गयाः जिले के एक जवान मुन्ना यादव की मौत बीमारी के कारण हो गई. जवान छत्तीसगढ़ आर्मड पोस्ट 17वीं बटालियन में तैनात था. जवान की मौत की खबर सुनते ही गांव में कोहराम मच गया. वहीं परिवारजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. उसका शव विभाग के अधिकारियों एवं सुरक्षा बलों द्वारा सोमवार को उसके गांव लाया गया. जहां उसका अन्तिम संस्कार किया गया.
'परिवार का एकमात्र सहारा था जवान'
मुन्ना गया जिला के वजीरगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत कुम्हरेत निवासी सत्येंद्र यादव का पुत्र था. वह 6 वर्ष पूर्व 2013 में छत्तीसगढ़ आर्मड पोस्ट 17वीं बटालियन में बहाल हुआ था. जवान का कांस्टेबल नंबर 472 है जो छत्तीसगढ़ के कांके जिला अंतर्गत चारगांव अंतागढ़ में अभी ड्यूटी पर थे. शव के पहुंचते ही गर्भवती पत्नी गायत्री देवी बार-बार अचेत हो जा रही थी. एक मध्यम वर्गीय किसान पिता का मुन्ना ही बुढ़ापे का सहारा था. जो अब इन्हें अपने हालात पर छोड़ दुनिया से विदा ले लिया.
'जिंदगी का जंग हार गए'
साथ में आए पलाटून कमांडर निसरायला खान ने बताया कि मुन्ना को ड्यूटी के दौरान एक गंभीर बीमारी अपने चपेट में आ गए थे. जिनका विभागीय स्तर पर प्रारंभिक इलाज के दौरान इनकी हालत गंभीर देख परिजनों को गांव से छत्तीसगढ़ बुला लिया गया. उन्होंने बताया की वह करीब 25 दिनों तक बीमारी से लड़ने के बाद जिंदगी का जंग हार गए और 26वें दिन उसकी मौत हो गई.
'सलामी देकर अंतिम विदाई'
चिकित्सीय जांच रिपोर्ट के अनुसार उसे सेलेरल मलेरिया के कारण किडनी लीवर और फेफड़े में संक्रमण था. विभागीय अधिकारियों ने उसके शव और परिजनों को साथ लेकर वजीरगंज थाना आये, जहां सभी आवश्यक प्रक्रिया होने के बाद शव को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच गांव लाया गया. छोटे भाई मिंटू कुमार ने जवान को मुखाग्नि दी वहीं विभाग के अधिकारियों और कांस्टेबलों ने सलामी देकर अंतिम विदाई दी.
पलाटून कमांडर निसरायल खान ने बताया कि विभाग की ओर से आवश्यक क्षतिपूर्ति की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. और आश्रित पत्नी भाई पिता में से जो भी योग्य होंगे उन्हें अनुकंपा के आधार पर नौकरी भी दी जाएगी.