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क्या पक रही है खिचड़ी? ढाका की यात्रा करेंगे डार, बोले, 'बांग्लादेश खोए हुए भाई की तरह', क्या भारत को चिंता करनी चाहिए? - PAK FM ISHAQ DAR BANGLADESH VISIT

डी-8 शिखर सम्मेलन से इतर पाक पीएम और बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के बीच आपसी संबंधों को मजबूती देने को लेकर बातचीत हुई थी. अब खबर है कि, विदेश मंत्री इशाक डार बांग्लादेश की यात्रा करने वाले हैं. भारत के लिए क्या यह चिंता का विषय है.

PAK BANGLADESH
इशाक डार, शहबाज शरीफ, मोहम्मद यूनुस और एस जयशंकर (फाइल फोटो) (AFP)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 4, 2025, 10:33 AM IST

इस्लामाबाद: पाकिस्तान बांग्लादेश में दिलचस्पी दिखा रहा है. इन सबके बीच पाकिस्तान के उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने घोषणा की कि वह फरवरी में बांग्लादेश की यात्रा करेंगे. यह 2012 के बाद किसी पाकिस्तानी मंत्री की पहली बांग्लादेश यात्रा होगी. संबंधों को और मजबूत करने के प्रयास में बांग्लादेश का झुकाव पाकिस्तान की तरफ देखा जा रहा है. ऐसे में सवाल है कि, क्या यह भारत के लिए चिंता का विषय है.

बता दें कि, बांग्लादेश यात्रा को लेकर डार ने यह घोषणा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के बीच काहिरा में पिछले महीने डी-8 शिखर सम्मेलन से इतर हुई मुलाकात के कुछ सप्ताह बाद की है. मीडिया में प्रकाशित खबरों में कहा गया है कि डार एक दशक से अधिक समय में ढाका की यात्रा करने वाले पाकिस्तान के पहले विदेश मंत्री होंगे.

इससे पहले, हिना रब्बानी खार 2012 में ढाका की यात्रा करने वाली पाकिस्तान की आखिरी विदेश मंत्री थीं. डार ने बृहस्पतिवार को इस्लामाबाद में पत्रकार वार्ता में कहा कि वह पांच फरवरी को या उसके बाद ढाका की यात्रा पर रवाना होंगे.

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के निष्कासन के बाद भारत और बांग्लादेश के बीच तनावपूर्ण संबंधों के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम के रूप में देखा जा सकता है. मिस्र में एक सम्मेलन के दौरान बांग्लादेश के अंतरिम नेता मुहम्मद यूनुस और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के बीच हाल ही में हुई बैठक के दौरान यह देखा गया.

अहम सवाल यह है कि, बांग्लादेश का जिस तेजी से पाकिस्तान की तरफ झुकाव बढ़ता जा रहा है क्या वह नई दिल्ली के लिए चिंता का विषय हो सकता है. काहिरा में पिछले महीने डी-8 शिखर सम्मेलन से इतर हुई मुलाकात में मोहम्मद यूनुस और शहबाज शरीफ ने बहुपक्षीय सहयोग को मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता प्रकट की थी. पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच व्यापार, वाणिज्य और संस्कृति और खेल सहित विभिन्न क्षेत्रों में प्रतिनिधिमंडलों के आदान-प्रदान के माध्यम से बांग्लादेश-पाकिस्तान संबंधों को बढ़ाने के महत्व पर जोर दिया.

D8 शिखर सम्मेलन के दौरान शहबाज और यूनुस मिले
पाक और बांग्लादेश के दोनों नेताओं ने काहिरा में D8 शिखर सम्मेलन में भाग लिया, जिसमें आठ मुस्लिम बहुल देश शामिल हैं. यूनुस ने बांग्लादेश के 1971 में पाकिस्तान से अलग होने से अनसुलझे मुद्दों को संबोधित करने की इच्छा व्यक्त की. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि, उन्होंने बांग्लादेशी नेता के साथ मैत्रीपूर्ण चर्चा की.

पाक और बांग्लादेश संबंध पर क्या बोले पूर्व उच्चायुक्त
इस विषय पर अजय बिसारिया ने ईटीवी भारत से कहा था कि, भारत अपने पूर्वी और पश्चिमी पड़ोसी के बीच संबंधों पर हमेशा नजर रखेगा, लेकिन उनके संबंधों में कोई स्थिरता जरूरी नहीं कि चिंता का कारण हो. उन्होंने कहा था कि, दोनों देश फिलहाल अस्थिर हैं और निकट भविष्य में मजबूत साझेदारी बनने की संभावना नहीं है. हालांकि, भारत को पश्चिम से पूर्व की ओर आतंकवादी तत्वों की संभावित आवाजाही की चिंता होगी, जो विशेष रूप से भारत के पूर्वोत्तर में परेशानी पैदा करना चाहते हैं.

क्या बोले पाक विदेश मंत्री
यह देखते हुए कि पाकिस्तान और बांग्लादेश 'हसीना सरकार के पतन के बाद संबंधों को फिर से बना रहे हैं,' डार ने कहा, "बांग्लादेश एक खोए हुए भाई की तरह है. हमारा उद्देश्य आर्थिक और व्यापार सहयोग को मजबूत करना है. डार ने काहिरा में एक बैठक के दौरान यूनुस और उनके बांग्लादेशी समकक्ष से मिले निमंत्रण का भी उल्लेख किया.

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार ने कहा कि विदेश मंत्री ने पुष्टि की कि यूनुस ने भी आपसी सहमति से तय तिथियों पर इस्लामाबाद की यात्रा करने के पाकिस्तान के निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है. इसने ढाका की यात्रा की डार की घोषणा को "एक अभूतपूर्व विकास" बताया, जो पिछले साल अगस्त में "भारत समर्थक सरकार" के रूप में वर्णित किए जाने के बाद दोनों देशों के बीच मधुर होते संबंधों को दर्शाता है.

यूनुस ने पिछले साल 5 अगस्त को छात्रों के नेतृत्व वाले विरोध के बाद तत्कालीन प्रधान मंत्री शेख हसीना को सत्ता से बेदखल किए जाने के बाद मुख्य सलाहकार के रूप में कार्यभार संभाला था. नए-नए सौहार्द के बाद, कराची से पहला सीधा मालवाहक जहाज नवंबर के मध्य में बांग्लादेश के चटगांव बंदरगाह पर पहुंचा, जिसे अधिकारियों ने द्विपक्षीय व्यापार में एक बड़ा कदम बताया. दूसरा दिसंबर के अंत में डॉक किया गया.

बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच बढ़ती दोस्ती
बांग्लादेश ने पहले ही पाकिस्तान के लिए और वहां से सीधी उड़ानें फिर से शुरू करने की घोषणा की है. काहिरा में अपनी बैठक के दौरान, शरीफ ने ढाका और इस्लामाबाद के बीच रणनीतिक संबंधों का आह्वान किया था, और कहा था कि, “हम अपने भाई बांग्लादेश के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने के लिए तत्पर हैं.' हालांकि, बांग्लादेश ने पाकिस्तान से 1971 के मुद्दों को सुलझाने के लिए कहा था ताकि ढाका को इस्लामाबाद के साथ अपने संबंधों को 'भविष्य की पीढ़ियों के लिए हमेशा के लिए” आगे बढ़ाने में मदद मिल सके.

यूनुस ने शरीफ से 1971 के मुद्दों को सुलझाने का आग्रह किया ताकि ढाका को इस्लामाबाद के साथ अपने संबंधों को आगे बढ़ाने में मदद मिल सके और कहा: “मुद्दे बार-बार आते रहे हैं. आइए हम उन मुद्दों को सुलझाएं ताकि हम आगे बढ़ सकें.' शेख हसीना के 15 साल के कार्यकाल के दौरान पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच संबंध तनावपूर्ण रहे.

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने कहा, 'अवामी लीग की नेता ने पाकिस्तान द्वारा संबंधों को सुधारने के कई प्रयासों का कभी जवाब नहीं दिया, क्योंकि वह भारत के साथ गठबंधन में थीं.' इस बीच, बांग्लादेश के द बिजनेस स्टैंडर्ड ने बताया कि बांग्लादेश ने बार-बार चाहा है कि पाकिस्तान 1971 में पिछली सरकार के दौरान निहत्थे बंगालियों के खिलाफ किए गए अत्याचारों के लिए "औपचारिक घोषणा के साथ सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगे". इसमें कहा गया है कि फरवरी 2023 में बांग्लादेश ने पाकिस्तान के तत्कालीन विदेश राज्य मंत्री को भी यही संदेश दिया था.

ये भी पढ़ें: पाकिस्तान के करीब जा रहा है बांग्लादेश! भारत के लिए कितनी टेंशन की बात? क्या बोले अजय बिसारिया

इस्लामाबाद: पाकिस्तान बांग्लादेश में दिलचस्पी दिखा रहा है. इन सबके बीच पाकिस्तान के उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने घोषणा की कि वह फरवरी में बांग्लादेश की यात्रा करेंगे. यह 2012 के बाद किसी पाकिस्तानी मंत्री की पहली बांग्लादेश यात्रा होगी. संबंधों को और मजबूत करने के प्रयास में बांग्लादेश का झुकाव पाकिस्तान की तरफ देखा जा रहा है. ऐसे में सवाल है कि, क्या यह भारत के लिए चिंता का विषय है.

बता दें कि, बांग्लादेश यात्रा को लेकर डार ने यह घोषणा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के बीच काहिरा में पिछले महीने डी-8 शिखर सम्मेलन से इतर हुई मुलाकात के कुछ सप्ताह बाद की है. मीडिया में प्रकाशित खबरों में कहा गया है कि डार एक दशक से अधिक समय में ढाका की यात्रा करने वाले पाकिस्तान के पहले विदेश मंत्री होंगे.

इससे पहले, हिना रब्बानी खार 2012 में ढाका की यात्रा करने वाली पाकिस्तान की आखिरी विदेश मंत्री थीं. डार ने बृहस्पतिवार को इस्लामाबाद में पत्रकार वार्ता में कहा कि वह पांच फरवरी को या उसके बाद ढाका की यात्रा पर रवाना होंगे.

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के निष्कासन के बाद भारत और बांग्लादेश के बीच तनावपूर्ण संबंधों के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम के रूप में देखा जा सकता है. मिस्र में एक सम्मेलन के दौरान बांग्लादेश के अंतरिम नेता मुहम्मद यूनुस और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के बीच हाल ही में हुई बैठक के दौरान यह देखा गया.

अहम सवाल यह है कि, बांग्लादेश का जिस तेजी से पाकिस्तान की तरफ झुकाव बढ़ता जा रहा है क्या वह नई दिल्ली के लिए चिंता का विषय हो सकता है. काहिरा में पिछले महीने डी-8 शिखर सम्मेलन से इतर हुई मुलाकात में मोहम्मद यूनुस और शहबाज शरीफ ने बहुपक्षीय सहयोग को मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता प्रकट की थी. पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच व्यापार, वाणिज्य और संस्कृति और खेल सहित विभिन्न क्षेत्रों में प्रतिनिधिमंडलों के आदान-प्रदान के माध्यम से बांग्लादेश-पाकिस्तान संबंधों को बढ़ाने के महत्व पर जोर दिया.

D8 शिखर सम्मेलन के दौरान शहबाज और यूनुस मिले
पाक और बांग्लादेश के दोनों नेताओं ने काहिरा में D8 शिखर सम्मेलन में भाग लिया, जिसमें आठ मुस्लिम बहुल देश शामिल हैं. यूनुस ने बांग्लादेश के 1971 में पाकिस्तान से अलग होने से अनसुलझे मुद्दों को संबोधित करने की इच्छा व्यक्त की. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि, उन्होंने बांग्लादेशी नेता के साथ मैत्रीपूर्ण चर्चा की.

पाक और बांग्लादेश संबंध पर क्या बोले पूर्व उच्चायुक्त
इस विषय पर अजय बिसारिया ने ईटीवी भारत से कहा था कि, भारत अपने पूर्वी और पश्चिमी पड़ोसी के बीच संबंधों पर हमेशा नजर रखेगा, लेकिन उनके संबंधों में कोई स्थिरता जरूरी नहीं कि चिंता का कारण हो. उन्होंने कहा था कि, दोनों देश फिलहाल अस्थिर हैं और निकट भविष्य में मजबूत साझेदारी बनने की संभावना नहीं है. हालांकि, भारत को पश्चिम से पूर्व की ओर आतंकवादी तत्वों की संभावित आवाजाही की चिंता होगी, जो विशेष रूप से भारत के पूर्वोत्तर में परेशानी पैदा करना चाहते हैं.

क्या बोले पाक विदेश मंत्री
यह देखते हुए कि पाकिस्तान और बांग्लादेश 'हसीना सरकार के पतन के बाद संबंधों को फिर से बना रहे हैं,' डार ने कहा, "बांग्लादेश एक खोए हुए भाई की तरह है. हमारा उद्देश्य आर्थिक और व्यापार सहयोग को मजबूत करना है. डार ने काहिरा में एक बैठक के दौरान यूनुस और उनके बांग्लादेशी समकक्ष से मिले निमंत्रण का भी उल्लेख किया.

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार ने कहा कि विदेश मंत्री ने पुष्टि की कि यूनुस ने भी आपसी सहमति से तय तिथियों पर इस्लामाबाद की यात्रा करने के पाकिस्तान के निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है. इसने ढाका की यात्रा की डार की घोषणा को "एक अभूतपूर्व विकास" बताया, जो पिछले साल अगस्त में "भारत समर्थक सरकार" के रूप में वर्णित किए जाने के बाद दोनों देशों के बीच मधुर होते संबंधों को दर्शाता है.

यूनुस ने पिछले साल 5 अगस्त को छात्रों के नेतृत्व वाले विरोध के बाद तत्कालीन प्रधान मंत्री शेख हसीना को सत्ता से बेदखल किए जाने के बाद मुख्य सलाहकार के रूप में कार्यभार संभाला था. नए-नए सौहार्द के बाद, कराची से पहला सीधा मालवाहक जहाज नवंबर के मध्य में बांग्लादेश के चटगांव बंदरगाह पर पहुंचा, जिसे अधिकारियों ने द्विपक्षीय व्यापार में एक बड़ा कदम बताया. दूसरा दिसंबर के अंत में डॉक किया गया.

बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच बढ़ती दोस्ती
बांग्लादेश ने पहले ही पाकिस्तान के लिए और वहां से सीधी उड़ानें फिर से शुरू करने की घोषणा की है. काहिरा में अपनी बैठक के दौरान, शरीफ ने ढाका और इस्लामाबाद के बीच रणनीतिक संबंधों का आह्वान किया था, और कहा था कि, “हम अपने भाई बांग्लादेश के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने के लिए तत्पर हैं.' हालांकि, बांग्लादेश ने पाकिस्तान से 1971 के मुद्दों को सुलझाने के लिए कहा था ताकि ढाका को इस्लामाबाद के साथ अपने संबंधों को 'भविष्य की पीढ़ियों के लिए हमेशा के लिए” आगे बढ़ाने में मदद मिल सके.

यूनुस ने शरीफ से 1971 के मुद्दों को सुलझाने का आग्रह किया ताकि ढाका को इस्लामाबाद के साथ अपने संबंधों को आगे बढ़ाने में मदद मिल सके और कहा: “मुद्दे बार-बार आते रहे हैं. आइए हम उन मुद्दों को सुलझाएं ताकि हम आगे बढ़ सकें.' शेख हसीना के 15 साल के कार्यकाल के दौरान पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच संबंध तनावपूर्ण रहे.

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने कहा, 'अवामी लीग की नेता ने पाकिस्तान द्वारा संबंधों को सुधारने के कई प्रयासों का कभी जवाब नहीं दिया, क्योंकि वह भारत के साथ गठबंधन में थीं.' इस बीच, बांग्लादेश के द बिजनेस स्टैंडर्ड ने बताया कि बांग्लादेश ने बार-बार चाहा है कि पाकिस्तान 1971 में पिछली सरकार के दौरान निहत्थे बंगालियों के खिलाफ किए गए अत्याचारों के लिए "औपचारिक घोषणा के साथ सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगे". इसमें कहा गया है कि फरवरी 2023 में बांग्लादेश ने पाकिस्तान के तत्कालीन विदेश राज्य मंत्री को भी यही संदेश दिया था.

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