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स्वतंत्रता सेनानी की मूर्ति ना लगाने पर करणी सेना का बिहार सरकार पर हमला - Karni Sena attacked on Bihar government

बिहार के जहानाबाद जिले में जहां स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय श्याम नारायण सिंह की मूर्ति (statue of shyaam narayan singh) लगाई जानी थी, वहां मुद्रिका यादव की मूर्ति का निर्माण शुरु कर दिया गया है. इस बात को लेकर करणी सेनाने बिहार सरकार पर हमला बोला है. करणी सेना ने नीतीश कुमार पर जातीय हिंसा भड़काने का भी आरोप लगाया.

दिल्ली प्रदेश करणी सेना के अध्यक्ष व अन्य
दिल्ली प्रदेश करणी सेना के अध्यक्ष व अन्य
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Published : Oct 24, 2022, 1:40 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली प्रदेश करणी सेना (Karni Sena attacked on Bihar government) ने बिहार के स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय श्याम नारायण सिंह के मूर्ति अनावरण ना करने पर बिहार सरकार पर हमला बोला है. बता दें स्वर्गीय श्याम नारायण सिंह बिहार के जहानाबाद जिले के एइमा गांव के रहने वाले थे. उन्होंने अपनी जमीन को जनहित के कार्य के लिए दान किया था. साथ ही वे नगर परिषद के 25 सालों तक चेयरमैन रहे थे. क्षेत्र वासियों की मांग पर उनकी प्रतिमा लगाई जानी थी. लेकिन वहां पर किसी और की प्रतिमा लगाई जा रही है ,जिसका दिल्ली करणी सेना ने विरोध जताया है.

ये भी पढ़ें : दिल्ली सरकार की प्राथमिकता जान बचाना, राजनीति नहीं: गोपाल राय

स्वतंत्रता संग्राम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लियाः दिल्ली प्रदेश करणी सेना के अध्यक्ष प्रशांत सिंह ने बताया है कि स्वर्गीय श्याम नारायण सिंह नगर परिषद के चेयरमैन 25 सालों तक रहे. उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था. बिहार में उन्होंने सामाजिक कार्य किया है. उन्होंने जनहित के कार्य के लिए अपनी जमीन दान में दी थी. वहां के स्थानीय लोगों ने स्वर्गीय श्याम नारायण सिंह की मूर्ति लगवाने के लिए वहां के विधायक से संपर्क किया और विधायक ने मूर्ति लगवाने का आश्वासन दिया. उसके बाद विधायक सुधा यादव ने अपने पिताजी के नाम पर मुद्रिका यादव की मूर्ति का निर्माण शुरु कर दिया, जबकि वहां स्वर्गीय श्याम नारायण सिंह का मूर्ति निर्माण होना था.

"हमें व्यक्तिगत तौर पर मुद्रिका यादव जी से कोई दिक्कत नहीं है, वह भी महापुरुष रहे हैं. उनकी मूर्ति कहीं और लगानी चाहिए. राजनीति की वजह से जिस जगह पर श्याम नारायण सिंह जी का मूर्ति का अनावरण होना था, वहां पर उनकी मूर्ति की जगह मुद्रिका यादव जी का मूर्ति लगाया जा रहा है, जो कि गलत है"- प्रशांत सिंह, अध्यक्ष दिल्ली प्रदेश करणी सेना

उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर भी बेला हमलाः वहीं, इस दौरान करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष ने बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर हमला बोलते हुए कहा कि तेजस्वी यादव ए टू जेड की बात करते हैं तो फिर ऐसा क्यों हो रहा है. हमारी मांग है कि वहां पर स्वर्गीय श्याम नारायण सिंह जी का मूर्ति अनावरण हो. यह मुद्दा राजपूतों के स्वाभिमान से जुड़ा हुआ है. राजद से जितने भी छत्रिय समाज के जुड़े नेता हैं. हम उनसे इस मसले पर बात कर रहे हैं. हमारी मांग है कि वहां पर बाबू श्याम नारायण सिंह जी की मूर्ति का अनावरण होना चाहिए.

'बिहार में जंगलराज की वापसी हो रही है' : वहीं अखिल भारतीय छत्रिय महासभा के नेता राकेश परमार ने बताया कि जो मामला जहानाबाद में आया है वह बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है. जबसे नीतीश कुमार ने पाला बदलकर राजद के साथ सरकार बनाई है, तब से बिहार में जंगलराज की वापसी हो रही है. जंगलराज के मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए जातीय द्वेष को तूल दिया जा रहा है. जहानाबाद की घटना जातीय हिंसा को तूल देने वाली है. हम मांग करते हैं कि जिस जगह पर स्वर्गीय श्याम नारायण सिंह जी की मूर्ति का अनावरण होना था. वहां पर उन्हीं की मूर्ति का अनावरण हो.

90 के दशक में बिहार को ले जाना चाहते हैं नीतीशः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि रातों-रात जिस तरीके से स्वतंत्र सेनानी के मूर्ति आवरण को बदला गया है, उससे वह 90 के दशक में बिहार को ले जाना चाहते हैं, जहां पर जातीय हिंसा होती थी. वह सवर्णों के खिलाफ काम कर रहे हैं और यह काम साजिश के तहत किया जा रहा है.

नई दिल्ली: दिल्ली प्रदेश करणी सेना (Karni Sena attacked on Bihar government) ने बिहार के स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय श्याम नारायण सिंह के मूर्ति अनावरण ना करने पर बिहार सरकार पर हमला बोला है. बता दें स्वर्गीय श्याम नारायण सिंह बिहार के जहानाबाद जिले के एइमा गांव के रहने वाले थे. उन्होंने अपनी जमीन को जनहित के कार्य के लिए दान किया था. साथ ही वे नगर परिषद के 25 सालों तक चेयरमैन रहे थे. क्षेत्र वासियों की मांग पर उनकी प्रतिमा लगाई जानी थी. लेकिन वहां पर किसी और की प्रतिमा लगाई जा रही है ,जिसका दिल्ली करणी सेना ने विरोध जताया है.

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स्वतंत्रता संग्राम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लियाः दिल्ली प्रदेश करणी सेना के अध्यक्ष प्रशांत सिंह ने बताया है कि स्वर्गीय श्याम नारायण सिंह नगर परिषद के चेयरमैन 25 सालों तक रहे. उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था. बिहार में उन्होंने सामाजिक कार्य किया है. उन्होंने जनहित के कार्य के लिए अपनी जमीन दान में दी थी. वहां के स्थानीय लोगों ने स्वर्गीय श्याम नारायण सिंह की मूर्ति लगवाने के लिए वहां के विधायक से संपर्क किया और विधायक ने मूर्ति लगवाने का आश्वासन दिया. उसके बाद विधायक सुधा यादव ने अपने पिताजी के नाम पर मुद्रिका यादव की मूर्ति का निर्माण शुरु कर दिया, जबकि वहां स्वर्गीय श्याम नारायण सिंह का मूर्ति निर्माण होना था.

"हमें व्यक्तिगत तौर पर मुद्रिका यादव जी से कोई दिक्कत नहीं है, वह भी महापुरुष रहे हैं. उनकी मूर्ति कहीं और लगानी चाहिए. राजनीति की वजह से जिस जगह पर श्याम नारायण सिंह जी का मूर्ति का अनावरण होना था, वहां पर उनकी मूर्ति की जगह मुद्रिका यादव जी का मूर्ति लगाया जा रहा है, जो कि गलत है"- प्रशांत सिंह, अध्यक्ष दिल्ली प्रदेश करणी सेना

उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर भी बेला हमलाः वहीं, इस दौरान करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष ने बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर हमला बोलते हुए कहा कि तेजस्वी यादव ए टू जेड की बात करते हैं तो फिर ऐसा क्यों हो रहा है. हमारी मांग है कि वहां पर स्वर्गीय श्याम नारायण सिंह जी का मूर्ति अनावरण हो. यह मुद्दा राजपूतों के स्वाभिमान से जुड़ा हुआ है. राजद से जितने भी छत्रिय समाज के जुड़े नेता हैं. हम उनसे इस मसले पर बात कर रहे हैं. हमारी मांग है कि वहां पर बाबू श्याम नारायण सिंह जी की मूर्ति का अनावरण होना चाहिए.

'बिहार में जंगलराज की वापसी हो रही है' : वहीं अखिल भारतीय छत्रिय महासभा के नेता राकेश परमार ने बताया कि जो मामला जहानाबाद में आया है वह बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है. जबसे नीतीश कुमार ने पाला बदलकर राजद के साथ सरकार बनाई है, तब से बिहार में जंगलराज की वापसी हो रही है. जंगलराज के मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए जातीय द्वेष को तूल दिया जा रहा है. जहानाबाद की घटना जातीय हिंसा को तूल देने वाली है. हम मांग करते हैं कि जिस जगह पर स्वर्गीय श्याम नारायण सिंह जी की मूर्ति का अनावरण होना था. वहां पर उन्हीं की मूर्ति का अनावरण हो.

90 के दशक में बिहार को ले जाना चाहते हैं नीतीशः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि रातों-रात जिस तरीके से स्वतंत्र सेनानी के मूर्ति आवरण को बदला गया है, उससे वह 90 के दशक में बिहार को ले जाना चाहते हैं, जहां पर जातीय हिंसा होती थी. वह सवर्णों के खिलाफ काम कर रहे हैं और यह काम साजिश के तहत किया जा रहा है.

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