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गया: मंदिर तो खुल गए, लेकिन सरकार की गाइडलाइंस के कारण नहीं बिक रहे फूल-माला

अनलॉक 1.0 में सोमवार से शहर के सारे धार्मिक स्थलों को खोल दिया गया है. जिनमें शहर में स्थित दो प्रसिद्ध मंदिर विष्णुपद और मंगलागौरी शामिल हैं.

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Published : Jun 8, 2020, 5:37 PM IST

गया: शहर में सबसे अधिक पूजन सामग्री फूल, माला, तुलसी और प्रसाद की दुकान विष्णुपद मंदिर के पास है. यहां कई सालों से लोग पूजन सामग्री बेच कर अपने और परिवार का गुजारा कर रहे हैं. कोरोना वायरस के बचाव को लेकर मंदिरों में न तिलक लगाया जा रहा है और न ही प्रसाद और फल-फूल चढ़ाए जा रहे हैं. ऐसे में मंदिरों से रोजगार चलाने वालों को परेशानी हो रही है.

विष्णुपद मंदिर के पास फूल-माला के एक दुकानदार ने बताया कि पहले लॉक डाउन की वजह से खेतों में फूल बर्बाद हो गए. अब मंदिर खुला है तो सरकार ने नई शर्त रख दी है कि मंदिर में लोग सिर्फ दर्शन करेंगे. हालांकि मंदिर में फूल-माला और प्रसाद कम मात्रा में ले जाने की अनुमति है. फिर भी उससे गुजारा नहीं होगा. वायरस के डर से श्रद्धालु भी कम आ रहे हैं.

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मंदिर के पास की दुकानें

दुकानदार की व्यथा
वहीं, विष्णुपद मंदिर स्थित पिंडदान के लिए पीतल का बर्तन बेचनेवाला दुकानदार ने बताया सुबह से बोहनी तक नहीं हुई. ढाई महीने बाद उम्मीद से दुकानें खोली गई हैं, लेकिन सामान की बिक्री नहीं हो रही है.

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ग्राहक के इंतजार में बैठे दुकानदार
कम से कम ले जाएं पूजन सामग्री
दरअसल, सरकार की गाइडलाइंस का पालन विष्णुपद प्रबन्धकारिणी समिति नहीं करवा पा रही है. समिति के सदस्यों का कहना है मन्दिर में खाली हाथ नहीं जाना चाहिए, इसलिए कम से कम पूजन सामग्री लाने को कहा गया है.

गया: शहर में सबसे अधिक पूजन सामग्री फूल, माला, तुलसी और प्रसाद की दुकान विष्णुपद मंदिर के पास है. यहां कई सालों से लोग पूजन सामग्री बेच कर अपने और परिवार का गुजारा कर रहे हैं. कोरोना वायरस के बचाव को लेकर मंदिरों में न तिलक लगाया जा रहा है और न ही प्रसाद और फल-फूल चढ़ाए जा रहे हैं. ऐसे में मंदिरों से रोजगार चलाने वालों को परेशानी हो रही है.

विष्णुपद मंदिर के पास फूल-माला के एक दुकानदार ने बताया कि पहले लॉक डाउन की वजह से खेतों में फूल बर्बाद हो गए. अब मंदिर खुला है तो सरकार ने नई शर्त रख दी है कि मंदिर में लोग सिर्फ दर्शन करेंगे. हालांकि मंदिर में फूल-माला और प्रसाद कम मात्रा में ले जाने की अनुमति है. फिर भी उससे गुजारा नहीं होगा. वायरस के डर से श्रद्धालु भी कम आ रहे हैं.

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मंदिर के पास की दुकानें

दुकानदार की व्यथा
वहीं, विष्णुपद मंदिर स्थित पिंडदान के लिए पीतल का बर्तन बेचनेवाला दुकानदार ने बताया सुबह से बोहनी तक नहीं हुई. ढाई महीने बाद उम्मीद से दुकानें खोली गई हैं, लेकिन सामान की बिक्री नहीं हो रही है.

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ग्राहक के इंतजार में बैठे दुकानदार
कम से कम ले जाएं पूजन सामग्री
दरअसल, सरकार की गाइडलाइंस का पालन विष्णुपद प्रबन्धकारिणी समिति नहीं करवा पा रही है. समिति के सदस्यों का कहना है मन्दिर में खाली हाथ नहीं जाना चाहिए, इसलिए कम से कम पूजन सामग्री लाने को कहा गया है.
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