्वरूप नई नौकरियों का सृजन और नौकरी का नुकसान होगा, जो वर्तमान औपचारिक नौकरियों का कुल मिलाकर 22 फीसदी होगा. विशेष रूप से यह अनुमान लगाया गया है कि मैक्रोट्रेंड 170 मिलियन नई नौकरिया या मौजूदा कार्यबल का 14 फीसदी पैदा करेंगे.

हालांकि यह वृद्धि 92 मिलियन मौजूदा नौकरियों के विस्थापन से संतुलित होगी, जो कुल रोजगार का 8 फीसदी है. शुद्ध परिणाम 2030 तक 78 मिलियन नौकरियों की वृद्धि होगी, जो आज के कार्यबल का 7 फीसदी है.

1000 से अधिक कंपनियों के डेटा के आधार पर रिपोर्ट ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कौशल अंतर आज व्यवसाय परिवर्तन में सबसे बड़ी बाधा बना हुआ है. नौकरियों के लिए आवश्यक लगभग 40 प्रतिशत कौशल में बदलाव की उम्मीद है और 63 फीसदी नियोक्ता पहले से ही इसे अपनी प्राथमिक चुनौती के रूप में पहचानते हैं. प्रौद्योगिकी कौशल की मांग, विशेष रूप से AI, बड़े डेटा और साइबर सुरक्षा में तेजी से बढ़ने वाली है.

भारत की स्थिति
रिपोर्ट के अनुसार AI कौशल की मांग वैश्विक स्तर पर बढ़ी है, जिसमें भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका नामांकन संख्या में अग्रणी हैं. हालांकि मांग के चालक अलग-अलग हैं. यह सुझाव देता है कि संयुक्त राज्य अमेरिका में मांग मुख्य रूप से व्यक्तिगत उपयोगकर्ताओं द्वारा संचालित होती है, जबकि भारत में, कॉर्पोरेट प्रायोजन GenAI प्रशिक्षण को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

रिपोर्ट बताती है कि 2030 तक भारत में नौकरियों का भविष्य मुख्य रूप से तीन प्रमुख रुझानों से प्रभावित होगा- बढ़ी हुई डिजिटल पहुंच, भू-राजनीतिक तनाव और जलवायु-शमन प्रयास.

विशेषज्ञों की टिप्पणी

इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस के क्लीनिकल प्रोफेसर (ओबी) डॉ चंद्रशेखर श्रीपदा ने इस रिपोर्ट पर ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि जहां भी नए जमाने की तकनीक, एआई और रोबोटिक्स उत्पादकता बढ़ाती है, हमें निश्चित रूप से इसका स्वागत करना चाहिए. हालांकि, जहां भी यह सीधे तौर पर नौकरियों को प्रभावित करती है और लोगों को फिर से तैनात करने के तरीके खोजे बिना बेरोजगारी पैदा करती है, हमें सतर्क रहना चाहिए.

उनके अनुसार ऐसा हो सकता है कि पूरी दुनिया में नई नौकरियां पैदा होने जा रही हों. लेकिन भारत में हमें इसे अलग तरह से लेना चाहिए और हमारा दृष्टिकोण बहुत सतर्क होना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि अगर फिनलैंड में ऑटोमेशन की वजह से किसी पोस्टमैन की नौकरी चली जाती है तो इसका ज्यादा असर नहीं होगा. लेकिन अगर भारत में ऐसा बड़े पैमाने पर होता है और दूरदराज के गांव में रहने वाला कोई पोस्टमैन अपनी सेवानिवृत्ति से 10 साल पहले नौकरी खो देता है, तो वह फिर से नई नौकरी नहीं ढूंढ पाएगा.

चंद्रशेखर श्रीपदा ने यह भी कहा कि भारत में रोजगार सबसे बड़ा मुद्दा है. इसलिए यहां ऑटोमेशन को बिना सोचे-समझे अपनाना और नौकरियों का डिस्प्लेसमेंट बहुत डिजायरेबल नहीं है. हमें लोगों को कौशल देने का रोडमैप बनाने की आवश्यकता है.

बढ़ती नौकरियां

  • बिग डेटा विशेषज्ञ
  • फिनटेक इंजीनियर
  • AI और मशीन लर्निंग विशेषज्ञ
  • सॉफ्टवेयर और एप्लीकेशन डेवलपर्स
  • सुरक्षा प्रबंधन विशेषज्ञ
  • डेटा वेयरहाउसिंग विशेषज्ञ
  • स्वायत्त और इलेक्ट्रिक वाहन विशेषज्ञ
  • UI और UX डिज़ाइनर
  • लाइट ट्रक या डिलीवरी सेवा ड्राइवर
  • इंटरनेट ऑफ थिंग्स विशेषज्ञ
  • डेटा विश्लेषक और वैज्ञानिक
  • पर्यावरण इंजीनियर
  • सूचना सुरक्षा विश्लेषक
  • डेवॉप्स इंजीनियर
  • नवीकरणीय ऊर्जा इंजीनियर
  • खेतकर्मी, मज़दूर और अन्य कृषि कर्मचारी
  • लाइट ट्रक या डिलीवरी सेवा ड्राइवर
  • सॉफ्टवेयर और एप्लीकेशन डेवलपर्स
  • बिल्डिंग फ्रेमर, फिनिशर और संबंधित ट्रेड कर्मचारी
  • शॉप सेल्सपर्सन
  • खाद्य प्रसंस्करण और संबंधित ट्रेड कर्मचारी
  • कार, वैन और मोटरसाइकिल ड्राइवर
  • नर्सिंग पेशेवर
  • खाद्य और पेय पदार्थ परोसने वाले कर्मचारी
  • सामान्य और संचालन प्रबंधक
  • सामाजिक कार्य और परामर्श पेशेवर
  • परियोजना प्रबंधक
  • विश्वविद्यालय और उच्च शिक्षा शिक्षक
  • माध्यमिक शिक्षा शिक्षक
  • व्यक्तिगत देखभाल सहायक

इन सेक्टर में नौकरियों में कमी

  • डाक सेवा क्लर्क
  • बैंक टेलर और संबंधित क्लर्क
  • डेटा एंट्री क्लर्क
  • कैशियर और टिकट क्लर्क
  • प्रशासनिक सहायक और कार्यकारी सचिव
  • प्रिंटिंग और संबंधित ट्रेड्स वर्कर
  • अकाउंटिंग, बुककीपिंग और पेरोल क्लर्क
  • सामग्री-रिकॉर्डिंग और स्टॉक-कीपिंग क्लर्क
  • परिवहन परिचारक और कंडक्टर
  • डोर-टू-डोर बिक्री कर्मचारी, समाचार और
  • स्ट्रीट विक्रेता, और संबंधित कर्मचारी
  • ग्राफिक डिजाइनर
  • दावा समायोजक, परीक्षक और जांचकर्ता
  • कानूनी अधिकारी
  • कानूनी सचिव
  • टेलीमार्केटर
  • सुरक्षा गार्ड
  • ग्राहक सूचना और ग्राहक सेवा कर्मचारी
  • व्यावसायिक सेवाए और प्रशासन प्रबंधक
  • स्वचालन बनाम इनहेंसमेंट

रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि मनुष्य, मशीन और एल्गोरिदम के बीच परस्पर क्रिया उद्योगों में नौकरी की भूमिकाओं को फिर से परिभाषित कर रही है.

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नई दिल्ली: आने वाले 5 सालों में नौकरी का परिदृश्य काफी हद तक बदलने वाली है. लाखों सेक्टर मौजूदा नौकरियां खोने जा रहे हैं जबकि कई सेक्टरों को बढ़ावा मिलेगा. विश्व आर्थिक मंच की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार टेक्नोलॉजी, अर्थव्यवस्था, जनसांख्यिकी और ग्रीन ट्रांजिशन में वैश्विक रुझानों में बदलाव से 2030 तक 170 मिलियन नई नौकरियां पैदा होने का अनुमान है, जबकि 92 मिलियन अन्य लोगों को डिस्प्लेसमेंट किया जाएगा.

हाल ही में जारी की गई फ्यूचर ऑफ जॉब्स रिपोर्ट 2025 के अनुसार सबसे तेजी से बढ़ने वाली कुछ नौकरियां डेटा, टेक्नोलॉजी और AI में पाई जाती हैं. लेकिन डिलीवरी ड्राइवर, देखभाल करने वाली भूमिकाएं, शिक्षक और खेतिहर मजदूरों सहित कोर इकोनॉमी भूमिकाओं के लिए भी वृद्धि की उम्मीद है.

2030 तक सबसे तेजी से बढ़ने वाले कौशल में मानवीय कौशल के साथ-साथ तकनीकी कौशल भी शामिल होंगे. यह सुझाव देता है कि बढ़ते कौशल अंतराल को दूर करने के लिए सार्वजनिक, निजी और शिक्षा क्षेत्रों में सामूहिक कार्रवाई की तत्काल आवश्यकता है.

फ्यूचर ऑफ जॉब्स रिपोर्ट 2025 का अनुमान है कि, 2030 तक मैक्रोट्रेंड द्वारा संचालित परिवर्तनों के परिणामस्वरूप नई नौकरियों का सृजन और नौकरी का नुकसान होगा, जो वर्तमान औपचारिक नौकरियों का कुल मिलाकर 22 फीसदी होगा. विशेष रूप से यह अनुमान लगाया गया है कि मैक्रोट्रेंड 170 मिलियन नई नौकरिया या मौजूदा कार्यबल का 14 फीसदी पैदा करेंगे.

हालांकि यह वृद्धि 92 मिलियन मौजूदा नौकरियों के विस्थापन से संतुलित होगी, जो कुल रोजगार का 8 फीसदी है. शुद्ध परिणाम 2030 तक 78 मिलियन नौकरियों की वृद्धि होगी, जो आज के कार्यबल का 7 फीसदी है.

1000 से अधिक कंपनियों के डेटा के आधार पर रिपोर्ट ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कौशल अंतर आज व्यवसाय परिवर्तन में सबसे बड़ी बाधा बना हुआ है. नौकरियों के लिए आवश्यक लगभग 40 प्रतिशत कौशल में बदलाव की उम्मीद है और 63 फीसदी नियोक्ता पहले से ही इसे अपनी प्राथमिक चुनौती के रूप में पहचानते हैं. प्रौद्योगिकी कौशल की मांग, विशेष रूप से AI, बड़े डेटा और साइबर सुरक्षा में तेजी से बढ़ने वाली है.

भारत की स्थिति
रिपोर्ट के अनुसार AI कौशल की मांग वैश्विक स्तर पर बढ़ी है, जिसमें भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका नामांकन संख्या में अग्रणी हैं. हालांकि मांग के चालक अलग-अलग हैं. यह सुझाव देता है कि संयुक्त राज्य अमेरिका में मांग मुख्य रूप से व्यक्तिगत उपयोगकर्ताओं द्वारा संचालित होती है, जबकि भारत में, कॉर्पोरेट प्रायोजन GenAI प्रशिक्षण को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

रिपोर्ट बताती है कि 2030 तक भारत में नौकरियों का भविष्य मुख्य रूप से तीन प्रमुख रुझानों से प्रभावित होगा- बढ़ी हुई डिजिटल पहुंच, भू-राजनीतिक तनाव और जलवायु-शमन प्रयास.

विशेषज्ञों की टिप्पणी

इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस के क्लीनिकल प्रोफेसर (ओबी) डॉ चंद्रशेखर श्रीपदा ने इस रिपोर्ट पर ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि जहां भी नए जमाने की तकनीक, एआई और रोबोटिक्स उत्पादकता बढ़ाती है, हमें निश्चित रूप से इसका स्वागत करना चाहिए. हालांकि, जहां भी यह सीधे तौर पर नौकरियों को प्रभावित करती है और लोगों को फिर से तैनात करने के तरीके खोजे बिना बेरोजगारी पैदा करती है, हमें सतर्क रहना चाहिए.

उनके अनुसार ऐसा हो सकता है कि पूरी दुनिया में नई नौकरियां पैदा होने जा रही हों. लेकिन भारत में हमें इसे अलग तरह से लेना चाहिए और हमारा दृष्टिकोण बहुत सतर्क होना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि अगर फिनलैंड में ऑटोमेशन की वजह से किसी पोस्टमैन की नौकरी चली जाती है तो इसका ज्यादा असर नहीं होगा. लेकिन अगर भारत में ऐसा बड़े पैमाने पर होता है और दूरदराज के गांव में रहने वाला कोई पोस्टमैन अपनी सेवानिवृत्ति से 10 साल पहले नौकरी खो देता है, तो वह फिर से नई नौकरी नहीं ढूंढ पाएगा.

चंद्रशेखर श्रीपदा ने यह भी कहा कि भारत में रोजगार सबसे बड़ा मुद्दा है. इसलिए यहां ऑटोमेशन को बिना सोचे-समझे अपनाना और नौकरियों का डिस्प्लेसमेंट बहुत डिजायरेबल नहीं है. हमें लोगों को कौशल देने का रोडमैप बनाने की आवश्यकता है.

बढ़ती नौकरियां

  • बिग डेटा विशेषज्ञ
  • फिनटेक इंजीनियर
  • AI और मशीन लर्निंग विशेषज्ञ
  • सॉफ्टवेयर और एप्लीकेशन डेवलपर्स
  • सुरक्षा प्रबंधन विशेषज्ञ
  • डेटा वेयरहाउसिंग विशेषज्ञ
  • स्वायत्त और इलेक्ट्रिक वाहन विशेषज्ञ
  • UI और UX डिज़ाइनर
  • लाइट ट्रक या डिलीवरी सेवा ड्राइवर
  • इंटरनेट ऑफ थिंग्स विशेषज्ञ
  • डेटा विश्लेषक और वैज्ञानिक
  • पर्यावरण इंजीनियर
  • सूचना सुरक्षा विश्लेषक
  • डेवॉप्स इंजीनियर
  • नवीकरणीय ऊर्जा इंजीनियर
  • खेतकर्मी, मज़दूर और अन्य कृषि कर्मचारी
  • लाइट ट्रक या डिलीवरी सेवा ड्राइवर
  • सॉफ्टवेयर और एप्लीकेशन डेवलपर्स
  • बिल्डिंग फ्रेमर, फिनिशर और संबंधित ट्रेड कर्मचारी
  • शॉप सेल्सपर्सन
  • खाद्य प्रसंस्करण और संबंधित ट्रेड कर्मचारी
  • कार, वैन और मोटरसाइकिल ड्राइवर
  • नर्सिंग पेशेवर
  • खाद्य और पेय पदार्थ परोसने वाले कर्मचारी
  • सामान्य और संचालन प्रबंधक
  • सामाजिक कार्य और परामर्श पेशेवर
  • परियोजना प्रबंधक
  • विश्वविद्यालय और उच्च शिक्षा शिक्षक
  • माध्यमिक शिक्षा शिक्षक
  • व्यक्तिगत देखभाल सहायक

इन सेक्टर में नौकरियों में कमी

  • डाक सेवा क्लर्क
  • बैंक टेलर और संबंधित क्लर्क
  • डेटा एंट्री क्लर्क
  • कैशियर और टिकट क्लर्क
  • प्रशासनिक सहायक और कार्यकारी सचिव
  • प्रिंटिंग और संबंधित ट्रेड्स वर्कर
  • अकाउंटिंग, बुककीपिंग और पेरोल क्लर्क
  • सामग्री-रिकॉर्डिंग और स्टॉक-कीपिंग क्लर्क
  • परिवहन परिचारक और कंडक्टर
  • डोर-टू-डोर बिक्री कर्मचारी, समाचार और
  • स्ट्रीट विक्रेता, और संबंधित कर्मचारी
  • ग्राफिक डिजाइनर
  • दावा समायोजक, परीक्षक और जांचकर्ता
  • कानूनी अधिकारी
  • कानूनी सचिव
  • टेलीमार्केटर
  • सुरक्षा गार्ड
  • ग्राहक सूचना और ग्राहक सेवा कर्मचारी
  • व्यावसायिक सेवाए और प्रशासन प्रबंधक
  • स्वचालन बनाम इनहेंसमेंट

रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि मनुष्य, मशीन और एल्गोरिदम के बीच परस्पर क्रिया उद्योगों में नौकरी की भूमिकाओं को फिर से परिभाषित कर रही है.

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