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बिहार के लाल ने SAT में किया टॉप: कैलिफोर्निया में पढ़ेगा Astro Physics, साइंटिस्ट बन करेगा देश सेवा

विश्वभर में आयोजित होने वाले स्कॉलिस्टिक एप्टीट्यूड टेस्ट (एसएटी) में  20 लाख से अधिक स्कूली छात्र-छात्राओं ने भाग लिया था. इसमें रिवम ने देश में पहला स्थान तो विश्वभर में तीसरा स्थान हासिल किया है. वहीं, इंडिया के एक मात्र प्रतिभागी के रूप में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया चयन होने के बाद अब रिवम आगे 'एस्ट्रो फिजिक्स' के पढाई करेंगे.

बिहार का लाल
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Published : Dec 28, 2019, 8:35 PM IST

Updated : Dec 28, 2019, 11:35 PM IST

कटिहार: 'बिना लक्ष्य के जीने वाले इंसानों की जिंदगी कहां अमीर होती है, जब मिल जाती है सफलता तो नाम ही सबसे बड़ी जागीर होती है.' आज बिहार के कटिहार जिला निवासी रिवम राज ने कुछ ऐसा ही कर दिखाया है. आज बिहार को ही नहीं, पूरे देश को उनपर गर्व है. दरअसल, रिवम को साइंटिस्ट बनना था. इसके चलते उन्होंने स्कॉलिस्टिक एप्टीट्यूड टेस्ट परीक्षा दी और उसमें टॉप किया है. इस परीक्षा को पास करने के बाद रिवम को कैलिफोर्निया में एस्ट्रो फिजिक्स में पढ़ाई करने का मौका मिलेगा. बता दें कि रिवम देश के इकलौते छात्र हैं, जिन्होंने इस परीक्षा को पास किया है.

विश्वभर में आयोजित होने वाले स्कॉलिस्टिक एप्टीट्यूड टेस्ट (एसएटी) में 20 लाख से अधिक स्कूली छात्र-छात्राओं ने भाग लिया था. इसमें रिवम ने देश में पहला स्थान तो विश्वभर में तीसरा स्थान हासिल किया है. वहीं, इंडिया के एक मात्र प्रतिभागी के रूप में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया चयन होने के बाद अब रिवम आगे 'एस्ट्रो फिजिक्स' के पढाई करेंगे. इसके साथ -साथ रिवम पूर्ण रूप से स्कॉलरशिप पर ही अपने प्रोजेक्ट पर प्रैक्टिकल भी करने का अवसर मिलेगा. बता दें कि रिवम की स्नातक तक की पढ़ाई का पूरा खर्च कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी और अमेरिका सरकार वहन करेगी.

क्या कहते हैं रिवम और उनके परिजन (खास रिपोर्ट)

पीएम नरेंद्र मोदी को धन्यवाद...
कटिहार सहायक थाना क्षेत्र के इमरजेंसी कॉलोनी के रेलवे क्वार्टर में रहने वाले रिवम राज ने अपनी सफलता के बारे में बताते हुए कहा कि वो अपनी इस सफलता से खुश हैं. लेकिन उनकी ख्वाहिश है कि वो पढ़ लिखकर अपने वतन के लिए ही सेवा करेंगे. एक प्रोजेक्ट के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि जब उन्होंने इसके लिए पीएमओ को खत लिखा तो वहां से पॉजटिव फीडबैक आया. जिससे मुझे मोरल मिला. इसके बाद मैंने स्कॉलिस्टिक एप्टीट्यूड टेस्ट परीक्षा दी.

रिवम राज, एसएटी टॉपर
रिवम राज, एसएटी टॉपर

क्या है ड्रीम प्रोजेक्ट
रिवम राज ने बताया कि मात्र 9वीं क्लास से एक इंजन ऐसा इंजन बनाने की सोच रहे हैं, जो बिना फ्यूल के चलेगा. उन्होंने बताया कि इसके लिए थ्योरी पूरी तैयार कर ली है. यही वो थ्योरी थी, जिसे रिवम ने पीएमओ को भेजा था. वहीं, रिवम ने बताया कि तीन चरणों में हुए एक्जाम में उन्हें मेल के माध्यम से रिजल्ट मिला है. इसमें 100 प्रतिशत स्कॉलरशिप कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी उन्हें देगी. रिवम ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता पिता के साथ-साथ अपने गुरु डॉ. मधुकर उपाध्याय को दिया.

पीएमओ का फीडबैक
मिल चुका है पीएमओ का फीडबैक

बचपन से एक ही जिद
पढ़ने में होशियार रिवम राज के पिता राजेंद्र प्रसाद की आंखों में खुशी के आंसू हैं. राजधानी एक्सप्रेस के लोको पायलट राजेंद्र कहते हैं कि रिजल्ट आने के बाद मैं बहुत खुश हूं. इसे बयां नहीं कर सकता. वहीं मां अमृता देवी की माने तो रिवम ने अपने साथ-साथ हमारा सपना भी पूरा किया है. रिवम बचपन से ही साइंस्टिट बनने की बात करते था. आज वो अपने सपनों की राह पर है. उसकी रिसर्च सुनकर मुझे लगता था कि मेरा बेटा जरूर कुछ करेगा.

प्रोजक्ट ऐसा की देश करेगा गर्व
प्रोजक्ट ऐसा की देश करेगा गर्व

संयोग से मेरा विद्यार्थी है रिवम
रिवम के गुरु डॉ. मधुकर उपाध्याय कहते है कि मध्यम वर्गीय परिवार से आने वाला रिवम संयोग से मेरा विद्यार्थी है. सबसे खुशी की बात ये है कि कटिहार से आने वाला रिवम अभी भी अपने देश की सेवा करने की बात कर रहा है. वहीं, उन्होंने पीएमओ की चिठ्ठी को मोटिवेटेड बताते हुए कहा कि ये सबसे बड़ी बात थी. कहीं न कहीं पीएमओ की चिठ्ठी मिलने का बाद रिवम का हौसला बढ़ा.

कटिहार: 'बिना लक्ष्य के जीने वाले इंसानों की जिंदगी कहां अमीर होती है, जब मिल जाती है सफलता तो नाम ही सबसे बड़ी जागीर होती है.' आज बिहार के कटिहार जिला निवासी रिवम राज ने कुछ ऐसा ही कर दिखाया है. आज बिहार को ही नहीं, पूरे देश को उनपर गर्व है. दरअसल, रिवम को साइंटिस्ट बनना था. इसके चलते उन्होंने स्कॉलिस्टिक एप्टीट्यूड टेस्ट परीक्षा दी और उसमें टॉप किया है. इस परीक्षा को पास करने के बाद रिवम को कैलिफोर्निया में एस्ट्रो फिजिक्स में पढ़ाई करने का मौका मिलेगा. बता दें कि रिवम देश के इकलौते छात्र हैं, जिन्होंने इस परीक्षा को पास किया है.

विश्वभर में आयोजित होने वाले स्कॉलिस्टिक एप्टीट्यूड टेस्ट (एसएटी) में 20 लाख से अधिक स्कूली छात्र-छात्राओं ने भाग लिया था. इसमें रिवम ने देश में पहला स्थान तो विश्वभर में तीसरा स्थान हासिल किया है. वहीं, इंडिया के एक मात्र प्रतिभागी के रूप में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया चयन होने के बाद अब रिवम आगे 'एस्ट्रो फिजिक्स' के पढाई करेंगे. इसके साथ -साथ रिवम पूर्ण रूप से स्कॉलरशिप पर ही अपने प्रोजेक्ट पर प्रैक्टिकल भी करने का अवसर मिलेगा. बता दें कि रिवम की स्नातक तक की पढ़ाई का पूरा खर्च कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी और अमेरिका सरकार वहन करेगी.

क्या कहते हैं रिवम और उनके परिजन (खास रिपोर्ट)

पीएम नरेंद्र मोदी को धन्यवाद...
कटिहार सहायक थाना क्षेत्र के इमरजेंसी कॉलोनी के रेलवे क्वार्टर में रहने वाले रिवम राज ने अपनी सफलता के बारे में बताते हुए कहा कि वो अपनी इस सफलता से खुश हैं. लेकिन उनकी ख्वाहिश है कि वो पढ़ लिखकर अपने वतन के लिए ही सेवा करेंगे. एक प्रोजेक्ट के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि जब उन्होंने इसके लिए पीएमओ को खत लिखा तो वहां से पॉजटिव फीडबैक आया. जिससे मुझे मोरल मिला. इसके बाद मैंने स्कॉलिस्टिक एप्टीट्यूड टेस्ट परीक्षा दी.

रिवम राज, एसएटी टॉपर
रिवम राज, एसएटी टॉपर

क्या है ड्रीम प्रोजेक्ट
रिवम राज ने बताया कि मात्र 9वीं क्लास से एक इंजन ऐसा इंजन बनाने की सोच रहे हैं, जो बिना फ्यूल के चलेगा. उन्होंने बताया कि इसके लिए थ्योरी पूरी तैयार कर ली है. यही वो थ्योरी थी, जिसे रिवम ने पीएमओ को भेजा था. वहीं, रिवम ने बताया कि तीन चरणों में हुए एक्जाम में उन्हें मेल के माध्यम से रिजल्ट मिला है. इसमें 100 प्रतिशत स्कॉलरशिप कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी उन्हें देगी. रिवम ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता पिता के साथ-साथ अपने गुरु डॉ. मधुकर उपाध्याय को दिया.

पीएमओ का फीडबैक
मिल चुका है पीएमओ का फीडबैक

बचपन से एक ही जिद
पढ़ने में होशियार रिवम राज के पिता राजेंद्र प्रसाद की आंखों में खुशी के आंसू हैं. राजधानी एक्सप्रेस के लोको पायलट राजेंद्र कहते हैं कि रिजल्ट आने के बाद मैं बहुत खुश हूं. इसे बयां नहीं कर सकता. वहीं मां अमृता देवी की माने तो रिवम ने अपने साथ-साथ हमारा सपना भी पूरा किया है. रिवम बचपन से ही साइंस्टिट बनने की बात करते था. आज वो अपने सपनों की राह पर है. उसकी रिसर्च सुनकर मुझे लगता था कि मेरा बेटा जरूर कुछ करेगा.

प्रोजक्ट ऐसा की देश करेगा गर्व
प्रोजक्ट ऐसा की देश करेगा गर्व

संयोग से मेरा विद्यार्थी है रिवम
रिवम के गुरु डॉ. मधुकर उपाध्याय कहते है कि मध्यम वर्गीय परिवार से आने वाला रिवम संयोग से मेरा विद्यार्थी है. सबसे खुशी की बात ये है कि कटिहार से आने वाला रिवम अभी भी अपने देश की सेवा करने की बात कर रहा है. वहीं, उन्होंने पीएमओ की चिठ्ठी को मोटिवेटेड बताते हुए कहा कि ये सबसे बड़ी बात थी. कहीं न कहीं पीएमओ की चिठ्ठी मिलने का बाद रिवम का हौसला बढ़ा.

Intro:कटिहार के लाल का दुनिया मे धमाल , स्टॉलिस्टिक एप्टीट्यूड टेस्ट में लाया पूरी दुनिया मे तीसरा स्थान ।



........कहतें हैं कि प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती......। समर्पण , मेहनत और लगन से किसी भी मंजिल को पाया जा सकता हैं ......। ऐसा ही कुछ कर दिखाया हैं कटिहार के रिवन ने जो अपनी छोटी सी उम्र में ही यूनाइटेड स्टेट कॉलेज बोर्ड द्वारा 200 देशों में ली जाने वाली स्टॉलिस्टिक एप्टीट्यूड एग्जाम में भारत मे पहला और पूरी दुनिया मे तीसरा स्थान प्राप्त किया हैं । रिवन के इस सफलता से उसके स्नातक तक की पढ़ाई का पूरा खर्च केलिफोर्निया यूनिवर्सिटी और अमेरिका सरकार वहन करेगी .....। रिवन को अपने इस सफलता पर खुशी हैं लेकिन उसकी ख्वाहिश पढ़कर अपने वतन की ही सेवा करने की हैं....।


Body:
चार वर्ष के पढ़ाई के दौरान जानेगा रिवन अंतरिक्ष के गूढ़ रहस्यों को , पढ़ाई का खर्चा केलिफोर्निया यूनिवर्सिटी और अमेरिकी सरकार करेगी वहन ।



यह हैं कटिहार का रिवन....। इसने अमेरिका के केलिफोर्निया यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित स्टॉलिस्टिक एप्टीट्यूड टेस्ट में पूरी दुनिया मे अपनी प्रतिभा का डंका बजाया हैं .....। रिवन का चयन यूनिवर्सिटी ऑफ केलिफोर्निया में बारहवीं से आगे की पढ़ाई के लिये हुआ हैं । चार साल चलने वाले इस पढ़ाई में रिवन एस्ट्रो फिजिक्स की पढ़ाई कर अंतरिक्ष के गूढ़ रहस्य को जानेगा । बचपन से पढ़ने में मशगूल रहने वाले रिवन के इससे पहले भी आईआईटी मुम्बई में अपने आविष्कार को प्रदर्शन करने का मौका मिला हैं .....। रिवन बताते हैं कि पढ़ाई के आगे सबकुछ बौनी हैं और अपने इस सफलता का श्रेय अपने गुरु डॉ मधुकर उपाध्यय को देते हैं । उसने बताया कि गुरुजी के आशीर्वाद से ही एसएटी जैसे अंतरराष्ट्रीय परीक्षा में सक्सेस किया हैं .....। शिक्षक डॉ मधुकर उपाध्याय भी अपने छात्र के इस सफलता से काफी खुश हैं और बताते हैं कि रिवन पहले से ही पढ़ने में काफी तेज था और यहीं कारण हैं सफलता उसके कदम को चूमी हैं । रिवन के पिता रेलवे में लोको पायलट हैं और रेलगाड़ियाँ चलाते हैं । अपने लाडले के सफलता से राजेन्द्र प्रसाद काफी खुश हैं और माता अमृता की खुशी की बातें ही मत पूछिये । सभी मिलकर रिवन को मिठाई खिलाई रहें हैं ......। अमृता बताती हैं कि उसे तो अंदाज ही नहीं था कि उसका बेटा अमेरिका में पढ़ेगा .......।


Conclusion:अपनी सफलता के गुरु के अलावे पीएम मोदी को भी कहा - शुक्रिया


आगामी तीन जनवरी को रिवन केलिफोर्निया के लिये भारत से रवाना होगा जहाँ उसके पढ़ाई के आगे की अध्याय शुरू होंगे । रिवन अपने सफलता के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को शुक्रिया कहता हैं क्योंकि पीएमओ की मदद से ही वह इस महत्वपूर्ण परीक्षा में शिरकत कर सका था.......।
Last Updated : Dec 28, 2019, 11:35 PM IST
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