गोपालगंजः सरकारी स्कूलों में प्राइवेट के तर्ज पर स्मार्ट क्लास संचालित कर छात्रों को शिक्षा देने की बात की जाए तो आप जरूर हैरान होंगे. उसे महज कल्पना ही मानेंगे. लेकिन यह कल्पना नहीं हकीकत है. गोपालगंज जिला मुख्यालय से करीब 17 किलोमीटर दूर बेलवनवा गांव का उत्क्रमित मध्य विद्यालय जिसे देखकर आप वाह कहे बिना नहीं रह सकते. यह स्कूल बिहार के तमाम सरकारी स्कूलों के लिए एक मिसाल है. स्कूल के प्रिंसिपल विनय कुमार की कड़ी मेहनत और लगन की बदौलत स्कूल की तस्वीर और तकदीर दोनों बदल गई.
प्राइवेट स्कूलों को भी छोड़ दिया पीछे
दरअसल, ग्रामीण इलाके बेलवनवा का यह उत्क्रमित मध्य विद्यालय हाईटेक प्राइवेट स्कूलों को भी पीछे छोड़ चुका है. यहां बच्चों को मस्ती की पाठशाला स्मार्ट क्लास के जरिए ज्ञान दिया जाता है. जो प्राइवेट स्कूलों को मात देता हुआ नजर आता है. यह सब विद्यालय के प्रिंसिपल विनय कुमार की कड़ी मेहनत और सोच के बदौलत संभव हो पाया है. इनकी सोच को बल दिया है यहां के स्थानीय लोगों और शिक्षकों ने. विनय कुमार ने ना सिर्फ अपने विद्यालय को स्मार्ट बनाने की शुरुआत की बल्कि इसके लिए वे अन्य सरकारी विद्यालयों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बन गए हैं. जिसकी कल्पना शायद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की होगी.
ऐप्रन पहनकर खाना बनाती है रसोईया
इस विद्यालय के बच्चों में अनुशासन कूट-कूट कर भरा है. प्रिंसिपल रोजाना अनुशासन का पाठ पढ़ाते हैं. साथ ही एक सफल व्यक्ति की सफलता की कहानी भी बता कर बच्चों को बौद्धिक विकास के लिए प्रेरित किया जाता है. छात्रों को सुविधा के नाम पर हर क्लास में आरओ, पानी की बोतल, डस्टबिन, स्मार्ट क्लास, मस्ती की पाठशाला, कुशल शिक्षक और ऐप्रन में मिड डे मील बना रही रसोईया सब कुछ मिलता है.
बच्चों को याद है संविधान की प्रस्तावना
स्कूल परिसर में लगाये गए पौधे और दीवारों पर की गई पेंटिंग स्कूल को खूबसूरती और भी बढ़ा देती है. जिसे देखकर बच्चे कुछ सीख सकते हैं. मस्ती की पाठशाला में खेल-खेल में बच्चे पढ़ाई करते हैं. यहां के बच्चों को संविधान की प्रस्तावना कंठस्थ है. एक सुर में यहां के बच्चे बच्चियां संविधान की प्रस्तावना बता सकते हैं. जो शायद ही किसी अन्य विद्यालयों के बच्चों को याद हो. इस विद्यालय में कुल 500 बच्चे नामांकित हैं. जबकि 15 शिक्षक के कुशल समूह की बदौलत स्कूल की शिक्षा व्यवस्था ने माहौल को बदल दिया है.
साफ सफाई पर दिया जाता है विशेष ध्यान
आमतौर पर सरकारी स्कूलों में पढ़ाई कम शिक्षकों की आपसी रंजिश, एमडीएम को लेकर विवाद, शिक्षा समिति के खींचातानी जैसी समस्याएं पढ़ाई को चौपट कर देती है. वहीं, यह स्कूल अन्य सरकारी स्कूलों के लिए आइडियल बना हुआ है. यहां के बच्चे हर दिन प्रार्थना के वक्त संविधान के प्रस्तावना को दोहराते हैं. जो अपने आप में एक अद्वितीय है. इस विद्यालय में साफ सफाई पर विशेष ध्यान ध्यान दिया जाता है. बच्चे यूनिफॉर्म में रोजाना समय पर स्कूल पहुंचते हैं. जो अन्य सरकारी स्कूलों में देखने को नहीं मिलता.
अभिभावक को एसएमएस से दी जाती है सूचना
यहां मिड डे मील योजना हर दिन के अनुसार बच्चों को दी जाती है. पढ़ने वाले छात्र किसी कारण से स्कूल नहीं पहुंचा तो उनके अभिभावक के मोबाइल पर एसएमएस पहुंचता है कि आपका बच्चा स्कूल नहीं आया है. जेब काटू शिक्षा प्रणाली निजी स्कूलों की तरह भले ही पैसे वालों को खींच रही हो. लेकिन इस ग्रामीण इलाके में जिले के हाईटेक प्राइवेट स्कूलों को बेलवनवा का स्कूल पीछे छोड़ रहा है. स्कूल में 1 से 2 किलोमीटर दूर तक के छात्र-छात्राएं पढ़ने आते हैं.
शुरू होगी निशुल्क स्कूल बस सेवा
हाईवे के किनारे स्कूल होने के कारण छात्रों में हादसे का डर बना रहता है. इसे ध्यान में रखते हुए स्कूल बस चलाने की तैयारी की जा रही है. स्कूल के एचएम का कहना है कि लोगों के सहयोग से बच्चों के लिए एक स्कूल बस निशुल्क सेवा के रूप में उपलब्ध कराने की तैयारी चल रही है. बस खरीदने और उसके संचालन के लिए स्कूल के शिक्षा समिति के सदस्य और कुछ इलाके के प्रबुद्ध लोगों की कमेटी बनाई गई है. साथ ही स्कूल के प्रधानाध्यापक का कहना है कि हमारी इच्छा है कि इस विद्यालय में बुक बैंक की स्थापना करें. जिसमें बच्चों को निशुल्क किताब, कॉपी और पेन-पेंसिल मिल सके.