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Ankit Murder Case: पुलिस पर पथराव मामले में अंधों और मृतकों पर भी केस, विरोध में पूरा बाजार बंद

अंकित हत्याकांड के विरोध में बसडीला में पुलिस पर पथराव मामले में 211 लोगों पर मामला दर्ज किया गया. स्थानीय लोगों ने इसके खिलाफ बाजार को बंद (Gopalganj Basdila market closed against police FIR) रखा. लोगों का कहना है कि पुलिस ने मामले में निर्दोष लोगों का भी नाम डाल दिया है. पुलिस ने मृतक, अंधे और वैसे लोग जो इस दिन बसडीला में थे भी नहीं, उनपर भी केस कर दिया है. इसका हमलोग विरोध जारी रखेंगे. पढ़ें पूरी खबर..

गोपालगंज का बसडीला बाजार बंद
गोपालगंज का बसडीला बाजार बंद
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Published : Feb 3, 2023, 1:58 AM IST

गोपालगंज का बसडीला बाजार बंद

गोपालगंजः बिहार के गोपालगंज के बसडीला में बीते दिनों अंकित नाम के एक युवक की हत्या कर दी गई थी. इसके खिलाफ बाजार में शव रखकर विरोध-प्रदर्शन किया था. इस दौरान पुलिस पर भी पथराव हुआ था. अब पुलिस ने 211 लोगों पर मामला दर्ज किया है. पुलिस की इस कार्रवाई से लोगों में गुस्सा है. क्योंकि लोगों का कहना है कि पुलिस ने मृतकों और अंधे लोगों का भी नाम केस में दे दिया है, जो गलत है. ऐसे ही कई निर्दोष लोग और व्यवसायी का भी केस में शामिल है. इसके खिलाफ पूरा बाजार बंद (Gopalganj Basdila market closed) रहा.

ये भी पढ़ेंः Gopalganj News: अंकित हत्याकांड में पुलिस की कार्रवाई, 250 उपद्रवियों पर FIR दर्ज

211 लोगों पर पुलिस ने दर्ज किया है मामलाः 39 नामजद समेत 211 अज्ञात लोगों पर पुलिस द्वारा मामला दर्ज करने के खिलाफ बसडीला बाजार के व्यवसायियों ने गुरुवार को अपनी-अपनी दुकानें बंद रखी. साथ ही निर्दोष लोगों का नाम केस से बाहर निकालने की मांग की गई. वहीं कैम्प कर रही पुलिस ने व्यवसायियों को समझाने बुझाने में जुट गई है. गौरतलब हो कि नगर थाना क्षेत्र के बसडीला बाजार पर बीते शुक्रवार की शाम हुए छात्र अंकित की हत्या के विरोध में शनिवार को पत्थरबाजी की घटना को अंजाम दिया गया था. इसके बाद पुलिस ने 39 नामजद और 211 अज्ञात लोगों पर एफआईआर दर्ज की है.

मृतक और अंधे लोगों का नाम भी केस में शामिलः बसडीला बाजार निवासी स्व विशुनी बस्फोर के बेटा स्व गुदुन वास्फोर और उसकी पत्नी सरली देवी का नाम भी केस में शामिल है. सरली देवी को दोनों आंखों से कुछ नहीं दिखता है, जो बिना एक सहायक के एक जगह से दूसरे जगह जा भी नहीं सकती है. उसका नाम एफआईआर में दर्ज है. इसके अलावा स्व गुदुन बस्फोर का नाम भी दर्ज किया गया है, जिसकी 6 माह पहले किसी बीमारी के कारण मृत्यु हो गई है. वहीं सुदामा साह अपने बच्चे के इलाज कराने गोरखपुर गए थे. उनका भी नाम एफआईआर में दर्ज है.

"अपना लड़का का दवाई कराने के लिए बाहर गए थे. उस दिन मैं यहां भी नहीं था. फिर भी मेरा और मेरे पिता का नाम केस में दे दिया गया था. मेरे पास गोरखपुर का मेडिकल रिपोर्ट भी है"- सुदामा साह, नामजद

"मेरे पिता अब इस दुनिया में नहीं हैं फिर भी मेरे पिता का नाम पत्थरबाजी में दे दिया गया है. वहीं मेरी मां दोनों आंखों से अंधी है, फिर भी इसका नाम केस में दे दिया गया है"- प्रकाश कुमार, मृतक नामजद के पुत्र
निर्दोषों का नाम केस से बाहर करने की मांगः बसडीला बाजार के लोगों का कहना है कि जिस घटना में हमलोग शामिल भी नहीं थे, उसमें क्यों हमें आरोपी बनाया जा रहा है. विवाद दूसरे गांव का है और हम दुकानदारों पर मामला दर्ज कर दिया गया है. साथ ही कुछ ऐसे लोगों पर मामला दर्ज कराया गया है, जिनकी मृत्यु हो चुकी है. वहीं एक महिला का नाम भी शामिल है जो दोनों आंखों से अंधी है. वहीं एक व्यक्ति ने कहा घटना वाले दिन वह बेटे का इलाज कराने गोरखपुर गया था, फिर भी उसका नाम केस में डाल दिया गया है.

"विवाद दूसरे गांव का है और हम दुकानदारों पर मामला दर्ज कर दिया गया है. साथ ही कुछ ऐसे लोगों पर मामला दर्ज कराया गया है, जिनकी मृत्यु हो चुकी है. हमलोगों का जब तक केस से नाम बाहर नहीं होगा. तबतक बाजार बंद रहेगा" - स्थानीय दुकानदार

पुलिस कर रही बाजार खुलवाने की कोशिशः बसडीला बाजार के व्यवसायियों ने गुरुवार को अपनी अपनी दुकानें बंद कर प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है. निर्दोष लोगों को तत्काल इस मामले से अलग रखने की मांग की है. पुलिस व्यवसायियों को समझा बुझा कर दुकान खोलने को कह रही है, लेकिन व्यवसायी अपनी मांगों पर अड़े हैं. इस सन्दर्भ व्यवसायियों ने कहा कि पुलिस प्रशासन बिना वजह के हमलोगों का नाम केस में शामिल कर ली है.

"बसडीला के लोगों ने शव के साथ प्रदर्शन करते हुए पुलिस पर पथराव किया था. इस मामले में 39 नामजद सहित 211 पर केस दर्ज किया गया है. इसलिए साक्ष्य के साथ जिनलोगों को आरोपी बनाया गया है, उनपर कार्रवाई होगी. अनुसंधान के क्रम में अगर ऐसी बात सामने आती है और अगर पीड़ित पक्ष आवेदन देकर साक्ष्य के साथ सामने आएंगे तो वैसे लोगों को दोषी नहीं बनाया जाएगा"-संजीव कुमार, एसडीपीओ

गोपालगंज का बसडीला बाजार बंद

गोपालगंजः बिहार के गोपालगंज के बसडीला में बीते दिनों अंकित नाम के एक युवक की हत्या कर दी गई थी. इसके खिलाफ बाजार में शव रखकर विरोध-प्रदर्शन किया था. इस दौरान पुलिस पर भी पथराव हुआ था. अब पुलिस ने 211 लोगों पर मामला दर्ज किया है. पुलिस की इस कार्रवाई से लोगों में गुस्सा है. क्योंकि लोगों का कहना है कि पुलिस ने मृतकों और अंधे लोगों का भी नाम केस में दे दिया है, जो गलत है. ऐसे ही कई निर्दोष लोग और व्यवसायी का भी केस में शामिल है. इसके खिलाफ पूरा बाजार बंद (Gopalganj Basdila market closed) रहा.

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211 लोगों पर पुलिस ने दर्ज किया है मामलाः 39 नामजद समेत 211 अज्ञात लोगों पर पुलिस द्वारा मामला दर्ज करने के खिलाफ बसडीला बाजार के व्यवसायियों ने गुरुवार को अपनी-अपनी दुकानें बंद रखी. साथ ही निर्दोष लोगों का नाम केस से बाहर निकालने की मांग की गई. वहीं कैम्प कर रही पुलिस ने व्यवसायियों को समझाने बुझाने में जुट गई है. गौरतलब हो कि नगर थाना क्षेत्र के बसडीला बाजार पर बीते शुक्रवार की शाम हुए छात्र अंकित की हत्या के विरोध में शनिवार को पत्थरबाजी की घटना को अंजाम दिया गया था. इसके बाद पुलिस ने 39 नामजद और 211 अज्ञात लोगों पर एफआईआर दर्ज की है.

मृतक और अंधे लोगों का नाम भी केस में शामिलः बसडीला बाजार निवासी स्व विशुनी बस्फोर के बेटा स्व गुदुन वास्फोर और उसकी पत्नी सरली देवी का नाम भी केस में शामिल है. सरली देवी को दोनों आंखों से कुछ नहीं दिखता है, जो बिना एक सहायक के एक जगह से दूसरे जगह जा भी नहीं सकती है. उसका नाम एफआईआर में दर्ज है. इसके अलावा स्व गुदुन बस्फोर का नाम भी दर्ज किया गया है, जिसकी 6 माह पहले किसी बीमारी के कारण मृत्यु हो गई है. वहीं सुदामा साह अपने बच्चे के इलाज कराने गोरखपुर गए थे. उनका भी नाम एफआईआर में दर्ज है.

"अपना लड़का का दवाई कराने के लिए बाहर गए थे. उस दिन मैं यहां भी नहीं था. फिर भी मेरा और मेरे पिता का नाम केस में दे दिया गया था. मेरे पास गोरखपुर का मेडिकल रिपोर्ट भी है"- सुदामा साह, नामजद

"मेरे पिता अब इस दुनिया में नहीं हैं फिर भी मेरे पिता का नाम पत्थरबाजी में दे दिया गया है. वहीं मेरी मां दोनों आंखों से अंधी है, फिर भी इसका नाम केस में दे दिया गया है"- प्रकाश कुमार, मृतक नामजद के पुत्र
निर्दोषों का नाम केस से बाहर करने की मांगः बसडीला बाजार के लोगों का कहना है कि जिस घटना में हमलोग शामिल भी नहीं थे, उसमें क्यों हमें आरोपी बनाया जा रहा है. विवाद दूसरे गांव का है और हम दुकानदारों पर मामला दर्ज कर दिया गया है. साथ ही कुछ ऐसे लोगों पर मामला दर्ज कराया गया है, जिनकी मृत्यु हो चुकी है. वहीं एक महिला का नाम भी शामिल है जो दोनों आंखों से अंधी है. वहीं एक व्यक्ति ने कहा घटना वाले दिन वह बेटे का इलाज कराने गोरखपुर गया था, फिर भी उसका नाम केस में डाल दिया गया है.

"विवाद दूसरे गांव का है और हम दुकानदारों पर मामला दर्ज कर दिया गया है. साथ ही कुछ ऐसे लोगों पर मामला दर्ज कराया गया है, जिनकी मृत्यु हो चुकी है. हमलोगों का जब तक केस से नाम बाहर नहीं होगा. तबतक बाजार बंद रहेगा" - स्थानीय दुकानदार

पुलिस कर रही बाजार खुलवाने की कोशिशः बसडीला बाजार के व्यवसायियों ने गुरुवार को अपनी अपनी दुकानें बंद कर प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है. निर्दोष लोगों को तत्काल इस मामले से अलग रखने की मांग की है. पुलिस व्यवसायियों को समझा बुझा कर दुकान खोलने को कह रही है, लेकिन व्यवसायी अपनी मांगों पर अड़े हैं. इस सन्दर्भ व्यवसायियों ने कहा कि पुलिस प्रशासन बिना वजह के हमलोगों का नाम केस में शामिल कर ली है.

"बसडीला के लोगों ने शव के साथ प्रदर्शन करते हुए पुलिस पर पथराव किया था. इस मामले में 39 नामजद सहित 211 पर केस दर्ज किया गया है. इसलिए साक्ष्य के साथ जिनलोगों को आरोपी बनाया गया है, उनपर कार्रवाई होगी. अनुसंधान के क्रम में अगर ऐसी बात सामने आती है और अगर पीड़ित पक्ष आवेदन देकर साक्ष्य के साथ सामने आएंगे तो वैसे लोगों को दोषी नहीं बनाया जाएगा"-संजीव कुमार, एसडीपीओ

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