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कैमूर: आदेश के बाद भी पराली जला रहे किसान, बोले DM- होगी कार्रवाई - naval kishore chaudhary

डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी के दिशा निर्देश पर कृषि विभाग की ओर से फसलों के अवशेषों के निपटारे के लिए किसानों को जागरुक करने के कई स्तर पर कार्यक्रम चलाया जा चुके हैं.

kaimur dm statement
डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी
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Published : Dec 6, 2019, 5:00 PM IST

कैमूर: जिले को प्रदेश का धान का कटोरा कहा जाता है. यहां धान की कटनी के बाद किसान फसलों के अवशेष जलाते हैं. डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी ने इस साल पराली जलाने पर न सिर्फ रोक लगा दी है, बल्कि ऐसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की भी बात कही है.

एफआईआर दर्ज करने का आदेश
डीएम ने बिना रीपर वाले हार्वेस्टर को सीज कर एफआईआर दर्ज करने का आदेश भी जारी किया था. लेकिन, उनके सभी आदेशों की धज्जियां उड़ती नजर आ रहीं हैं. किसान पराली जला रहे हैं. लेकिम डीएम के आदेश के बावजूद कृषि विभाग मॉनिटरिंग नहीं कर रहा है. जिला मुख्यालय भभुआ से चंद किलोमीटर दूर मोकरी पंचायत में पराली जलाना आम बात हो गयी है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

पराली जलाने से खेतों की उर्वरा शक्ति प्रभावित- डीएम
डीएम के दिशा निर्देश पर कृषि विभाग की ओर से फसलों के अवशेषों के निपटारे के लिए किसानों को जागरूक करने के कई स्तर पर कार्यक्रम चलाए जा चुके हैं. डीएम ने बताया कि खेतों में पराली जलाने से खेतों की उर्वरा शक्ति भी खत्म होती है और पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचता है.

कैमूर: जिले को प्रदेश का धान का कटोरा कहा जाता है. यहां धान की कटनी के बाद किसान फसलों के अवशेष जलाते हैं. डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी ने इस साल पराली जलाने पर न सिर्फ रोक लगा दी है, बल्कि ऐसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की भी बात कही है.

एफआईआर दर्ज करने का आदेश
डीएम ने बिना रीपर वाले हार्वेस्टर को सीज कर एफआईआर दर्ज करने का आदेश भी जारी किया था. लेकिन, उनके सभी आदेशों की धज्जियां उड़ती नजर आ रहीं हैं. किसान पराली जला रहे हैं. लेकिम डीएम के आदेश के बावजूद कृषि विभाग मॉनिटरिंग नहीं कर रहा है. जिला मुख्यालय भभुआ से चंद किलोमीटर दूर मोकरी पंचायत में पराली जलाना आम बात हो गयी है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

पराली जलाने से खेतों की उर्वरा शक्ति प्रभावित- डीएम
डीएम के दिशा निर्देश पर कृषि विभाग की ओर से फसलों के अवशेषों के निपटारे के लिए किसानों को जागरूक करने के कई स्तर पर कार्यक्रम चलाए जा चुके हैं. डीएम ने बताया कि खेतों में पराली जलाने से खेतों की उर्वरा शक्ति भी खत्म होती है और पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचता है.

Intro:Body:डीएम के आदेशों की उड़ रहीं धज्जियां, जलाये जा रहे पराली

कैमूर।

प्रदेश के कैमूर जिलें को 'धान का कटोरा' कहा जाता है. यहां धान के कटनी के बाद किसानों द्वारा फसल के अवशेष को जलाने की बात आम हैं। लेकिन डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी ने इस वर्ष पराली जलानें पर न सिर्फ रोक लगा दिया हैं बल्कि वैसे किसान जो आदेश का अनुपालन नहीं करेंगे उनके ऊपर कार्रवाई की बात भी कहीं हैं। डीएम द्वारा बिना रीपर वाले हार्वेस्टर को सीज कर एफआईआर करनें का आदेश भी जारी किया था लेकिन डीएम के सभी आदेशों की धज्जियां जिले में उड़ती हुई नजर आ रहीं हैं। किसानों द्वारा पराली जलाया जा रहा हैं लेकिम डीएम के आदेश के बावजूद कृषि विभाग द्वारा मॉनिटरिंग नहीं किया जा रहा हैं। जिले के अन्य प्रखंड की बात तो छोड़िए जिला मुख्यालय भभुआ से चंद किलोमीटर दूर मोकरी पंचायत में पराली जलानें की बात आम हैं।

डीएम के दिशा निर्देश पर कृषि विभाग द्वारा फसल अवशेष निस्तारण को लेकर किसानों को जागरुक करने के लिए कई स्तर पर कार्यक्रम चलाये जा चुके हैं।

डीएम ने बताया कि खेतों में 'प्राराली' जलाने से एक तरह जहां खेतों की उर्वरा शक्ति समाप्त होती है वहीं दूसरी ओर पर्यावरण को भारी क्षति पहुंच रही है। लेकिन डीएम द्वारा रोक लगाए जाने के बाद भी पराली जलाई जा रही हैंConclusion:
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