गयाः देश में लागू लोकतंत्र जनता के लिए काम करता है. लेकिन जब वही जनता की परेशानियों को अनदेखा कर दे तो खुद की मदद खुद करनी पड़ती है. ऐसा ही कुछ जिले में वजीरगंज विधानसभा क्षेत्र के अमेठी पंचायत में देखने को मिला. जहां जकोहरी नदी पार करने के पुल की सुविधा नहीं थी. जिसकी वजह से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था. इसे देखते हुए ग्रामीणों ने श्रमदान कर खुद से पुल का निर्माण कर लिया.
नहीं मिली कोई मदद
दरअसल, वजीरगंज प्रखंड के पंचायत में बभनी, बुधौल और झब्बेगंज गांव के लोग जकोहरी नदी पार कर वजीरगंज बाजार जाते हैं. बरसात के दिन में नदी का जलस्तर बढ़ने से लोगों को काफी दिक्कत होती थी. कई लोग नदी पार करने के दौरान डूब जाते थे. इसे लेकर उन्होंने कई बार प्रशासन का दरवाजा खटखटाया. लेकिन कहीं से उन्हें कोई मदद नहीं मिली.
अस्पताल जाने में होती थी परेशानी
तीन गांव के लोगों ने कहीं से मदद नहीं मिलने के बाद खुद से चंदा इकट्ठा कर 81 फीट लंबे और आठ फिट चौड़े पुल का निर्माण किया. ग्रामीण निजामुद्दीन खां ने बताया हमलोग को बहुत परेशानी थी. खासकर बीमार और गर्भवती महिलाओं को अस्पताल ले जाने में सबसे ज्यादा मुश्किल होती थी. पुल निर्माण के लिए हमें कहीं से सहयोग नहीं मिला.
'नहीं हो पाई अच्छे से पढ़ाई'
छात्र सज्जाद खान ने बताया कि पुल नहीं रहने की वजह से शाम होने से पहले नदी पार करना होता था. साथ ही जब पांच महीने नदी में पानी भरा रहता है तब गांव में रहकर ही पढ़ाई करनी होती थी. जिससे हमलोगों की पढ़ाई भी अच्छे से नहीं हो पाई.
जनता पुल
वजरीगंज प्रखंड में अमेठी पंचायत के आशा बिगहा और बभनी गांव के बीच से गुजरनेवाली नदी में जनता पुल बनाया गया है. बभनी गांव गेहलौर घाटी की तलहटी में बसा है इसलिए यहां के लोगों ने पर्वत पुरुष दशरथ मांझी से प्रेरित होकर पुल बनाने का काम शुरू किया. पहले पूर्व पैक्स अध्यक्ष ने पुल निर्माण की लिए राशि दी जिसके बाद और लोगों इससे जुड़ने लगे.
एक साल में बनकर तैयार हुआ पुल
पूर्व पैक्स अध्यक्ष आदित्य ने बताया 2016 में मैंने बिना सरकारी मदद के एक पुल का निर्माण करवाया था. गांव के लोगों की समस्या को देखकर हमलोग पिछले साल से पुल निर्माण कार्य मे लगे थे. जिसमें अब सफलता मिली है. ग्रामीण मोहम्मद मुराद ने बताया कि पुल के निर्माण की बातें कई सालों से चल रही थी. जिसके बाद पिछले साल चंदा इकट्ठा कर पुल बनाने का काम शुरू कर दिया गया और एक साल में पुल बनकर तैयार हो गया.
नहीं लगाया गया एक भी मजदूर
मोहम्मद मुराद ने बताया कि पुल के निर्माण में साढ़े तीन लाख रुपये खर्च हुए हैं. उन्होंने बताया कि इसे बनाने में एक भी मजदूर नहीं लगाया गया. बस राजमिस्त्री को बुलाया गया बाकि काम ग्रामीणों ने मिलकर किया. वजरीगंज विधायक सह बिहार सरकार के पूर्व मंत्री अवधेश कुमार सिंह ने कहा कि अमेठी पंचायत के लोग सालों से जकोहरी नदी पर पुल बनाने की मांग कर रहे थे. उन्होंने कहा कि ग्रामीणों का मांग बिल्कुल जायज है.
नहीं हुआ समस्या का समाधान
पूर्व मंत्री अवधेश कुमार सिंह ने कहा कि पुल का डीपीआर बनाकर सरकार को भेज दिया गया है. साथ ही मुख्य सचिव से इस बारे में बात हुई है. अगर सरकार की आर्थिक स्थिति ठीक रही तो पुल की राशि निर्गत हो जाएगी और पुल जल्द बन जाएगा. बहरहाल ग्रामीणों ने अथक मेहनत से पुल बना लिया है लेकिन अभी भी उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ है.
सरकार से मदद की आस
जकोहरी नदी का जलस्तर बढ़ने से पानी गांव के मुहाने तक पहुंच जाता है. ग्रामीणों का कहना है कि हमलोगों के पास अब पैसा नहीं है कि पुल के दोनों छोर पर पाया बनवाकर पुल को 120 फीट का बना पाएं. साथ ही पुल की दोनों तरफ पक्की सड़क भी नहीं है. इसके लिए ग्रामीण अब सरकार से मदद की उम्मीद कर रहे हैं.