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तीन दिन बाद भी घर नहीं पहुंचा शहीद पुरुषोत्तम का शव, कश्मीर में हिमस्खलन में हुई थी मौत

शहीद के पिता राम ठाकुर ने बताया कि 13 जनवरी को सेना के अधिकारियों ने उसके बेटे के हिमस्खलन के कारण गायब हो जाने की सूचना दी. वहीं, 14 जनवरी को अधिकारियों ने फोन कर बताया कि उनके पुत्र की डेड बॉडी मिली है. लेकिन 3 दिन बीत जाने के बाद भी उनके पुत्र का शव अब तक उनके घर नहीं पहुंचा.

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Published : Jan 16, 2020, 9:54 PM IST

शहीद के घर पसरा मातम
शहीद के घर पसरा मातम

गया: शहर के चंदौती थाना क्षेत्र के रहने वाले जवान पुरुषोत्तम कुमार की 14 जनवरी को कश्मीर के कुपवाड़ा में हिमस्खलन के कारण मौत हो गई थी. लेकिन, 3 दिन बीत जाने के बाद भी अब तक शहीद का शव उसके घर नहीं पहुंचा है. उसके परिजन हाथों में शहीद की फोटो लिए शव के आने का इंतजार कर रहे हैं. ताकि उसका अंतिम संस्कार किया जा सके.

बता दें कि पुरुषोत्तम कुमार की मौत के बाद उसकी पत्नी और घरवालों का रो-रोकर बुरा हाल है. पिता घर के बाहर बैठे पुत्र के शव के आने का इंतजार कर रहे हैं. वहीं, शहीद के भाईयों ने जिला प्रशासन पर आरोप लगाया कि जिला प्रशासन सही जानकारी नहीं दे रहा है कि उसके भाई का शव कब आएगा? प्रशासन का कोई बड़ा अधिकारी या जनप्रतिनिधि भी उनसे अब तक मिलने नहीं आया है.

gaya
ग्रामीण देख रहे राह

प्रशासन नहीं दे रहा सही जानकारी- राम ठाकुर
इस संबंध में शहीद के पिता राम ठाकुर ने बताया कि 13 जनवरी को सेना के अधिकारियों ने उसके बेटे के हिमस्खलन के कारण गायब हो जाने की सूचना दी. वहीं, 14 जनवरी को अधिकारियों ने फोन कर बताया कि उनके पुत्र की डेड बॉडी मिली है. लेकिन 3 दिन बीत जाने के बाद भी उनके पुत्र का शव अब तक उनके घर नहीं पहुंचा. सेना और प्रशासन के अधिकारी भी कुछ सही-सही जानकारी नहीं दे रहे हैं. वे लोग पुरषोत्तम के शव के आने का इंतजार कर रहे हैं.

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शहीद के घर पसरा मातम

शहीद की पत्नी ने जाहिर की चिंता
शहीद पुरुषोत्तम कुमार की पत्नी ने बताया कि उनके पति की मौत की खबर अधिकारियों ने दी, लेकिन अब तक शव नहीं पहुंचा. वहीं, उन्होंने अपने भविष्य के बारे में चिंता जाहिर करते हुए कहा कि उनके बच्चों का आगे क्या होगा? यह पता नहीं है.

देखें पूरी रिपोर्ट

मुआवजे की मांग
शहीद के भाईयों ने कहा कि वे लोग लगातार सेना के अधिकारियों के संपर्क में हैं. अधिकारी यही बता रहे हैं कि कश्मीर में मौसम खराब होने के कारण शव लाने में दिक्कत हो रही है. जल्द ही शव भेजा जाएगा. लेकिन इसके पीछे क्या माजरा है? कुछ समझ में नहीं आता. सही-सही जानकारी नहीं मिल रही है. साथ ही उन्होंने मांग करते हुए कहा कि शहीद के आश्रित को मुआवजा, बच्चों की पढ़ाई-लिखाई के लिए सरकार मुआवजा दे.

गया: शहर के चंदौती थाना क्षेत्र के रहने वाले जवान पुरुषोत्तम कुमार की 14 जनवरी को कश्मीर के कुपवाड़ा में हिमस्खलन के कारण मौत हो गई थी. लेकिन, 3 दिन बीत जाने के बाद भी अब तक शहीद का शव उसके घर नहीं पहुंचा है. उसके परिजन हाथों में शहीद की फोटो लिए शव के आने का इंतजार कर रहे हैं. ताकि उसका अंतिम संस्कार किया जा सके.

बता दें कि पुरुषोत्तम कुमार की मौत के बाद उसकी पत्नी और घरवालों का रो-रोकर बुरा हाल है. पिता घर के बाहर बैठे पुत्र के शव के आने का इंतजार कर रहे हैं. वहीं, शहीद के भाईयों ने जिला प्रशासन पर आरोप लगाया कि जिला प्रशासन सही जानकारी नहीं दे रहा है कि उसके भाई का शव कब आएगा? प्रशासन का कोई बड़ा अधिकारी या जनप्रतिनिधि भी उनसे अब तक मिलने नहीं आया है.

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प्रशासन नहीं दे रहा सही जानकारी- राम ठाकुर
इस संबंध में शहीद के पिता राम ठाकुर ने बताया कि 13 जनवरी को सेना के अधिकारियों ने उसके बेटे के हिमस्खलन के कारण गायब हो जाने की सूचना दी. वहीं, 14 जनवरी को अधिकारियों ने फोन कर बताया कि उनके पुत्र की डेड बॉडी मिली है. लेकिन 3 दिन बीत जाने के बाद भी उनके पुत्र का शव अब तक उनके घर नहीं पहुंचा. सेना और प्रशासन के अधिकारी भी कुछ सही-सही जानकारी नहीं दे रहे हैं. वे लोग पुरषोत्तम के शव के आने का इंतजार कर रहे हैं.

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शहीद के घर पसरा मातम

शहीद की पत्नी ने जाहिर की चिंता
शहीद पुरुषोत्तम कुमार की पत्नी ने बताया कि उनके पति की मौत की खबर अधिकारियों ने दी, लेकिन अब तक शव नहीं पहुंचा. वहीं, उन्होंने अपने भविष्य के बारे में चिंता जाहिर करते हुए कहा कि उनके बच्चों का आगे क्या होगा? यह पता नहीं है.

देखें पूरी रिपोर्ट

मुआवजे की मांग
शहीद के भाईयों ने कहा कि वे लोग लगातार सेना के अधिकारियों के संपर्क में हैं. अधिकारी यही बता रहे हैं कि कश्मीर में मौसम खराब होने के कारण शव लाने में दिक्कत हो रही है. जल्द ही शव भेजा जाएगा. लेकिन इसके पीछे क्या माजरा है? कुछ समझ में नहीं आता. सही-सही जानकारी नहीं मिल रही है. साथ ही उन्होंने मांग करते हुए कहा कि शहीद के आश्रित को मुआवजा, बच्चों की पढ़ाई-लिखाई के लिए सरकार मुआवजा दे.

Intro:3 दिनों से परिजन कर रहे हैं शहीद के शव के आने का इंतजार, गया के पुरुषोत्तम की ड्यूटी के दौरान कश्मीर के कुपवाड़ा में हिमस्खलन के कारण हुई थी मौत,
परिजनों का आरोप- अधिकारी सही-सही नहीं दे रहे जानकारी, कहा- अब तक ना तो कोई बड़े अधिकारी और ना ही कोई जनप्रतिनिधि हाल-चाल पूछने आए।



Body:गया: शहर के चंदौती थाना क्षेत्र के डीवीसी कॉलोनी के रहने वाले श्रीराम ठाकुर के बड़े पुत्र पुरुषोत्तम कुमार की 14 जनवरी को ड्यूटी के दौरान कश्मीर के कुपवाड़ा में हिमस्खलन के कारण मौत हो गई। लेकिन 3 दिन बीत जाने के बाद भी अब तक शहीद का शव घर नहीं पहुंचा। परिजन हाथों में शहीद की फोटो लिए शव के आने का इंतजार कर रहे हैं। ताकि उसका अंतिम संस्कार किया जा सके। वहीं पत्नी व घर की महिलाओं का रो-रोकर बुरा हाल है। पिता घर के बाहर बैठे पुत्र के शव के आने का इंतजार कर रहे हैं। वही शहीद के भाइयों का आरोप है कि जिला प्रशासन सही-सही जानकारी नहीं दे रहा है। उनके भाई का शव कब आएगा? कहां है? इसकी कोई जानकारी नहीं दी जा रही। प्रशासन के कोई बड़े अधिकारी या जनप्रतिनिधि भी उनसे अब तक मिलने नहीं आए।
प्राप्त जानकारी के अनुसार डीवीसी मोहल्ला निवासी श्रीराम ठाकुर के 3 पुत्रों में पुरुषोत्तम कुमार सबसे बड़ा पुत्र था। जो कश्मीर के कुपवाड़ा में आर्मी में पोस्टेड था। हिमस्खलन के कारण उसकी मौत हो गई। जबकि उसके मंझले भाई प्रशांत कुमार गुजरात के गांधीनगर में एनएसजी में कमांडो के पद पर पदस्थापित है। वही सबसे छोटा भाई विक्रम कुमार बेंगलुरु में इंजीनियर है।
इस संबंध में शहीद के पिता श्रीराम ठाकुर ने कहा कि विगत 13 जनवरी को सेना के अधिकारियों के द्वारा उनके पुत्र के हिमस्खलन के कारण गायब हो जाने की सूचना मिली। 14 जनवरी को अधिकारियों ने फोन कर बताया कि उनके पुत्र की डेड बॉडी मिल गई है। लेकिन 3 दिन बीत जाने के बाद भी उनके पुत्र का शव अब तक उनके घर नहीं पहुंचा। सेना और प्रशासन के अधिकारी भी कुछ सही-सही जानकारी नहीं दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रशासन के कोई बड़े अधिकारी भी उनसे नहीं मिलने आए। वे लोग पुरषोत्तम के शव के आने का इंतजार कर रहे हैं।
वहीं मृतक की पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है। शहीद की पत्नी अर्चना कुमारी ने रोते हुए बताया कि उनके पति की मौत की खबर अधिकारियों के द्वारा दी गई। लेकिन अब तक शव नहीं पहुंचा। बच्चों का आगे क्या होगा? यह पता नहीं।
वहीं मृतक के मंझले भाई प्रशांत कुमार और छोटे भाई विक्रम कुमार ने कहा कि वे लोग लगातार सेना के अधिकारियों के संपर्क में है। अधिकारी बार-बार यही कह रहे हैं कि कश्मीर में मौसम खराब होने के कारण शव लाने में दिक्कत हो रही है। जल्द ही शव भेजा जाएगा। लेकिन इसके पीछे क्या माजरा है? कुछ समझ में नहीं आता। सही-सही जानकारी नहीं मिल रही। 3 दिन बीत गए, अब तक उनके भाई का शव नहीं आया। इतना ही नहीं गया के जिलाधिकारी या राज्य के कोई मंत्री या जनप्रतिनिधि भी अब तक मिलने नहीं आए। उन्होंने कहा कि मृतक के आश्रित को मुआवजा, बच्चों की पढ़ाई-लिखाई के लिए सरकार मुआवजा दे। मृतक के तीन छोटे-छोटे बच्चे हैं। उनका भरण-पोषण कैसे होगा? इसलिए हम राज्य सरकार से मांग करते हैं कि मृतक की पत्नी को नौकरी व बच्चों के भरण पोषण व पढ़ाई लिखाई के लिए सरकार उचित मुआवजा दे। उन्होंने यह भी कहा कि घर तक आने के लिए पक्की सड़क नहीं है, ऐसे में अगर उनके मोहल्ले की सड़क बन जाती है तो और स्थानीय लोगो को राहत मिलेगी।

बाइट- श्रीराम ठाकुर, शहीद के पिता।
बाइट- अर्चना कुमारी, शहीद की पत्नी।
बाइट- प्रशांत कुमार, शहीद का मंझला भाई।
बाइट- विक्रम कुमार, शहीद का छोटा भाई।


रिपोर्ट- प्रदीप कुमार सिंह
गया।



Conclusion:गया शहर के पुरुषोत्तम की मौत हिमस्खलन के कारण कश्मीर में हो गई। लेकिन 3 दिन बीत जाने के बाद भी उसका शव परिजनों को नहीं मिला है। परिजन शहीद के फोटो को हाथ में लिए शव के आने का इंतजार कर रहे हैं। जिला प्रशासन के कोई बड़े अधिकारी या कोई बड़े जनप्रतिनिधि भी परिजनों का हाल-चाल लेने नहीं आए। शहीद के परिजनों को इस तरह से अनदेखी करने के कारण उनकी भावना काफी आहूत हुई है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। फिर भी प्रशासन या कोई नेता उमकी सुधि नहीं ले रहे।

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