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कटिहार में ODF का सच: खुले में शौच से मुक्त जिले में 10 फरवरी रखा गया है शौचालय बनाने का है लक्ष्य - toilets build in katihar

उप विकास आयुक्त वर्षा सिंह ने बताया कि गंगा किनारे के क्षेत्रों में 10 फरवरी 2020 तक शौचालय निर्माण कराने का लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए हर एक पंचायत में एक स्वच्क्षाग्रही को देंगे, जो ग्रामीण स्तर पर जाकर लोगों को जागरूक करेगा. ताकि ज्यादा से ज्यादा शौचालय बनाए जा सके.

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Published : Jan 3, 2020, 1:19 PM IST

कटिहार: जिले से एक रोचक वाकया सामने आया है. ओडीएफ घोषित इस जिले में शौचालय बनाने का अंतिम लक्ष्य 10 फरवरी रखा गया है. गंगा किनारे के क्षेत्र में ग्रामीणों को शौचालय तक नसीब नहीं है. लेकिन सरकारी कागजों में जिले के सभी 235 पंचायतों को खुले में शौच से पूरी तरह मुक्त कर दिया गया है.

खुले में शौच मुक्त बनाने का लक्ष्य
दरअसल, लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के तहत राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों को खुले में शौच मुक्त बनाने का लक्ष्य है. जिसे स्वच्छ भारत मिशन और राज्य संपोषित लोहिया स्वच्छ योजना के प्रावधानों से पूरा किया जाना था. इस क्रम में बिहार को 2 अक्टूबर 2019 तक खुले में शौच से मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया था. लेकिन आज भी कटिहार में ओडीएफ घोषित होने के बावजूद गंगा किनारे के क्षेत्रों में शौचालय नहीं बन सका है.

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कटिहार में कराया जा रहा है शौचालय निर्माण

'शौचालय का निर्माण घर का समान निश्चय'
बता दें कि राज्य सरकार ने शौचालय निर्माण अभियान को मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना में शामिल किया है. यानी बिहार में 'शौचालय का निर्माण घर का समान निश्चय' के तहत शौचालय निर्माण कराया जाना है. इसके तहत जिले के सभी 235 पंचायत को खुले में शौच से पूरी तरह मुक्त कर दिया गया, लेकिन यह सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह गया. गंगा क्षेत्र में मौजूद कई पंचायत आज भी शौचालय से वंचित हैं.

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ओडीएफ घोषित हो चुका है जिला

क्या कहते हैं गांव के लोग
गंगा से महज 10 मीटर की दूरी पर बसे इस गांव में लोग खुले में शौच करने को मजबूर हैं. सिंगल टोला गांव की निवासी सुशीला देवी बताती हैं कि उन्होंने अपने खुद के पैसे से शौचालय बनाई है. लेकिन जनप्रतिनिधि पैसे देने से इंकार कर रहे हैं. जन प्रतिनिधियों का कहना है सिंगल टोला गांव कटाव की चपेट में है और कभी भी गंगा में समा सकता है. लिहाजा, दूसरे जगह पर बसने के बाद ही लोगों को शौचालय का पैसा दिया जाएगा.
वहीं, एक अन्य ग्रामीण जिप्सी देवी बताती हैं कि जिसके पास पैसा है वहीं अपने घर में शौचालय बना सकता है. लेकिन गरीब आदमी कहां से शौचालय बनाएगा. सरकार के तरफ से उन्हें किसी प्रकार का पैसा नहीं मिलता है.

ईटीवी संवाददाता की रिपोर्ट

लोगों को किया जाएगा जागरूक
इस बारे में उप विकास आयुक्त वर्षा सिंह ने बताया कि गंगा किनारे के क्षेत्रों में 10 फरवरी 2020 तक शौचालय निर्माण कराने का लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए हर एक पंचायत में एक स्वच्क्षाग्रही को देंगे, जो ग्रामीण स्तर पर जाकर लोगों को जागरूक करेगा. ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग शौचालय बनाए जा सके.

कागजों तक ही सीमित है योजना
ऐसे में यह सवाल उठता है कि जिले के सभी 235 पंचायत पूरी तरह ओडीएफ घोषित हो गए हैं तो 10 फरवरी 2020 तक का लक्ष्य क्यों रखा गया है? शायद जिले के सभी 235 पंचायत जो ओडीएफ घोषित किए गए हैं वह सिर्फ कागजों तक ही सीमित है इसलिए जिला प्रशासन ने एक बार फिर शौचालय बनाने का लक्ष्य 10 फरवरी 2020 रखा गया है ताकि जल जीवन हरियाली के यात्रा पर सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कटिहार दौरे के दौरान सात निश्चय योजना के कार्यों पर कोई सवाल न उठ सके.

कटिहार: जिले से एक रोचक वाकया सामने आया है. ओडीएफ घोषित इस जिले में शौचालय बनाने का अंतिम लक्ष्य 10 फरवरी रखा गया है. गंगा किनारे के क्षेत्र में ग्रामीणों को शौचालय तक नसीब नहीं है. लेकिन सरकारी कागजों में जिले के सभी 235 पंचायतों को खुले में शौच से पूरी तरह मुक्त कर दिया गया है.

खुले में शौच मुक्त बनाने का लक्ष्य
दरअसल, लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के तहत राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों को खुले में शौच मुक्त बनाने का लक्ष्य है. जिसे स्वच्छ भारत मिशन और राज्य संपोषित लोहिया स्वच्छ योजना के प्रावधानों से पूरा किया जाना था. इस क्रम में बिहार को 2 अक्टूबर 2019 तक खुले में शौच से मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया था. लेकिन आज भी कटिहार में ओडीएफ घोषित होने के बावजूद गंगा किनारे के क्षेत्रों में शौचालय नहीं बन सका है.

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कटिहार में कराया जा रहा है शौचालय निर्माण

'शौचालय का निर्माण घर का समान निश्चय'
बता दें कि राज्य सरकार ने शौचालय निर्माण अभियान को मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना में शामिल किया है. यानी बिहार में 'शौचालय का निर्माण घर का समान निश्चय' के तहत शौचालय निर्माण कराया जाना है. इसके तहत जिले के सभी 235 पंचायत को खुले में शौच से पूरी तरह मुक्त कर दिया गया, लेकिन यह सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह गया. गंगा क्षेत्र में मौजूद कई पंचायत आज भी शौचालय से वंचित हैं.

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ओडीएफ घोषित हो चुका है जिला

क्या कहते हैं गांव के लोग
गंगा से महज 10 मीटर की दूरी पर बसे इस गांव में लोग खुले में शौच करने को मजबूर हैं. सिंगल टोला गांव की निवासी सुशीला देवी बताती हैं कि उन्होंने अपने खुद के पैसे से शौचालय बनाई है. लेकिन जनप्रतिनिधि पैसे देने से इंकार कर रहे हैं. जन प्रतिनिधियों का कहना है सिंगल टोला गांव कटाव की चपेट में है और कभी भी गंगा में समा सकता है. लिहाजा, दूसरे जगह पर बसने के बाद ही लोगों को शौचालय का पैसा दिया जाएगा.
वहीं, एक अन्य ग्रामीण जिप्सी देवी बताती हैं कि जिसके पास पैसा है वहीं अपने घर में शौचालय बना सकता है. लेकिन गरीब आदमी कहां से शौचालय बनाएगा. सरकार के तरफ से उन्हें किसी प्रकार का पैसा नहीं मिलता है.

ईटीवी संवाददाता की रिपोर्ट

लोगों को किया जाएगा जागरूक
इस बारे में उप विकास आयुक्त वर्षा सिंह ने बताया कि गंगा किनारे के क्षेत्रों में 10 फरवरी 2020 तक शौचालय निर्माण कराने का लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए हर एक पंचायत में एक स्वच्क्षाग्रही को देंगे, जो ग्रामीण स्तर पर जाकर लोगों को जागरूक करेगा. ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग शौचालय बनाए जा सके.

कागजों तक ही सीमित है योजना
ऐसे में यह सवाल उठता है कि जिले के सभी 235 पंचायत पूरी तरह ओडीएफ घोषित हो गए हैं तो 10 फरवरी 2020 तक का लक्ष्य क्यों रखा गया है? शायद जिले के सभी 235 पंचायत जो ओडीएफ घोषित किए गए हैं वह सिर्फ कागजों तक ही सीमित है इसलिए जिला प्रशासन ने एक बार फिर शौचालय बनाने का लक्ष्य 10 फरवरी 2020 रखा गया है ताकि जल जीवन हरियाली के यात्रा पर सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कटिहार दौरे के दौरान सात निश्चय योजना के कार्यों पर कोई सवाल न उठ सके.

Intro:कटिहार

ओडीएफ घोषित होने के बावजूद जिला में शौचालय बनाने का अंतिम लक्ष्य 10 फरवरी रखा गया है, गंगा किनारे के क्षेत्र में नहीं बन पाया हैं शौचालय, ग्रामीणों का आरोप शौचालय बनाने के बावजूद प्रशासन की ओर से नहीं मिलते पैसे, उप विकास आयुक्त ने बताई गंगा क्षेत्र में बनेगा सार्वजनिक शौचालय।


Body:Anchor_ लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के तहत राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों को खुले में शौच मुक्त बनाने का लक्ष्य है जिसे केंद्र पर आयोजित स्वच्छ भारत मिशन तथा राज्य संपोषित लोहिया स्वच्छ योजना के प्रावधानों से पूरा किया जाना था। बिहार को 2 अक्टूबर 2019 तक खुले में शौच से मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया था लेकिन आज भी बिहार के कटिहार जिला ओडीएफ घोषित होने के बावजूद गंगा किनारे के क्षेत्रों में शौचालय नहीं बन सका है।

V.O1_ बता दें कि राज्य सरकार ने शौचालय निर्माण अभियान को मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना में शामिल किया गया है यानी शौचालय का निर्माण घर का समान निश्चय के तहत शौचालय निर्माण कराया जाना है इसके तहत जिले के सभी 235 पंचायत को खुले में शौच से पूरी तरह मुक्त कर दिया गया लेकिन यह सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह गया। गंगा क्षेत्र में मौजूद कई पंचायत आज भी शौचालय से वंचित है।

V.O2_ मनिहारी अनुमंडल का सिंगल टोला गांव जो गंगा से महज 10 मीटर की दूरी पर बसा है आज भी वहां के ग्रामीणों को शौचालय नसीब नहीं है। जिला प्रशासन के जो दावे थे कि जिले के सभी 235 पंचायत ओडीएफ घोषित है वह सिर्फ कागजी प्रक्रिया है और कागजों तक ही सीमित है जमीनी हकीकत कुछ और बयां करती है। दरअसल गंगा क्षेत्र के किनारे मौजूद आज भी दर्जनों पंचायत के लोग शौचालय से पूरी तरह वंचित है और खुले में शौच करने को मजबूर हैं।

byte1_ सिंगल टोला गांव के निवासी सुशीला देवी बताती है अपने खुद के पैसे से शौचालय बनाई है लेकिन जनप्रतिनिधि पैसे देने से इंकार कर रहे हैं। जन प्रतिनिधियों का कहना है सिंगल टोला गांव कटाव के चपेट में है और कभी भी गंगा में समा सकता है लिहाजा दूसरे जगह पर बसने के बाद ही लोगों को शौचालय का पैसा दिया जाएगा।

byte2_ वहीं राजवाड़ा पंचायत के जिप्सी देवी बताती है जो घर से पैसा लगाकर बनाएगा वही शौचालय बना सकता है गरीब आदमी कहां से शौचालय बनाएगा, सरकार पैसा देता है नहीं। शौचालय के लिए पहले घर से पैसा लगाना पड़ता है बाद में शौचालय का पैसा सरकार से मिलता है।

byte3_ उप विकास आयुक्त वर्षा सिंह बताती है गंगा किनारे के क्षेत्रों में 10 फरवरी 2020 तक शौचालय निर्माण कराने का लक्ष्य रखा गया है और इसके लिए हर एक पंचायत में एक स्वच्क्षाग्रही को देंगे जो ग्रामीण स्तर पर जाकर लोगों को जागरूक करेगा कि ज्यादा से ज्यादा लोग शौचालय बनाएं। इन्होंने बताया भूमिहीन क्षेत्र और गंगा किनारे क्षेत्र में कई ऐसे जगह हैं जहां शौचालय नहीं बनाई गई है वहां पर सामुदायिक शौचालय बनाया जाएगा जिसकी देख रेख कि जिम्मेवारी स्थानीय लोगों की होगी।


Conclusion:आखिर अब यह सवाल उठता है कि जिले के सभी 235 पंचायत पूरी तरह ओडीएफ घोषित हो गए हैं तो 10 फरवरी 2020 तक का लक्ष्य क्यों रखा गया है? शायद जिले के सभी 235 पंचायत जो ओडीएफ घोषित किए गए हैं वह सिर्फ कागजों तक ही सीमित है इसलिए जिला प्रशासन ने एक बार फिर शौचालय बनाने का लक्ष्य 10 फरवरी 2020 रखा गया है ताकि जल जीवन हरियाली के यात्रा पर सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कटिहार दौरे के दौरान सात निश्चय योजना के कार्यों पर कोई सवाल न उठ सके।

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