गया: शहर के चंदौती थाना क्षेत्र के रहने वाले जवान पुरुषोत्तम कुमार की 14 जनवरी को कश्मीर के कुपवाड़ा में हिमस्खलन के कारण मौत हो गई थी. लेकिन, 3 दिन बीत जाने के बाद भी अब तक शहीद का शव उसके घर नहीं पहुंचा है. उसके परिजन हाथों में शहीद की फोटो लिए शव के आने का इंतजार कर रहे हैं. ताकि उसका अंतिम संस्कार किया जा सके.
बता दें कि पुरुषोत्तम कुमार की मौत के बाद उसकी पत्नी और घरवालों का रो-रोकर बुरा हाल है. पिता घर के बाहर बैठे पुत्र के शव के आने का इंतजार कर रहे हैं. वहीं, शहीद के भाईयों ने जिला प्रशासन पर आरोप लगाया कि जिला प्रशासन सही जानकारी नहीं दे रहा है कि उसके भाई का शव कब आएगा? प्रशासन का कोई बड़ा अधिकारी या जनप्रतिनिधि भी उनसे अब तक मिलने नहीं आया है.
प्रशासन नहीं दे रहा सही जानकारी- राम ठाकुर
इस संबंध में शहीद के पिता राम ठाकुर ने बताया कि 13 जनवरी को सेना के अधिकारियों ने उसके बेटे के हिमस्खलन के कारण गायब हो जाने की सूचना दी. वहीं, 14 जनवरी को अधिकारियों ने फोन कर बताया कि उनके पुत्र की डेड बॉडी मिली है. लेकिन 3 दिन बीत जाने के बाद भी उनके पुत्र का शव अब तक उनके घर नहीं पहुंचा. सेना और प्रशासन के अधिकारी भी कुछ सही-सही जानकारी नहीं दे रहे हैं. वे लोग पुरषोत्तम के शव के आने का इंतजार कर रहे हैं.
शहीद की पत्नी ने जाहिर की चिंता
शहीद पुरुषोत्तम कुमार की पत्नी ने बताया कि उनके पति की मौत की खबर अधिकारियों ने दी, लेकिन अब तक शव नहीं पहुंचा. वहीं, उन्होंने अपने भविष्य के बारे में चिंता जाहिर करते हुए कहा कि उनके बच्चों का आगे क्या होगा? यह पता नहीं है.
मुआवजे की मांग
शहीद के भाईयों ने कहा कि वे लोग लगातार सेना के अधिकारियों के संपर्क में हैं. अधिकारी यही बता रहे हैं कि कश्मीर में मौसम खराब होने के कारण शव लाने में दिक्कत हो रही है. जल्द ही शव भेजा जाएगा. लेकिन इसके पीछे क्या माजरा है? कुछ समझ में नहीं आता. सही-सही जानकारी नहीं मिल रही है. साथ ही उन्होंने मांग करते हुए कहा कि शहीद के आश्रित को मुआवजा, बच्चों की पढ़ाई-लिखाई के लिए सरकार मुआवजा दे.