कटिहार: जिले से एक रोचक वाकया सामने आया है. ओडीएफ घोषित इस जिले में शौचालय बनाने का अंतिम लक्ष्य 10 फरवरी रखा गया है. गंगा किनारे के क्षेत्र में ग्रामीणों को शौचालय तक नसीब नहीं है. लेकिन सरकारी कागजों में जिले के सभी 235 पंचायतों को खुले में शौच से पूरी तरह मुक्त कर दिया गया है.
खुले में शौच मुक्त बनाने का लक्ष्य
दरअसल, लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के तहत राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों को खुले में शौच मुक्त बनाने का लक्ष्य है. जिसे स्वच्छ भारत मिशन और राज्य संपोषित लोहिया स्वच्छ योजना के प्रावधानों से पूरा किया जाना था. इस क्रम में बिहार को 2 अक्टूबर 2019 तक खुले में शौच से मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया था. लेकिन आज भी कटिहार में ओडीएफ घोषित होने के बावजूद गंगा किनारे के क्षेत्रों में शौचालय नहीं बन सका है.
'शौचालय का निर्माण घर का समान निश्चय'
बता दें कि राज्य सरकार ने शौचालय निर्माण अभियान को मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना में शामिल किया है. यानी बिहार में 'शौचालय का निर्माण घर का समान निश्चय' के तहत शौचालय निर्माण कराया जाना है. इसके तहत जिले के सभी 235 पंचायत को खुले में शौच से पूरी तरह मुक्त कर दिया गया, लेकिन यह सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह गया. गंगा क्षेत्र में मौजूद कई पंचायत आज भी शौचालय से वंचित हैं.
क्या कहते हैं गांव के लोग
गंगा से महज 10 मीटर की दूरी पर बसे इस गांव में लोग खुले में शौच करने को मजबूर हैं. सिंगल टोला गांव की निवासी सुशीला देवी बताती हैं कि उन्होंने अपने खुद के पैसे से शौचालय बनाई है. लेकिन जनप्रतिनिधि पैसे देने से इंकार कर रहे हैं. जन प्रतिनिधियों का कहना है सिंगल टोला गांव कटाव की चपेट में है और कभी भी गंगा में समा सकता है. लिहाजा, दूसरे जगह पर बसने के बाद ही लोगों को शौचालय का पैसा दिया जाएगा.
वहीं, एक अन्य ग्रामीण जिप्सी देवी बताती हैं कि जिसके पास पैसा है वहीं अपने घर में शौचालय बना सकता है. लेकिन गरीब आदमी कहां से शौचालय बनाएगा. सरकार के तरफ से उन्हें किसी प्रकार का पैसा नहीं मिलता है.
लोगों को किया जाएगा जागरूक
इस बारे में उप विकास आयुक्त वर्षा सिंह ने बताया कि गंगा किनारे के क्षेत्रों में 10 फरवरी 2020 तक शौचालय निर्माण कराने का लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए हर एक पंचायत में एक स्वच्क्षाग्रही को देंगे, जो ग्रामीण स्तर पर जाकर लोगों को जागरूक करेगा. ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग शौचालय बनाए जा सके.
कागजों तक ही सीमित है योजना
ऐसे में यह सवाल उठता है कि जिले के सभी 235 पंचायत पूरी तरह ओडीएफ घोषित हो गए हैं तो 10 फरवरी 2020 तक का लक्ष्य क्यों रखा गया है? शायद जिले के सभी 235 पंचायत जो ओडीएफ घोषित किए गए हैं वह सिर्फ कागजों तक ही सीमित है इसलिए जिला प्रशासन ने एक बार फिर शौचालय बनाने का लक्ष्य 10 फरवरी 2020 रखा गया है ताकि जल जीवन हरियाली के यात्रा पर सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कटिहार दौरे के दौरान सात निश्चय योजना के कार्यों पर कोई सवाल न उठ सके.