ETV Bharat / state

धर्म हिन्दू पर ईसाई में आस्था, गया में ऐसे चल रहा धर्मांतरण का खेल? - bihar samachar

बिहार के गया में धर्मांतरण का खेल जारी है. एक तरफ जहां नैली पंचायत के दुबहल गांव के महादलित टोले के सैकड़ों लोगों ने धर्मांतरण कर ईसाई धर्म अपना लिया. वहीं, अब डोभी प्रखंड में लोगों का विश्वास जीतने के लिए खेल चल रहा है. हालांकि अभी तक किसी के धर्मांतरण करने की खबर नहीं है. पढ़ें पूरी खबर...

relegion
relegion
author img

By

Published : Jul 22, 2021, 6:25 PM IST

गया: बिहार के गया में धर्मांतरण ( Proselytization ) का खेल जारी है. एक तरफ जहां नैली पंचायत के दुबहल गांव के महादलित टोले के सैकड़ों लोगों ने धर्मांतरण कर ईसाई धर्म ( Christianity ) अपना लिया. वहीं अब गया जिले के डोभी प्रखंड में भी एक नवनिर्मित चर्च में बड़े पैमाने पर प्रार्थना सभा में महादलित ( Mahadalit ) शामिल हो रहे हैं और प्रार्थना कर रहे हैं. हालांकि सभी लोगों ने अभी ईसाई धर्म नहीं अपनाया है. हालांकि यहां पर जितने लोग आए हैं, वे सभी हिंदू हैं और सिर्फ हर रविवार को प्रार्थना सभा में शामिल होने आते हैं और अपना दुख दर्द मिटाते हैं.

ये भी पढ़ें:15 सालों से 'धर्म परिवर्तन के खेल' का जायजा लेंगे जीतन राम मांझी, 25 जुलाई को कई परिवार करेंगे 'घर वापसी'

प्रार्थना सभा में शामिल होने आए ग्रामीणों ने बताया कि हम अपने मर्जी से यहां प्रार्थना सभा में शामिल होने आए हैं. हम लोगों के घर में किसी न किसी की तबीयत खराब होती रहती है, ऐसे में हम लोग चर्च में प्रार्थना के लिए आए हैं. यहां के पादरी के द्वारा जो पानी दिया जाता है, उस पानी से हम लोगों के परिजन ठीक हो जाते हैं. साथ ही कई लोगों ने कहा कि हमारे बेटे का कॉलेज में रजिस्ट्रेशन नहीं हो रहा था, यहां प्रार्थना करने से सभी काम हो जाते हैं.

देखें वीडियो

बता दें कि गया जिले के नैली पंचायत के दुबहल गांव से सटे कई दलित बस्तियों में पिछले 15 सालों से हिंदू धर्म से ईसाई धर्म में परिवर्तन ( Religion Conversion ) करवाया जा रहा है. ईटीवी भारत की टीम मामले की पड़ताल के लिए वहां पहुंची तो वहां देखा कि अंधविश्वास की आड़ में ईसाई धर्म के लोगों द्वारा धर्मांतरण का खेल खेला जा रहा है.

ये भी पढ़ें:ग्राउंड रिपोर्ट: गया में पिछले 15 सालों से चल रहा है धर्मांतरण का खेल, लोगों पर अंधविश्वास हावी

गौरतलब है कि धान रोपनी के पहले आषाढ़ी पूजा होती है. उस पूजा को मांझी समाज के लोग करते हैं. जब इस साल पूजा नहीं हुई तो अन्य समाज के लोगों ने इसके बारे में जानकारी ली. तब पता चला कि मांझी परिवार के लोगों ने ईसाई धर्म अपना लिया है.

गया: बिहार के गया में धर्मांतरण ( Proselytization ) का खेल जारी है. एक तरफ जहां नैली पंचायत के दुबहल गांव के महादलित टोले के सैकड़ों लोगों ने धर्मांतरण कर ईसाई धर्म ( Christianity ) अपना लिया. वहीं अब गया जिले के डोभी प्रखंड में भी एक नवनिर्मित चर्च में बड़े पैमाने पर प्रार्थना सभा में महादलित ( Mahadalit ) शामिल हो रहे हैं और प्रार्थना कर रहे हैं. हालांकि सभी लोगों ने अभी ईसाई धर्म नहीं अपनाया है. हालांकि यहां पर जितने लोग आए हैं, वे सभी हिंदू हैं और सिर्फ हर रविवार को प्रार्थना सभा में शामिल होने आते हैं और अपना दुख दर्द मिटाते हैं.

ये भी पढ़ें:15 सालों से 'धर्म परिवर्तन के खेल' का जायजा लेंगे जीतन राम मांझी, 25 जुलाई को कई परिवार करेंगे 'घर वापसी'

प्रार्थना सभा में शामिल होने आए ग्रामीणों ने बताया कि हम अपने मर्जी से यहां प्रार्थना सभा में शामिल होने आए हैं. हम लोगों के घर में किसी न किसी की तबीयत खराब होती रहती है, ऐसे में हम लोग चर्च में प्रार्थना के लिए आए हैं. यहां के पादरी के द्वारा जो पानी दिया जाता है, उस पानी से हम लोगों के परिजन ठीक हो जाते हैं. साथ ही कई लोगों ने कहा कि हमारे बेटे का कॉलेज में रजिस्ट्रेशन नहीं हो रहा था, यहां प्रार्थना करने से सभी काम हो जाते हैं.

देखें वीडियो

बता दें कि गया जिले के नैली पंचायत के दुबहल गांव से सटे कई दलित बस्तियों में पिछले 15 सालों से हिंदू धर्म से ईसाई धर्म में परिवर्तन ( Religion Conversion ) करवाया जा रहा है. ईटीवी भारत की टीम मामले की पड़ताल के लिए वहां पहुंची तो वहां देखा कि अंधविश्वास की आड़ में ईसाई धर्म के लोगों द्वारा धर्मांतरण का खेल खेला जा रहा है.

ये भी पढ़ें:ग्राउंड रिपोर्ट: गया में पिछले 15 सालों से चल रहा है धर्मांतरण का खेल, लोगों पर अंधविश्वास हावी

गौरतलब है कि धान रोपनी के पहले आषाढ़ी पूजा होती है. उस पूजा को मांझी समाज के लोग करते हैं. जब इस साल पूजा नहीं हुई तो अन्य समाज के लोगों ने इसके बारे में जानकारी ली. तब पता चला कि मांझी परिवार के लोगों ने ईसाई धर्म अपना लिया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.