गोपालगंज: जिले के थावे प्रखण्ड स्थित चौराव गांव के युवाओं ने गांव की तस्वीर बदलने की मुहिम शुरू की है. अपने गांव से दूर दूसरे प्रदेशों में रहकर यहां के युवा पढ़ाई और मजदूरी करते है. लेकिन लॉकडाउन में जब ये लोग अपने घर आए तो इन्होंने गांव को स्वच्छ, सुंदर और आदर्श बनाने को लेकर सुबह-शाम श्रम दान दे रहे हैं. ताकि गांव का विकास हो सके.
बता दें कि, कोरोना काल मे लागू लॉकडाउन ने कई लोगों के लिए मुसीबतें खड़ी कर दी. कई लोग अपने गांव लौटने लगे. जब वापस जाने का कोई जरिया नहीं मिला तो गांव में ही रहकर कुछ न कुछ काम करने लगे. जिले के थावे प्रखण्ड के चौराव गांव के अधिकांश लोग दूसरे राज्यो में रहकर जीविकोपार्जन करते है. लॉकडाउन के कारण घर पर रहकर भी कुछ कर पाने में कई लोग असमर्थ थे. तभी यहां के युवाओं ने खाली समय का सदुपयोग कर अपने गांव को सुंदर बनाने की मुहिम में जुट गए.
लोगों को किया जागरूक
युवाओं ने वाट्सएप ग्रुप के माध्यम से पहले लोगों को जागरूक करना शुरु किया. जिसका असर हुआ कि युवाओं के इस अभियान में हर तबके के लोग जुड़ने लगे. सभी लोगों ने यह ठान लिया कि सुबह-शाम श्रमदान देकर गांव को स्वच्छ और सुंदर बनाना है. इस संकल्प के साथ इस अभियान में बूढ़े, बच्चे सभी लोग जुट गए. गांव को सुंदर बनाने की कोशिश के तहत ग्रामीणों ने साफ-सफाई, और रंग-रोगन पर सबसे पहले ध्यान दिया.
सभी दे रहे श्रमदान
ग्रामीणों ने बताया कि हम लोग स्वेच्छा से श्रमदान देकर गांव को आदर्श गांव बनाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि गांव में 194 बिजली का खम्भा है. जिसे तिरंगे के रंग से रंगा गया है. गांव मे तीन द्वार है. जहां आदर्श गांव का गेट लगाया गया है. साथ ही सड़क किनारे पौधा रोपण किया जा रहा है.
आदर्श गांव बनाने की कोशिश
इसके अलावा गांव के सभी घरों के सामने डस्टबिन रखा जाएगा. ताकि लोग अपने घर से निकले कूड़े को इधर-उधर ना फेंके.वहीं श्रमदान कर रहे ग्रामीणों ने बताया कि सभी बिजली के खंभो पर एलईडी बल्ब लगाया जाएगा. उन्होंने कहा कि कुछ दिन बाद यह गांव आदर्श गांव के रूप में जाना जाएगा. यहां के ग्रामीणों के लिए रोजगार की भी व्यवस्था की जाएगी.