कटिहार: 'बिना लक्ष्य के जीने वाले इंसानों की जिंदगी कहां अमीर होती है, जब मिल जाती है सफलता तो नाम ही सबसे बड़ी जागीर होती है.' आज बिहार के कटिहार जिला निवासी रिवम राज ने कुछ ऐसा ही कर दिखाया है. आज बिहार को ही नहीं, पूरे देश को उनपर गर्व है. दरअसल, रिवम को साइंटिस्ट बनना था. इसके चलते उन्होंने स्कॉलिस्टिक एप्टीट्यूड टेस्ट परीक्षा दी और उसमें टॉप किया है. इस परीक्षा को पास करने के बाद रिवम को कैलिफोर्निया में एस्ट्रो फिजिक्स में पढ़ाई करने का मौका मिलेगा. बता दें कि रिवम देश के इकलौते छात्र हैं, जिन्होंने इस परीक्षा को पास किया है.
विश्वभर में आयोजित होने वाले स्कॉलिस्टिक एप्टीट्यूड टेस्ट (एसएटी) में 20 लाख से अधिक स्कूली छात्र-छात्राओं ने भाग लिया था. इसमें रिवम ने देश में पहला स्थान तो विश्वभर में तीसरा स्थान हासिल किया है. वहीं, इंडिया के एक मात्र प्रतिभागी के रूप में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया चयन होने के बाद अब रिवम आगे 'एस्ट्रो फिजिक्स' के पढाई करेंगे. इसके साथ -साथ रिवम पूर्ण रूप से स्कॉलरशिप पर ही अपने प्रोजेक्ट पर प्रैक्टिकल भी करने का अवसर मिलेगा. बता दें कि रिवम की स्नातक तक की पढ़ाई का पूरा खर्च कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी और अमेरिका सरकार वहन करेगी.
पीएम नरेंद्र मोदी को धन्यवाद...
कटिहार सहायक थाना क्षेत्र के इमरजेंसी कॉलोनी के रेलवे क्वार्टर में रहने वाले रिवम राज ने अपनी सफलता के बारे में बताते हुए कहा कि वो अपनी इस सफलता से खुश हैं. लेकिन उनकी ख्वाहिश है कि वो पढ़ लिखकर अपने वतन के लिए ही सेवा करेंगे. एक प्रोजेक्ट के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि जब उन्होंने इसके लिए पीएमओ को खत लिखा तो वहां से पॉजटिव फीडबैक आया. जिससे मुझे मोरल मिला. इसके बाद मैंने स्कॉलिस्टिक एप्टीट्यूड टेस्ट परीक्षा दी.
क्या है ड्रीम प्रोजेक्ट
रिवम राज ने बताया कि मात्र 9वीं क्लास से एक इंजन ऐसा इंजन बनाने की सोच रहे हैं, जो बिना फ्यूल के चलेगा. उन्होंने बताया कि इसके लिए थ्योरी पूरी तैयार कर ली है. यही वो थ्योरी थी, जिसे रिवम ने पीएमओ को भेजा था. वहीं, रिवम ने बताया कि तीन चरणों में हुए एक्जाम में उन्हें मेल के माध्यम से रिजल्ट मिला है. इसमें 100 प्रतिशत स्कॉलरशिप कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी उन्हें देगी. रिवम ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता पिता के साथ-साथ अपने गुरु डॉ. मधुकर उपाध्याय को दिया.
बचपन से एक ही जिद
पढ़ने में होशियार रिवम राज के पिता राजेंद्र प्रसाद की आंखों में खुशी के आंसू हैं. राजधानी एक्सप्रेस के लोको पायलट राजेंद्र कहते हैं कि रिजल्ट आने के बाद मैं बहुत खुश हूं. इसे बयां नहीं कर सकता. वहीं मां अमृता देवी की माने तो रिवम ने अपने साथ-साथ हमारा सपना भी पूरा किया है. रिवम बचपन से ही साइंस्टिट बनने की बात करते था. आज वो अपने सपनों की राह पर है. उसकी रिसर्च सुनकर मुझे लगता था कि मेरा बेटा जरूर कुछ करेगा.
संयोग से मेरा विद्यार्थी है रिवम
रिवम के गुरु डॉ. मधुकर उपाध्याय कहते है कि मध्यम वर्गीय परिवार से आने वाला रिवम संयोग से मेरा विद्यार्थी है. सबसे खुशी की बात ये है कि कटिहार से आने वाला रिवम अभी भी अपने देश की सेवा करने की बात कर रहा है. वहीं, उन्होंने पीएमओ की चिठ्ठी को मोटिवेटेड बताते हुए कहा कि ये सबसे बड़ी बात थी. कहीं न कहीं पीएमओ की चिठ्ठी मिलने का बाद रिवम का हौसला बढ़ा.