गया: बिहार के गया में धर्मांतरण ( Proselytization ) का खेल जारी है. एक तरफ जहां नैली पंचायत के दुबहल गांव के महादलित टोले के सैकड़ों लोगों ने धर्मांतरण कर ईसाई धर्म ( Christianity ) अपना लिया. वहीं अब गया जिले के डोभी प्रखंड में भी एक नवनिर्मित चर्च में बड़े पैमाने पर प्रार्थना सभा में महादलित ( Mahadalit ) शामिल हो रहे हैं और प्रार्थना कर रहे हैं. हालांकि सभी लोगों ने अभी ईसाई धर्म नहीं अपनाया है. हालांकि यहां पर जितने लोग आए हैं, वे सभी हिंदू हैं और सिर्फ हर रविवार को प्रार्थना सभा में शामिल होने आते हैं और अपना दुख दर्द मिटाते हैं.
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प्रार्थना सभा में शामिल होने आए ग्रामीणों ने बताया कि हम अपने मर्जी से यहां प्रार्थना सभा में शामिल होने आए हैं. हम लोगों के घर में किसी न किसी की तबीयत खराब होती रहती है, ऐसे में हम लोग चर्च में प्रार्थना के लिए आए हैं. यहां के पादरी के द्वारा जो पानी दिया जाता है, उस पानी से हम लोगों के परिजन ठीक हो जाते हैं. साथ ही कई लोगों ने कहा कि हमारे बेटे का कॉलेज में रजिस्ट्रेशन नहीं हो रहा था, यहां प्रार्थना करने से सभी काम हो जाते हैं.
बता दें कि गया जिले के नैली पंचायत के दुबहल गांव से सटे कई दलित बस्तियों में पिछले 15 सालों से हिंदू धर्म से ईसाई धर्म में परिवर्तन ( Religion Conversion ) करवाया जा रहा है. ईटीवी भारत की टीम मामले की पड़ताल के लिए वहां पहुंची तो वहां देखा कि अंधविश्वास की आड़ में ईसाई धर्म के लोगों द्वारा धर्मांतरण का खेल खेला जा रहा है.
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गौरतलब है कि धान रोपनी के पहले आषाढ़ी पूजा होती है. उस पूजा को मांझी समाज के लोग करते हैं. जब इस साल पूजा नहीं हुई तो अन्य समाज के लोगों ने इसके बारे में जानकारी ली. तब पता चला कि मांझी परिवार के लोगों ने ईसाई धर्म अपना लिया है.