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जमुई: बाबा भोलेनाथ का नाम लेकर जर्जर चिरैन पुल पार करेंगे कांवरिया

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Published : Jul 6, 2019, 9:59 PM IST

Updated : Jul 7, 2019, 12:00 AM IST

जमुई-देवघर मार्ग पर वटिया घाटी और जंगल के बीच स्थित जर्जर चिरैन पुल  वर्षों से आजतक अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है. सड़क दुर्घटना, लूट, छिनतई जैसी घटना इस पुल पर आम बात है.

डिजाइन फोटो

जमुई: आगामी 17 जुलाई से विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला शुरू होने वाला है. इस दौरान बाबा भोलेनाथ का नाम लेते हुए सैकड़ों कांवरिया वाहन रोजाना जमुई-देवघर मार्ग पर वटिया घाटी और जंगल के बीच स्थित 'चिरैन पुल' पार करेंगे. पर, सरकार की उदासीन रवैये से चिरैन पुल अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है

जमुई-देवघर मार्ग पर वटिया घाटी और जंगल के बीच स्थित जर्जर चिरैन पुल वर्षों से आजतक अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है. सड़क दुर्घटना, लूट, छिनतई जैसी घटना इस पुल पर आम बात है. इस पुल को पार कर बाबाधाम देवघर पहुंचने वाले कांवरिया ने ईटीवी भारत से कहा कि अब सरकार पर भरोसा नहीं है. वर्षो से घोषणाएं सुनते आ रहे हैं. कांवरिया अपने परिवार के साथ बाबा भोलेनाथ का नाम लेकर जलाभिषेक करने देवघर पहुंचते हैं. इस दौरान दुर्घटना होने की आशंका बनी रहती है.

जमुई से खास रिपोर्ट


सैकड़ों कांवरिया वाहन रोजना जाते हैं देवघर
विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला एक माह तक चलता है. इसमें देश ही नहीं विदेशों से भी कांवरिया बाबा भोलेनाथ का जलाभिषेक करने पहुंचते हैं. देश के कोने-कोने से लाखों कांवरिया बाबा भोलेनाथ के दरबार में पहुंच कर गंगा जल से जलाभिषेक कर पूजा अर्चना करते हैं. देवघर पहुंचने का व्यस्ततम मार्ग जमुई-देवघर मार्ग है. इस मार्ग से देश के विभिन्न राज्यों से आम वाहनों के साथ सैकड़ों कांवरिया वाहन रोजना देवघर जाते हैं.


भोलेनाथ का नाम लेकर कांवरिया करते हैं पुल पार
इस पुल को भयभीत आम यात्री और कांवरिया बाबा भोलेनाथ का नाम लेते-लेते पार करते हैं. इस जर्जर पुल का सरकार के उदासीन रवैये के कारण आजतक उद्धार नहीं हो सका. जबकि हरेक वर्ष श्रावणी मेले के पहले सरकार की ओर से घोषणा की जाती है कि कांवरियों की सुविधा के लिए काम किया जा रहा है. लेकिन जमीनी हकीकत ये जर्जर चिरैन पुल बयां कर रही है.

कांवरियाओं का क्या है कहना
लोगों ने बताया कि किसी जन प्रतिनिधि ने अब तक इस जर्जर पुल के लिए कोई काम नहीं करवाया. जबकि इस इलाके से कई बिहार सरकार में मंत्री भी बने. जमुई सांसद चिराग पासवान से आस जगी थी. लेकिन अपने पिछले पांच साल के कार्यकाल में सांसद ने भी इस पुल की ओर ध्यान नहीं दिया. अब तो लोगों का सरकार से भरोसा ही उठता जा रहा है, बस बाबा भोलेनाथ ही एक सहारा हैं.

श्रावणी मेला को लेकर नहीं दिख रही है व्यवस्था
जानकारी के अनुसार जमुई देवधर मार्ग पर वटिया घाटी और जंगल के बीच स्थित इस जर्जर चिरैन पूल पर यात्री कांवरिया सैंकड़ों सड़क दुर्घटना, लूट, छिनतई, अपराधियों के द्वारा मारपीट के शिकार हो चुके है. कइयों ने जान गंवाई है, मामला भी दर्ज हुआ लेकिन कारवाई नहीं हुई. थकहारकर लोग शिकार होने के बाद अब पुलिस के पचड़े में पड़ना नहीं चाहते. अपने नसीब को कोसते हुए अपने-अपने गंतव्य की ओर निकल जाते हैं. अब विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला शुरु होने वाला है. कांवरियों की सुरक्षा को लेकर सरकार प्रशासन की व्यवस्था कुछ नहीं दिख रही है.

जमुई: आगामी 17 जुलाई से विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला शुरू होने वाला है. इस दौरान बाबा भोलेनाथ का नाम लेते हुए सैकड़ों कांवरिया वाहन रोजाना जमुई-देवघर मार्ग पर वटिया घाटी और जंगल के बीच स्थित 'चिरैन पुल' पार करेंगे. पर, सरकार की उदासीन रवैये से चिरैन पुल अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है

जमुई-देवघर मार्ग पर वटिया घाटी और जंगल के बीच स्थित जर्जर चिरैन पुल वर्षों से आजतक अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है. सड़क दुर्घटना, लूट, छिनतई जैसी घटना इस पुल पर आम बात है. इस पुल को पार कर बाबाधाम देवघर पहुंचने वाले कांवरिया ने ईटीवी भारत से कहा कि अब सरकार पर भरोसा नहीं है. वर्षो से घोषणाएं सुनते आ रहे हैं. कांवरिया अपने परिवार के साथ बाबा भोलेनाथ का नाम लेकर जलाभिषेक करने देवघर पहुंचते हैं. इस दौरान दुर्घटना होने की आशंका बनी रहती है.

जमुई से खास रिपोर्ट


सैकड़ों कांवरिया वाहन रोजना जाते हैं देवघर
विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला एक माह तक चलता है. इसमें देश ही नहीं विदेशों से भी कांवरिया बाबा भोलेनाथ का जलाभिषेक करने पहुंचते हैं. देश के कोने-कोने से लाखों कांवरिया बाबा भोलेनाथ के दरबार में पहुंच कर गंगा जल से जलाभिषेक कर पूजा अर्चना करते हैं. देवघर पहुंचने का व्यस्ततम मार्ग जमुई-देवघर मार्ग है. इस मार्ग से देश के विभिन्न राज्यों से आम वाहनों के साथ सैकड़ों कांवरिया वाहन रोजना देवघर जाते हैं.


भोलेनाथ का नाम लेकर कांवरिया करते हैं पुल पार
इस पुल को भयभीत आम यात्री और कांवरिया बाबा भोलेनाथ का नाम लेते-लेते पार करते हैं. इस जर्जर पुल का सरकार के उदासीन रवैये के कारण आजतक उद्धार नहीं हो सका. जबकि हरेक वर्ष श्रावणी मेले के पहले सरकार की ओर से घोषणा की जाती है कि कांवरियों की सुविधा के लिए काम किया जा रहा है. लेकिन जमीनी हकीकत ये जर्जर चिरैन पुल बयां कर रही है.

कांवरियाओं का क्या है कहना
लोगों ने बताया कि किसी जन प्रतिनिधि ने अब तक इस जर्जर पुल के लिए कोई काम नहीं करवाया. जबकि इस इलाके से कई बिहार सरकार में मंत्री भी बने. जमुई सांसद चिराग पासवान से आस जगी थी. लेकिन अपने पिछले पांच साल के कार्यकाल में सांसद ने भी इस पुल की ओर ध्यान नहीं दिया. अब तो लोगों का सरकार से भरोसा ही उठता जा रहा है, बस बाबा भोलेनाथ ही एक सहारा हैं.

श्रावणी मेला को लेकर नहीं दिख रही है व्यवस्था
जानकारी के अनुसार जमुई देवधर मार्ग पर वटिया घाटी और जंगल के बीच स्थित इस जर्जर चिरैन पूल पर यात्री कांवरिया सैंकड़ों सड़क दुर्घटना, लूट, छिनतई, अपराधियों के द्वारा मारपीट के शिकार हो चुके है. कइयों ने जान गंवाई है, मामला भी दर्ज हुआ लेकिन कारवाई नहीं हुई. थकहारकर लोग शिकार होने के बाद अब पुलिस के पचड़े में पड़ना नहीं चाहते. अपने नसीब को कोसते हुए अपने-अपने गंतव्य की ओर निकल जाते हैं. अब विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला शुरु होने वाला है. कांवरियों की सुरक्षा को लेकर सरकार प्रशासन की व्यवस्था कुछ नहीं दिख रही है.

Intro:जमुई 17 जुलाई से शुरू होने वाली है विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला बाबा भोलेनाथ का नाम लेते सैकड़ों कांवरिया वाहन रोजाना जमुई देवधर मार्ग पर वटिया धाटी और जंगल के बीच स्थित ' चिरैन पूल ' पार करेंगे सरकार का उदासीन रवैया जर्जर ' चिरैन पूल ' अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है वर्षो से ( एक्सक्लुसिव खबर ) etv bharat के साथ वटिया धाटी और जंगल के बीच स्थित ' चिरैन पूल ' जीरो ग्राउंड से


Body:जमुई " 17 जुलाई से शुरू हो रही है विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला जमुई देवधर मार्ग पर वटिया धाटी और जंगल के बीच स्थित ' जर्जर चिरैन पूल ' वर्षो से आजतक अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है सड़क दुर्घटना , लूट , छिनतई की धटना इस पूल पर आम बात सरकार का रवैया उदासीन सबसे बड़ी बात वर्षो से इस पूल को पार कर बाबाधाम देवधर पहुंचने वाले यात्री कांवरिया ने etv bharat से कहा अब सरकार पर भरोषा नहीं वर्षो से धोषणाऐं सुनते आ रहे है यात्री और कांवरिया अपने परिवार के साथ बाबा भोलेनाथ का नाम लेकर जलाभिषेक करने पहुंचते है देवधर ( एक्सक्लुसिव खबर etv bharat के साथ ) "

जमुई 17 जुलाई से शुरू हो रहा है विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला जो एक माह तक चलता है देश ही नहीं विदेशों से भी पहुंचे है कांवरिया बाबा भोलेनाथ का जलाभिषेक करते है देश के कोने - कोने से लाखों कांवरिया बाबा भोलेनाथ के दरबार में पहुंचे है गंगा जल से जलाभिषेक कर पूजा अर्चना करते है बाबाधाम देवधर पहुंचने का व्यस्ततम मार्ग जमुई देवधर ( बाबाधाम ) मार्ग है इस मार्ग से देश के विभिन्न राज्यों से आम वाहनों के साथ - साथियों सैकड़ो कांवरिया वाहन रोजना बाबाधाम देवधर जाते है और अपने गंतव्य की ओर वापस लौटते है

जमुई देवधर मार्ग पर वटिया धाटी और जंगल के बीच स्थित है ' जर्जर चिरैन पूल ' जो अपनी बदहाली बयां कर रहा है सड़क दुर्घटना , लूट और छिनतई की धटना को लेकर अपनी पहचान बना चुका है यह पूल भयभीत आम यात्री कांवरिया बाबा भोलेनाथ का नाम लेते - लेते पार करते है इस पूल को और पहुंचते है बाबा के दरबार में ऐसा नहीं है की सैंकड़ों सड़क दुर्घटना , लूट , छिनतई के बाद प्रशासन और सरकार की नजर नहीं पड़ी होगी इस जर्जर पूल पर लेकिन रवैया उदासीन आजतक इस पूल का उद्धार नहीं हो सका जबकि हरेक वर्ष श्रावणी मेले के पहले सरकार के द्वारा धोषणा की जाती है की कांवरियों की सुविधा के लिए फलना - फलना काम किया जा रहा है लेकिन जमीनी हकीकत ये जर्जर चिरैन पूल बयां कर रही है

जर्जर चिरैन पूल पर पार कर रहे कांवरिया स्थानीय यात्री ने etv bharat को बताया किसी जन प्रतिनिधि ने अबतक इस जर्जर पूल के लिए कोई काम नहीं करवाया जबकि इलाके के कई मंत्री भी हुए बिहार के सरकार में जमुई सांसद चिराग पासवान से आस जगी थी लेकिन अपने पिछले पांच साल के कार्यकाल में सांसद ने भी इस पूल की ओर ध्यान नहीं दिया अब तो लोगों का भरोषा ही उठता जा रहा है सरकार से बस बाबा भोलेनाथ ही एक सहारा है इस जर्जर पूल पर वटिया धाटी और जंगल पार करने वाले यात्री कांवरिया बाबा भोलेनाथ का नाम लेते - लेते बाबाधाम पहुंचेंगे अगर सुरक्षित पहुंचे तो उपर वाले का शुक्रिया अदा करेंगे

जानकारी के अनुसार जमुई देवधर मार्ग पर वटिया धाटी और जंगल के बीच स्थित इस जर्जर चिरैन पूल पर सैंकड़ों सड़क दुर्घटना , लूट , छिनतई , अपराधियों के द्वारा मारपीट के शिकार हो चुके है यात्री कांवरिया कइयों ने जान गंवाई हे मामला भी दर्ज हुआ लेकिन कारवाई सिफर थकहारकर लोग शिकार होने के बाद अब पुलिस के पचड़े में पड़ना नहीं चाहते अपने नसीब को कोसते हुए अपने - अपने गंतव्य की ओर निकल जाते है शुरु होने वाली है अब विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला सरकार प्रशासन की व्यवस्था कुछ दिखती नहीं यात्रियों कांवरियों की सुरक्षा को लेकर जमुई से देवधर 105 किलोमीटर का मार्ग पर लगभग आधे दुरी पर वटिया धाटी और जंगल के बीच है जर्जर चिरैन पूल आज भी पूरी तरह बदहाल

वाइट ----- यात्री कांवरिया और स्थानीय
पीटूसी
वीडियो पूल के हालात के


राजेश जमुई




Conclusion:जमुई 17 जुलाई से शुरू होने वाली है विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला बाबा भोलेनाथ का नाम लेते सैकड़ों कांवरिया वाहन रोजाना जमुई देवधर मार्ग पर वटिया धाटी और जंगल के बीच स्थित ' चिरैन पूल ' पार करेंगे सरकार का उदासीन रवैया जर्जर ' चिरैन पूल ' अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है वर्षो से ( एक्सक्लुसिव खबर ) etv bharat के साथ वटिया धाटी और जंगल के बीच स्थित ' चिरैन पूल ' जीरो ग्राउंड से
Last Updated : Jul 7, 2019, 12:00 AM IST
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