कैमूर (भभुआ): बिहार जहरीली शराबकांड (Bihar Poisonous Liquor Case) में रोजाना नए खुलासे हो रहे हैं. कैमूर के मुखराम गांव के रहने वाले तीन युवक होली के दिन बक्सर जिले के ददुरा गांव में पार्टी मनाने के लिए गए थे. जहां शराब पीने से दो युवकों की दर्दनाक मौत हो गई थी. वहीं, दो युवक की इलाज के दौरान चिकित्सकों ने जान बचा ली थी. घटना के बाद आनन-फानन में परिजनों ने प्रशासन को बिना बताए शवों का अंतिम संस्कार कर दिया था.
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होली पार्टी के दौरान पी शराब: गौरतलब है कि बीती 19 तारीख की दोपहर कैमूर जिले के मुखराव गांव का रहने वाला ऋषि राम गांव के ही एक युवक का निजी ऑटो रिजर्व कर अपनी पत्नी, बच्चे और एक साथी को लेकर बक्सर जिले के ददुरा में अपने ससुराल गया था. ससुराल पहुंचने के बाद ऋषि राम के रिश्तेदार गांव के ही एक होम्योपैथिक दुकान से पेय पदार्थ की बोतल खरीदकर लाया, जहां रिश्तेदार के साथ ऋषि राम और दोनों युवकों ने खूब शराब का सेवन किया.
घर लौटने पर बिगड़ी तबीयत: वहीं, पार्टी मनाने के बाद सभी लोग वापस कैमूर अपने गांव पहुंचे. इसी क्रम में 20 तारीख को सुबह करीब 2:30 बजे के आसपास तीनों लोगों की तबीयत खराब हो गई. अंधेरा काफी था, इसलिए परिजन गांव के ही एक क्लिनिक में इलाज कराना शुरू कर दिया. जब तीनों की हालत में सुधार नहीं हुआ तो परिजन आनन-फानन में 2 लोगों को कैमूर के मोहनिया अनुमंडलीय अस्पताल लेकर भागे, जबकि एक युवक को बक्सर स्थित एक हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया.
कैमूर में जहरीली शराब से 2 की मौत: बक्सर हॉस्पिटल में भर्ती युवक ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. वहीं, मोहनिया अनुमंडलीय अस्पताल पहुंचने से पहले एक और युवक की मौत (Death due to poisonous liquor in Kaimur) हो गई. जबकि एक युवक की अनुमंडल अस्पताल के चिकित्सकों ने जान बचा ली. मृतक दोनों युवक मुखराव गांव के रहने वाले अमरेंद्र राम और हरेंद्र राम दोनों चचेरे भाई बताए जा रहे हैं, जबकि उसी गांव का निवासी ऋषि राम इलाज के बाद घर वापस आ गया.
मृतक के पिता के गंभीर आरोप: घटना को लेकर मृतक युवक के पिता हरिश्चंद्र राम ने सरकार और प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि मेरे बेटे की मौत जहरीली शराब पीने से हुई है. बिहार में जब पूर्ण रूप से शराबबंदी है तो आखिरकार जहरीली शराब या फिर जहरीली पेय पदार्थ कैसे मिल रहा है. अमरेंद्र ऑटो ड्राइवर था जो अपने गांव मुखराव में ही रहता था. हरेंद्र ट्रक ड्राइवर था जो बक्सर में हर साल की तरह इस साल भी होली मनाने अपने घर पर आया था.
RJD विधायक के निशाने पर सरकार: वहीं, इस घटना को लेकर आरजेडी विधायक सुधाकर सिंह ने नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ये सरकार और प्रशासन की मिलीभगत है जो बिहार में शराबबंदी होने के बावजूद भी लोगों तक शराब या जहरीली पेय पदार्थ पहुंच रहे हैं, जिसे पीकर लोग मर रहे हैं. जहरीली शराब से मौत हुए लोगों का सरकार व प्रशासन पोस्टमार्टम नहीं करा रही है. यह एक बहुत बड़ी सोचने वाली बात है. अगर प्रशासन ने मृतकों का पोस्टमार्टम कराया होता तो पता चल सकता था कि मृतकों की मौत आखिरकार कैसे हुई है. वहीं, पूरे मामले को लेकर जब कैमूर एसपी राकेश कुमार से बात की तो उन्होंने इस मामले में कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया.
ड्राई स्टेट की दावों की खुली पोल: बिहार सरकार के ड्राई स्टेट की दावों की शराब माफियाओं ने एक बार फिर पोल खोलकर रख दी. एक बार फिर शराबबंदी का राग आलापने वाली नीतीश सरकार के नाक के नीचे ही शराब ने कई जिंदगियों को छीन लिया. होली में नशेड़ियों को जो कुछ मिला वो गटक लिया. बिहार में कथित जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या 41 हो गई है. भागलपुर, बांका, मोतिहारी और सिवान में जहरीली शराब ने तांडव मचाया हुआ है. शराबबंदी के बावजूद बिहार में शराब धड़ल्ले से बिक रही है.
'अ'पूर्ण शराबबंदी के 6 साल: बिहार में 2016 से ही पूर्ण शराबबंदी है. राज्य में पूर्ण शराबबंदी को लागू हुए 6 साल बीत चुके हैं. इन 6 सालों के दौरान शायद ही कोई ऐसा दिन बीता हो जिस दिन बिहार के शराबबंदी कानून तोड़ने की खबर ना आई हो. पुलिस की सख्ती के बावजूद शराबबंदी वाले बिहार में शराब धड़ल्ले से बिक रही है. होली पर जहरीली शराब पीने से अलग-अलग जिलों में अब कर 41 मौत हो चुकी हैं, साथ ही 24 से ज्यादा लोगों का इलाज जारी है. इनमें कई लोगों की आंखों की रोशनी भी चली गई है.
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