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जमुई में पानी की किल्लत से लोग हलकान, बच्चे बोले- नीतीश चाचा! पानी दे दो

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Published : Jun 7, 2019, 10:52 AM IST

ग्रामीणों के मुताबिक पानी की किल्लत को दूर करने के लिए दूसरों से पानी उधार लेकर काम चलाना पड़ रहा है. बाद में जब पानी आ जाए तो वापस लौटाना पड़ता है. उन्होंने कहा कि पानी नहीं होने के कारण रिश्तेदार आने से इनकार कर देते हैं.

टैंकर के सहारे पानी पीने को मजबूर ग्रामीण

जमुई: जिले में बढ़ती पानी की किल्लत से जनजीवन बेहाल है. टैंकर के सहारे ग्रामीण प्यास बुझाने को मजबूर हैं. दरअसल, जिला मुख्यालय से महज 14 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मझवे गांव का तालाब पूरी तरह सूख चुका हैं. ऐसे में ग्रामीणों के सामने पीने योग्य पानी की समस्या विकराल रूप ले चुकी है. अब ऐसे में बच्चे कहने लगे हैं कि नीतीश चाचा पानी तो दे दो.

नहीं हुआ बोरिंग
जमुई जिले के मंझवे पंचायत के वार्ड नंबर 5 में लोगों को पानी पीने की समस्या से जूझना पड़ रहा है. ग्रामीण देवेन्द्र ने बताया कि सरकार की ओर से बोरिंग की बात की गई थी. लोकिन, अब तक बोरिंग नहीं की है. उन्होंने कहा कि यहां के विधायक और सांसद सिर्फ आश्वासन देकर चले जाते हैं.

jammui
टैंकर के सहारे जी रहे लोग

ग्रामीणों की समस्या
ग्रामीण कमला देवी कहती हैं कि प्रशासनिक कोशिश फिलहाल नाकाम है. गांव में पानी की किल्लत को दूर करने के लिए दूसरों से पानी उधार लेकर काम चलाना पड़ रहा है. बाद में जब पानी आ जाए तो वापस लौटाना पड़ता है. उन्होंने कहा कि पानी नहीं होने के कारण रिश्तेदार आने से इनकार कर देते हैं.

डॉक्टर ने दी सलाह
इस संबंध में सिविल सर्जन श्याम मोहन दास ने कहा कि इस इलाके में जो पानी आता है है. वो पीने के लायक नहीं है. दूषित पानी पीने से और जोड़ों का दर्द होने की आशंका बढ़ जाती है. इसके साथ ही शरीर में सबसे ज्यादा बीमारी पानी की समस्या से ही होती है.

jammui
धर्मेंद्र कुमार, डीएम

टैंकर से मिल रहा पानी
इस प्रचंड गर्मी के बीच हो रही पानी की भीषण किल्लत को लेकर पीएचडी विभाग के पदाधिकारी इंदु भूषण से बात की गई. उन्होंने कहा कि मंझवे गांव में पानी का काम युद्धस्तर पर चल रहा है. जबकि जल आपूर्ती को इस बात की सूचना दी गई है. उन्होंने कहा कि पानी की समस्या को देखते हुए ग्रामीणों को लगातार टैंकर से पानी मुहैया कराया जा रहा है.

डीएम ने दिया आश्वासन
जिला प्रशासन धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि वार्ड संख्या 5 में हो रही समस्या को देखते हुए कि टैंकर से पानी मुहैया कराने की कोशिश की जा रही है. जो भी हैंडपंप खराब हैं, उसको जल्द से जल्द ठीक कराया जाएगा. डीएम ने आश्वासन देते हुए कहा कि बहुत जल्द ही लोगों की समस्या दूर कर दी जाएगी.

जमुई में पानी की किल्लत

यहां के ये हैं सांसद
बता दें कि पिछले 5 सालों से यहां के चिराग पासवान सांसद हैं. जबकि यहां के विधायक आरजेडी के विजय प्रकाश है. बावजूद ग्रामीणों की समस्या का समाधान अब तक नहीं हो सका है. सरकार की ओर से चलाई जा रही नल जल योजना भी मुश्किल से लोगों तक पहुंच पा रही है.

जमुई: जिले में बढ़ती पानी की किल्लत से जनजीवन बेहाल है. टैंकर के सहारे ग्रामीण प्यास बुझाने को मजबूर हैं. दरअसल, जिला मुख्यालय से महज 14 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मझवे गांव का तालाब पूरी तरह सूख चुका हैं. ऐसे में ग्रामीणों के सामने पीने योग्य पानी की समस्या विकराल रूप ले चुकी है. अब ऐसे में बच्चे कहने लगे हैं कि नीतीश चाचा पानी तो दे दो.

नहीं हुआ बोरिंग
जमुई जिले के मंझवे पंचायत के वार्ड नंबर 5 में लोगों को पानी पीने की समस्या से जूझना पड़ रहा है. ग्रामीण देवेन्द्र ने बताया कि सरकार की ओर से बोरिंग की बात की गई थी. लोकिन, अब तक बोरिंग नहीं की है. उन्होंने कहा कि यहां के विधायक और सांसद सिर्फ आश्वासन देकर चले जाते हैं.

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टैंकर के सहारे जी रहे लोग

ग्रामीणों की समस्या
ग्रामीण कमला देवी कहती हैं कि प्रशासनिक कोशिश फिलहाल नाकाम है. गांव में पानी की किल्लत को दूर करने के लिए दूसरों से पानी उधार लेकर काम चलाना पड़ रहा है. बाद में जब पानी आ जाए तो वापस लौटाना पड़ता है. उन्होंने कहा कि पानी नहीं होने के कारण रिश्तेदार आने से इनकार कर देते हैं.

डॉक्टर ने दी सलाह
इस संबंध में सिविल सर्जन श्याम मोहन दास ने कहा कि इस इलाके में जो पानी आता है है. वो पीने के लायक नहीं है. दूषित पानी पीने से और जोड़ों का दर्द होने की आशंका बढ़ जाती है. इसके साथ ही शरीर में सबसे ज्यादा बीमारी पानी की समस्या से ही होती है.

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धर्मेंद्र कुमार, डीएम

टैंकर से मिल रहा पानी
इस प्रचंड गर्मी के बीच हो रही पानी की भीषण किल्लत को लेकर पीएचडी विभाग के पदाधिकारी इंदु भूषण से बात की गई. उन्होंने कहा कि मंझवे गांव में पानी का काम युद्धस्तर पर चल रहा है. जबकि जल आपूर्ती को इस बात की सूचना दी गई है. उन्होंने कहा कि पानी की समस्या को देखते हुए ग्रामीणों को लगातार टैंकर से पानी मुहैया कराया जा रहा है.

डीएम ने दिया आश्वासन
जिला प्रशासन धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि वार्ड संख्या 5 में हो रही समस्या को देखते हुए कि टैंकर से पानी मुहैया कराने की कोशिश की जा रही है. जो भी हैंडपंप खराब हैं, उसको जल्द से जल्द ठीक कराया जाएगा. डीएम ने आश्वासन देते हुए कहा कि बहुत जल्द ही लोगों की समस्या दूर कर दी जाएगी.

जमुई में पानी की किल्लत

यहां के ये हैं सांसद
बता दें कि पिछले 5 सालों से यहां के चिराग पासवान सांसद हैं. जबकि यहां के विधायक आरजेडी के विजय प्रकाश है. बावजूद ग्रामीणों की समस्या का समाधान अब तक नहीं हो सका है. सरकार की ओर से चलाई जा रही नल जल योजना भी मुश्किल से लोगों तक पहुंच पा रही है.

Intro: जमुई- टैंकर के सहारे प्यास बुझाने को मजबूर हैं ग्रामीण

भारतीय राजनीति में जाति संप्रदाय के नाम पर वोट की राजनीति करना कोई नई बात नहीं है 10 को से वोट बैंक की राजनीति चलती आ रही है लेकिन जातिगत राजनीति की आड़ में मूलभूत समस्याएं वह कहीं न कहीं गायब हो जाता है। जैसे सड़क बिजली और पानी मूलभूत सुविधा है जिसमें सड़क और पानी की समस्या विकराल मुंह बाए खड़ी है और इलाके के जनप्रतिनिधियों को ग्रामीण की समस्या की कोई परवाह नहीं दरअसल जिला मुख्यालय से महज 14 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मझवे गांव में तालाब पूरी तरह सूख चुका हैं ऐसे में ग्रामीणों के सामने पीने योग्य पानी की समस्या विकराल रूप ले चुका है वहीं ग्रामीण बच्चे कहने लगे हैं नीतीश चाचा पानी दो।


Body:नीतीश चाचा पानी दो।

सूखे गले को तर करने की जुगाड़ इन बच्चों के पढ़ाई पर भारी पड़ रहा है तभी तो यह बच्चे जिन्हें किताब और पाठ्य पुस्तकों के बीच होना चाहिए वह पिछले महीने भर से पीने योग्य पानी की समस्या से जूझ रहे हैं दरअसल बात कर रहे हैं जमुई जिले के मझवे पंचायतके वार्ड नंबर 5 की जहाँ के रहवासियों के जीवन में पानी की समस्या बरकरार है या महिलाएं हो या पुरुष या फिर छोटे-छोटे बच्चे सभी को सिर्फ और सिर्फ एक ही चिंता सताती है की आखिर कैसी हालत की प्यास बुझाई जाए क्योंकि यहां के लोगों के लिए गले को तर करना इतना आसान नहीं है इलाके में बढ़ रही बेतहाशा गर्मी और बारिश का ना होना यहां के लोगों के लिए संकट बन कर सामने आया है तालाब सूख गए और यहां के लोगों के लिए गली की प्यासी बुझाना पहाड़ तोड़ने से कम नहीं है बता दें कि इस गांव में पानी की समस्या नहीं है पानी की समस्या है बहुत पुरानी है जिसका आज तक संभव नहीं हो पाया है जिस कारण यहां कोई आता है तो पानी के चलते संबंध टूट चुके हैं

बाईट या वाक थ्रू

प्रशाशनिक कोशिश फिलहाल नाकाफी लग रहा है ग्रामीणों की शिकायत है कि गांव में जिला प्रशासन की ओर से मुहैया कराए गए ज्यादातर चापाकल या पुरुष हो चुका है या फिर छूटने के कगार पर है और कहीं-कहीं तो उसमें पानी नहीं के बराबर निकल रहा है और जो पानी मिल भी रहा है जो स्वास्थ्य के लिहाज से मुकम्मल नहीं माना जा सकता है इस बाबत सिविल सर्जन महोदय से बात की गई तो उन्होंने कहा कि दूषित पानी पीने से और जोड़ों का दर्द होने की आशंका बढ़ जाती है ।
बाईट-श्याम मोहन दास,सिविल सर्जन

वहीं जब इन प्रचंड गर्मी के बीच हो रही पानी की भीषण किल्लत को लेकर पीएचडी विभाग के पदाधिकारी इंदु भूषण से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मछली गांव में काम युद्धस्तर पर चल रहा है जबकि जिलाधिकारी धर्मेंद्र कुमार ने आश्वासन देते हुए कहा कि फिलहाल जिला प्रशासन की ओर से एक टैंकर पानी मुहैया कराया जा रहा है आवश्यकता पड़ने पर हिंदुओं की संख्या बढ़ाई जा सकती है

बाईट-बिन्दु भूषण ,ex पीएचईडी
बाईट-धर्मेंद्र कुमार,जिला पदाधिकारी




Conclusion:जिला प्रशासन की नाक के नीचे इन ग्रामीणों की स्थिति नारकीय है जबकि यहां के जनप्रतिनिधियों पर आरोप है कि सिर्फ लोग वोट मांगने यहां पहुंचते हैं जिसके बाद कभी भी सुधि लेने नहीं पहुंचते ।बता दें कि पिछले 5 सालों से यहां के चिराग पासवान सांसद हैं जबकि यहां के विधायक आरजेडी के विजय प्रकाश है, बावजूद ग्रामीणों की समस्या का समाधान अब तक नहीं हो पाया है यह सरकार की ओर से चलाई जा रही नल जल योजना भी बमुश्किल पहुंच पाई है जबकि यहां के जनप्रतिनिधि और जिला प्रशासन गांव वासियों के तमाम दुश्वारियां खबर है लेकिन इनकी समस्या का हल नहीं हो पाया है सरकारी तंत्र और जनप्रतिनिधियों की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़ा करता है

ई टी वी भारत के लिए जमुई से ब्रजेंद्र नाथ झा
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