गया : बिहार के गया के लाल ने बांग्लादेश में कमाल कर दिखाया है. बांग्लादेश में आयोजित साउथ एशियन सैंबो कुश्ती चैंपियनशिप में गया के लाल संदीप पाठक ने रजत पदक हासिल कर लिया है. यह प्रतियोगिता बांग्लादेश की राजधानी ढाका में 1 से 4 नवंबर तक आयोजित की गई थी.
भारत की ओर से संदीप ने लिया था हिस्सा : साउथ एशियन सैंबो कुश्ती चैंपियनशिप बांग्लादेश के ढाका में एक से चार नवंबर तक आयोजित हुई. इसमें गया जिले के चाकन्द बाजार के संदीप पाठक भारत की ओर से इकलौते पहलवान के रूप में हिस्सा लिए और विदेशी धरती पर 98 किलो भार वर्ग से ऊपर के कैटेगरी में अपना लोहा मनवाया है. संदीप पाठक ने रजत पदक जीता है. संदीप पाठक के रजत पदक जीतने से जिले ही नहीं बल्कि राज्य और देश का भी नाम गौरवान्वित हुआ है.
मध्यमवर्गीय परिवार से आते हैं संदीप : संदीप पाठक मध्यम वर्गीय परिवार से आते हैं. पूजा पथ मोहल्ले के रहने वाले संदीप के पिता रामनिवास पाठक मध्यम वर्गीय परिवार से हैं. इसके बावजूद भी विदेशी धरती पर संदीप पाठक ने अपना परचम लहराया है और कुश्ती प्रतियोगिता में विदेशी धरती पर रजत पदक प्राप्त किया है. जानकारी हो कि संदीप लगभग 7-8 सालों से कुश्ती के क्षेत्र में लगातार बेहतर कर रहे थे. जिला और राज्य स्तर पर काफी नाम किया था. साधारण परिवार का सदस्य होने के बावजूद उन्होंने अपने हौसले को बरकरार रखा.
गांव में जश्न का माहौल : संदीप अब विदेशी धरती पर विदेशी पहलवानों को पटखनी देकर रजत पदक प्राप्त किया है. हैवी भार वर्ग में बिहार का पहलवान भले ही गोल्ड मेडल लाने से चूक गया, लेकिन देश के लिए उसने रजत पदक प्राप्त किया और यह साधारण परिवार के युवक के लिए बड़ी उपलब्धि है. वहीं, यह देश को गौरवान्वित करने वाली उपलब्धि है. इधर, संदीप पाठक के बांग्लादेश में रजत पदक जीतने की खबर के बाद उनके गांव में खुशी का माहौल है. उसके लौटने का यहां के लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.
अगली बार देश को गोल्ड मेडल दिलाने का लक्ष्य : वहीं, परिजनों ने बताया कि रजत पदक जीतने के बाद संदीप पाठक ने कहा है कि अगली बार गोल्ड लाने के लिए कड़ी मेहनत करूंगा. इस प्रतियोगिता से मुझे काफी कुछ सीखने को मिला है. अगली बार कोशिश होगी कि इससे सीखे गए तथ्यों पर अमल करते हुए अगली बार कोई गलती नहीं करूंगा. गोल्ड मेडल हासिल करना हमारा लक्ष्य है.
ये भी पढ़ें : Bihar News: 400 मीटर दौड़ में गया के लाल ने जीता कांस्य पदक, खेल प्राधिकरण महानिदेशक रविंद्र शंकर ने दी जानकारी