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फसल अवशेष जलाने के मामले में किसान पर प्राथमिकी

कैमूर जिले के कुदरा क्षेत्र के बहेरा गांव में फसल अवशेष जलाने के मामले में किसान पर कृषि विभाग के द्वारा प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. किसान को कृषि क्षेत्र से मिलने वाले लाभ पर भी रोक लगाई गई.

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Published : Apr 9, 2021, 2:57 PM IST

कैमूर
फसल अवशेष जलाने का मामला

कैमूर: जिले के कुदरा प्रखंड क्षेत्र के अंतर्गत गांव बहेरा में गेहूं की फसल कटाई के बाद खेतों में बचे अवशेष को जलाने के मामले में कृषि विभाग के द्वारा कथित किसान पर प्राथमिकी दर्ज की गई है. कृषि विभाग के अनुसार बहेरा गांव के किसान हरि शंकर चौबे ने अपने खेत में गेहूं की कटाई के बाद बचे हुए अवशेष को जला दिया था, जिसके कारण खेत के पास स्थित आलोक रंजन चौबे के सागवान के 10 पेड़ और बगल के किसान के खेतों में फसल के अवशेष भी जल गए.

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जलाए गए फसल अवशेष को जांच के लिए भेजा गया
इस मामले से जानकारी देते हुए जिला कृषि पदाधिकारी ललिता प्रसाद ने बताया कि उक्त किसान के द्वारा फसल अवशेष जलाने के कारण पर्यावरण प्रदूषित हुआ. इसके अलावा मिट्टी की उर्वरा शक्ति को भी नुकसान पहुंचा है.

जलाए गए फसल अवशेष काे जांच के लिए भी भेजा गया है. किसान हरि शंकर चौबे के खिलाफ पर्यावरण अधिनियम 1986 के तहत प्रखंड कृषि पदाधिकारी एवं कृषि समन्वयक द्वारा कुदरा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है.

कृषि क्षेत्र से मिलने वाले लाभ पर भी रोक लगाई गई
जिला कृषि पदाधिकारी ललिता प्रसाद के अनुसार अवशेष जलाने के कारण किसान हरि शंकर चौबे पर कृषि क्षेत्र से मिलने वाले लाभ पर भी 3 साल तक रोक लगाई गई है.

कैमूर: जिले के कुदरा प्रखंड क्षेत्र के अंतर्गत गांव बहेरा में गेहूं की फसल कटाई के बाद खेतों में बचे अवशेष को जलाने के मामले में कृषि विभाग के द्वारा कथित किसान पर प्राथमिकी दर्ज की गई है. कृषि विभाग के अनुसार बहेरा गांव के किसान हरि शंकर चौबे ने अपने खेत में गेहूं की कटाई के बाद बचे हुए अवशेष को जला दिया था, जिसके कारण खेत के पास स्थित आलोक रंजन चौबे के सागवान के 10 पेड़ और बगल के किसान के खेतों में फसल के अवशेष भी जल गए.

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जलाए गए फसल अवशेष को जांच के लिए भेजा गया
इस मामले से जानकारी देते हुए जिला कृषि पदाधिकारी ललिता प्रसाद ने बताया कि उक्त किसान के द्वारा फसल अवशेष जलाने के कारण पर्यावरण प्रदूषित हुआ. इसके अलावा मिट्टी की उर्वरा शक्ति को भी नुकसान पहुंचा है.

जलाए गए फसल अवशेष काे जांच के लिए भी भेजा गया है. किसान हरि शंकर चौबे के खिलाफ पर्यावरण अधिनियम 1986 के तहत प्रखंड कृषि पदाधिकारी एवं कृषि समन्वयक द्वारा कुदरा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है.

कृषि क्षेत्र से मिलने वाले लाभ पर भी रोक लगाई गई
जिला कृषि पदाधिकारी ललिता प्रसाद के अनुसार अवशेष जलाने के कारण किसान हरि शंकर चौबे पर कृषि क्षेत्र से मिलने वाले लाभ पर भी 3 साल तक रोक लगाई गई है.

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