कटिहार: जिले के एक आरटीआई एक्टिविस्ट ने सूचना के अधिकार का उपयोग कर ना सिर्फ समाजसेवा की बल्कि जब तक उन्हें मुकाम नहीं मिला तब तक संघर्ष करते रहें. 76 वर्षीय जगदीश साह ने आरटीआई के जरिए जिले के मनिहारी और झारखंड के साहेबगंज के बीच बनने वाले गंगा नदी पर पुल को शुरुआत करने की सरकार से प्रक्रिया शुरू करवा लिया. सरकार ने आरटीआई एक्टिविस्ट को यह आखिरकार जवाब देते हुए बताया कि कार्य निर्माण की प्रक्रिया शुरू की जा रही है और जल्द ही टेंडर होने वाला है.
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 6 जून 2017 को झारखंड के साहेबगंज और कटिहार के मनिहारी के बीच गंगा नदी पर पुल बनने की आधारशिला रखी थी. लेकिन दुर्भाग्यवश आधारशिला रखने के बाद यह काम ठण्डे बस्ते में चला गया. काम की सुगबुगाहट नहीं होने की यह बात आरटीआई एक्टिविस्ट को बहुत खली. उन्होंने काम बन्द होने के चन्द दिनों बाद सरकार, एनएचएआई और काम करने वाली दूसरी एजेंसियों से लगातार आरटीआई के जरिये लगातार सवाल-जबाब किया.
केन्द्र सरकार और एनएचएआई ने दी जानकारी
तीन साल तक यह सिलसिला लगातार जारी रहा. वहीं हाल ही में केन्द्र सरकार और एनएचएआई ने पत्र लिखकर यह सूचित किया कि साहेबगंज और मनिहारी के बीच प्रस्तावित गंगा नदी पर पुल निर्माण जल्द ही शुरू होने वाला है. इसकी टेंडर की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है. आरटीआई एक्टिविस्ट जगदीश प्रसाद साह केन्द्र सरकार और एनएचएआई का वह पत्र दिखाते हुए बताते हैं कि गंगा नदी पर पुल बनने के लिये वह शुरुआती दौर से लड़ाई लड़ रहे हैं. इसके लिये उन्होंने दर्जनों बार आरटीआई को पत्र लिखकर सूचना मांगी. आज उन्हें खुशी हैं कि उसका मिशन पूरा हुआ.
आराम के उम्र में लगातार कर रहे संघर्ष
जगदीश बताते हैं कि वह आरटीआई को समाज मे फैले भस्टाचार के खिलाफ अस्त्र बना लड़ाई लड़ते हैं और प्रतिदिन किसी ना किसी मुद्दे पर लेटर पोस्ट करते हैं. स्थानीय लक्ष्मीकांत ने बताया कि जिस उम्र में लोगों को आराम की जरूरत होती है, उस उम्र में जगदीश प्रसाद साह समाज की सेवा के लिए आरटीआई के जरिये संघर्ष कर रहे हैं. कटिहार इन्हें हमेशा याद रखेगा. लक्ष्मीकांत बताते हैं कि जगदीश ने ना सिर्फ आरटीआई के जरिये मनिहारी - साहेबगंज पुल के बारे में अपनी आवाजें बुलन्द की बल्कि शहर के कई ऐसे अनछुए पहलुओं के पीछे दबी बातों को सामने लाया.