कटिहार: जिले में जल जीवन हरियाली अभियान के तहत तालाब खुदाई के नाम पर सरकारी राशि के बंदरबांट का मामला सामने आया है. आरोपियों ने कागजों पर तालाब खुदाई कर सांठ-गांठ से सवा करोड़ रुपये से अधिक की राशि की हेराफेरी की है. जांच में मामले के खुलासे होने के बाद लघु सिंचाई प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता ने आरोपी इंजीनियर के खिलाफ थाने में एफआईआर दर्ज कराया है. फिलहाल पुलिस ने मामले की जांच शुरु कर दी है.
बिना सत्यापन के पास कराया प्री लेवल जांच
पूरा मामला जिले के हसनगंज थाना क्षेत्र के कालसर तालाब का है. जहां जल जीवन हरियाली अभियान के तहत एक तालाब पर 38,97,408 रुपए की लागत से तालाब का जीर्णोद्धार किया जाना था. ऐसे तीन तालाबों का जीर्णोद्धार किया जाना था. योजना का कार्य करने के पूर्व लघु सिंचाई विभाग द्वारा प्री लेवल जांच कनीय अभियंता से कराई जाती है. साथ ही इसकी जांच मनरेगा के कनीय और सहायक अभियंता से करायी जाती है. ताकि हो रहे कार्य का जमीनी सत्यापन हो सके. लेकिन इस कार्य को लघु सिंचाई विभाग के कनीय अभियंता ने सभी मानकों को दरकिनार कर खुद ही बिना सत्यापन कराए पास कर दिया गया.
ठेकेदार से की साठ-गांठ
इसकी जांच लघु जल संसाधन विभाग, भागलपुर के मुख्य अभियंता ने की. जिसमें इस मामले को सत्य पाया गया. इस जांच में यह बात सामने आयी कि कनीय अभियंता ने ठेकेदार के साथ मिलकर हेराफेरी की है. इस जांच में ठेकेदार को ज्यादा भुगतान करने और पैसे की बंदरबांट करने के लिए प्री - लेवल को वास्तविक से एक मीटर ऊंचा दिखाया गया.
कनीय अभियंता के विरुद्ध मामला दर्ज
सदर एसडीपीओ अमरकान्त झा ने बताया कि इस मामले में हसनगंज थाना में कनीय अभियंता के विरुद्ध मामला दर्ज कराया गया हैं. उनके खिलाफ विभागीय आदेश की अवहेलना करने, पडयंत्र के तहत सरकारी राशि का गबन और बंदरबांट करने को लेकर जिला कार्यपालक अभियंता, लघु सिंचाई प्रमंडल द्वारा मामला दर्ज कराया गया हैं. इसमें हसनगंज थाना क्षेत्र के कालसर तालाब , डंडखोरा थाना क्षेत्र का एक तालाब और प्राणपुर थाना क्षेत्र का एक तालाब शामिल है. फिलहाल इस मामले में एक भी आरोपी पुलिस की पकड़ में नहीं आ पाया है.