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जमुई: 15 दिन में ही उखड़ने लगी लाखों की लागत से बनी सड़क, ग्रामीणों ने जताया आक्रोश

चकाई प्रखंड के रामसिंहडीह पंचायत अंतर्गत केवाल गांव से तिलैया गांव तक बनी 8 किलोमीटर सड़क मरम्मति के 15 दिनों बाद ही टूटने लगी है. इसके विरोघ में ग्रामीणों ने शुक्रवार को प्रदर्शन किया.

jamui
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Published : Jul 31, 2020, 9:28 PM IST

Updated : Aug 3, 2020, 4:31 PM IST

जमुई(चकाई): जिले के चकाई प्रखंड के रामसिंहडीह पंचायत अंतर्गत केवाल गांव से तिलैया गांव तक बनी 8 किलोमीटर लंबी सड़क मरम्मति के 15 दिन बाद ही टूटने लगी है. इसके विरोध में ग्रामीणों ने एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन किया.

ग्रामीणों ने बताया कि करीब 15 दिन पूर्व झाझा के एक संवेदक द्वारा केवल मोड़ से तिलैया गांव तक 8 किलोमीटर लंबी पिचिंग सड़क की मरम्मति की गयी थी.इस दौरान संवेदक ने आनन-फानन में रात में चुपचाप काम किया. ग्रामीणों ने बताया कि संवेदक द्वारा सड़क मरम्मति कार्य में घटिया सामग्री का उपयोग किया गया. जिसके कारण मात्र 15 दिन में ही हल्की बारिश होते ही यह कई जगह से टूटने लगी है. इससे सड़क मरम्मति कार्य की गुणवत्ता की पोल खुलने लगी है.

सड़क का हाल दिखाते ग्रामीण
सड़क का हाल दिखाते ग्रामीण

संवेदक ने ग्रामीणों को धमकी देकर कराया चुप
ग्रामीणों ने बताया कि इस दौरान हम लोगों ने घटिया निर्माण कार्य का विरोध भी किया था. लेकिन संवेदक ने ग्रामीणों को धमकी देकर चुप करा दिया. जिसके बाद ग्रामीण चुप हो गए. ग्रामीणों ने बताया कि यह सड़क काफी महत्वपूर्ण है. इस सड़क से करीब एक दर्जन गांव रामसिंहडीह, बाघमारा, रूपए, घुटवे, गादी, बाघमारा आदि जुड़ते हैं.

देखें रिपोर्ट

सड़क टूटने से ग्रामीणों को परेशानी
ग्रामीणों ने बताया कि सड़क टूटने से लोगों को अब काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा. ग्रामीणों ने यहां तक बताया कि संवेदक द्वारा सड़क निर्माण के संबंध में किसी भी प्रकार का बोर्ड भी नहीं लगाया गया है. जिससे यह पता चल सके कि किस योजना से और किस संवेदक द्वारा यह सड़क बनाया गया है.

जमुई(चकाई): जिले के चकाई प्रखंड के रामसिंहडीह पंचायत अंतर्गत केवाल गांव से तिलैया गांव तक बनी 8 किलोमीटर लंबी सड़क मरम्मति के 15 दिन बाद ही टूटने लगी है. इसके विरोध में ग्रामीणों ने एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन किया.

ग्रामीणों ने बताया कि करीब 15 दिन पूर्व झाझा के एक संवेदक द्वारा केवल मोड़ से तिलैया गांव तक 8 किलोमीटर लंबी पिचिंग सड़क की मरम्मति की गयी थी.इस दौरान संवेदक ने आनन-फानन में रात में चुपचाप काम किया. ग्रामीणों ने बताया कि संवेदक द्वारा सड़क मरम्मति कार्य में घटिया सामग्री का उपयोग किया गया. जिसके कारण मात्र 15 दिन में ही हल्की बारिश होते ही यह कई जगह से टूटने लगी है. इससे सड़क मरम्मति कार्य की गुणवत्ता की पोल खुलने लगी है.

सड़क का हाल दिखाते ग्रामीण
सड़क का हाल दिखाते ग्रामीण

संवेदक ने ग्रामीणों को धमकी देकर कराया चुप
ग्रामीणों ने बताया कि इस दौरान हम लोगों ने घटिया निर्माण कार्य का विरोध भी किया था. लेकिन संवेदक ने ग्रामीणों को धमकी देकर चुप करा दिया. जिसके बाद ग्रामीण चुप हो गए. ग्रामीणों ने बताया कि यह सड़क काफी महत्वपूर्ण है. इस सड़क से करीब एक दर्जन गांव रामसिंहडीह, बाघमारा, रूपए, घुटवे, गादी, बाघमारा आदि जुड़ते हैं.

देखें रिपोर्ट

सड़क टूटने से ग्रामीणों को परेशानी
ग्रामीणों ने बताया कि सड़क टूटने से लोगों को अब काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा. ग्रामीणों ने यहां तक बताया कि संवेदक द्वारा सड़क निर्माण के संबंध में किसी भी प्रकार का बोर्ड भी नहीं लगाया गया है. जिससे यह पता चल सके कि किस योजना से और किस संवेदक द्वारा यह सड़क बनाया गया है.

Last Updated : Aug 3, 2020, 4:31 PM IST
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