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पार्क में चमगादड़ के 'बसेरा' से दहशत में हैं कटिहार के लोग, सता रही अनहोनी की आशंका - कोढ़ा मनरेगा सोशल पार्क

कटिहार में वीरान पड़े मनरेगा सोशल पार्क पर चमगादड़ों ने डेरा डाल लिया है. चमगादड़ों का झुंड ग्रामीणों की फसलों को नुकसान पहुंचा रहा है. इसके साथ ही ग्रामीण चमगादड़ों से इसलिए भी डरे हुए हैं क्योंकि शुरुआती दौर में जानकारी आयी थी कि चमगादड़ ही कोरोना के फैलने का कारण हैं.

मनरेगा सोशल पार्क
मनरेगा सोशल पार्क
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Published : Apr 3, 2021, 4:05 PM IST

कटिहार: कटिहार के मनरेगा सोशल पार्क पर चमगादड़ों का कब्जा हो गया है. चमगादड़ रात के अंधेरे में स्थानीय खेत-खलिहानों और फलों के बागानों पर हमला कर उसे बर्बाद कर डालते हैं. स्थानीय ग्रामीण फसलों की सुरक्षा के साथ अनहोनी की आशंका से गुजर रहे हैं. क्योंकि उन्हें यह खौफ है कि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी, दुनिया में चमगादड़ों से फैली है.

पेड़ों पर लटके चमगादड़
पेड़ों पर लटके चमगादड़

यह भी पढ़ें- पटना के दीघा हाट में कोरोना गाइडलाइंस की उड़ रही धज्जियां, बिना मास्क के घूम रहे लोग

2013 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की थी इसकी शुरुआत
कटिहार के कोढ़ा प्रखंड इलाके के मनरेगा सोशल पार्क की शुरुआत 13 जून 2013 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की थी. यह जिले का इकलौता सोशल पार्क है, जो लाखों की लागत से शुरू किया गया था. जिसका मकसद था कि जिले के लोग चन्द पलों के लिए यहां पहुंचें और हरे-भरे पार्क का सपरिवार आनन्द उठाएं. लेकिन इसकी भी हालत दयनीय होती चली गयी.

देखें पूरी रिपोर्ट

लापरवाही से हुआ बर्बाद
चंद दिनों के बाद यह योजना भी दूसरे अन्य सरकारी योजनाओं की तरह सरकारी लापरवाही की भेंट चढ़ गयी. यहां उद्घाटन के सरकारी फीते कटने के बाद आज तक लोगों ने अपने कदम नहीं रखे. इसका नतीजा यह हुआ कि सरकार की महत्वाकांक्षी योजना पर चमगादड़ों का कब्जा हो गया. यहां के हरे-भरे पेड़ों पर हजारों चमगादड़ों ने अपना बसेरा बना लिया. अब यह चमगादड़ लोगों के लिये परेशानी का सबब बन बैठा है. रात के अंधेरों में चमगादड़ों की फौज स्थानीय गांवों में निकलती है. फसलों के साथ-साथ आम-लीची जैसे फसलों के मंजरों को चट कर जाते हैं.

दयनीय हालत में पार्क
दयनीय हालत में पार्क

यह भी पढ़ें- बिहार में एक सप्ताह में 20 बच्चों की आग में जलकर हुई मौत

डर के साये में हैं ग्रामीण
'फसल के साथ-साथ इसकी तासीर और आबो-हवा अच्छी नहीं होती. चमगादड़ों का दहशत ग्रामीणों के चेहरे पर स्पष्ट देखा जा सकता है. शुरुआती रिपोर्टों में तो यही आया है कि चमगादड़ों से कोरोना आया है. इस कारण भी हम सब सहमे हुए हैं.' -उस्मान अली, स्थानीय ग्रामीण

उस्मान अली, ग्रामीण
उस्मान अली, ग्रामीण

हर किसी में है दहशत
कोविड-19 जैसा जानलेवा वायरस कहां से आया, इसके तह तक पहुंचने के लिए वैज्ञानिकों का रिसर्च जारी है. यह जानकारी जरूर मिली है कि आरएटीजी 13 को कोरोना का जिम्मेदार बताया गया है. जो चमगादड़ों में पाया जाता है. ऐसे में कटिहार के लोगों को अपने फसलों की सुरक्षा के साथ-साथ अनहोनी की चिंता सताने लगी है.

चमगादड़ों का बसेरा बना पार्क
चमगादड़ों का बसेरा बना पार्क

यह भी पढ़ें- पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार कर रहा बिहार का यह गांव

यह भी पढ़ें- बिहार के विभिन्न जिलों से 45 कुख्यात कैदियों को कटिहार जेल किया गया शिफ्ट

यह भी पढ़ें- कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा हुए कोरोना संक्रमित, करीबी लोगों से की जांच कराने की अपील

कटिहार: कटिहार के मनरेगा सोशल पार्क पर चमगादड़ों का कब्जा हो गया है. चमगादड़ रात के अंधेरे में स्थानीय खेत-खलिहानों और फलों के बागानों पर हमला कर उसे बर्बाद कर डालते हैं. स्थानीय ग्रामीण फसलों की सुरक्षा के साथ अनहोनी की आशंका से गुजर रहे हैं. क्योंकि उन्हें यह खौफ है कि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी, दुनिया में चमगादड़ों से फैली है.

पेड़ों पर लटके चमगादड़
पेड़ों पर लटके चमगादड़

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2013 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की थी इसकी शुरुआत
कटिहार के कोढ़ा प्रखंड इलाके के मनरेगा सोशल पार्क की शुरुआत 13 जून 2013 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की थी. यह जिले का इकलौता सोशल पार्क है, जो लाखों की लागत से शुरू किया गया था. जिसका मकसद था कि जिले के लोग चन्द पलों के लिए यहां पहुंचें और हरे-भरे पार्क का सपरिवार आनन्द उठाएं. लेकिन इसकी भी हालत दयनीय होती चली गयी.

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लापरवाही से हुआ बर्बाद
चंद दिनों के बाद यह योजना भी दूसरे अन्य सरकारी योजनाओं की तरह सरकारी लापरवाही की भेंट चढ़ गयी. यहां उद्घाटन के सरकारी फीते कटने के बाद आज तक लोगों ने अपने कदम नहीं रखे. इसका नतीजा यह हुआ कि सरकार की महत्वाकांक्षी योजना पर चमगादड़ों का कब्जा हो गया. यहां के हरे-भरे पेड़ों पर हजारों चमगादड़ों ने अपना बसेरा बना लिया. अब यह चमगादड़ लोगों के लिये परेशानी का सबब बन बैठा है. रात के अंधेरों में चमगादड़ों की फौज स्थानीय गांवों में निकलती है. फसलों के साथ-साथ आम-लीची जैसे फसलों के मंजरों को चट कर जाते हैं.

दयनीय हालत में पार्क
दयनीय हालत में पार्क

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डर के साये में हैं ग्रामीण
'फसल के साथ-साथ इसकी तासीर और आबो-हवा अच्छी नहीं होती. चमगादड़ों का दहशत ग्रामीणों के चेहरे पर स्पष्ट देखा जा सकता है. शुरुआती रिपोर्टों में तो यही आया है कि चमगादड़ों से कोरोना आया है. इस कारण भी हम सब सहमे हुए हैं.' -उस्मान अली, स्थानीय ग्रामीण

उस्मान अली, ग्रामीण
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हर किसी में है दहशत
कोविड-19 जैसा जानलेवा वायरस कहां से आया, इसके तह तक पहुंचने के लिए वैज्ञानिकों का रिसर्च जारी है. यह जानकारी जरूर मिली है कि आरएटीजी 13 को कोरोना का जिम्मेदार बताया गया है. जो चमगादड़ों में पाया जाता है. ऐसे में कटिहार के लोगों को अपने फसलों की सुरक्षा के साथ-साथ अनहोनी की चिंता सताने लगी है.

चमगादड़ों का बसेरा बना पार्क
चमगादड़ों का बसेरा बना पार्क

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