गया : बिहार के गया में सरकार से अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर आंदोलनरत आशा कार्यकर्ताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. अब तक 201 आशा कार्यकर्ता के खिलाफ नामजद एफआईआर हुई है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा इसकी जानकारी दी गई है.
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201 आशा कार्यकर्ताओं पर एफआईआर : गया जिले में आशा कार्यकर्ताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुई है. 201 आशा कार्यकर्ताओं के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की गई है. गया जिले के शेरघाटी, इमामगंज एवं आमस थाना में दर्ज कराई गई प्राथमिकी में 201 को नामजद आरोपी बनाया गया है. आरोप है कि आशा कार्यकर्ताओं द्वारा शेरघाटी, इमामगंज एवं आमस में संचालित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के ओपीडी कार्य को बंद करवाया जा रहा है. ओपीडी कार्य में व्यवधान उत्पन्न कर रहे हैं, जिसके कारण मरीजों को काफी असुविधा हो रही है.
आंदोलन कर रहीं हैं आशा कार्यकर्ताएं : गौरतलब हो कि मांगों को लेकर आशा कार्यकर्ता धारदार आंदोलन कर रहे हैं. उनका आंदोलन शेरघाटी, इमामगंज, आमस में धारदार तरीके से चल रहा है. यही वजह रही कि पिछले दिन हड़ताल पर रही आशा कार्यकतर्ताओं ने इमामगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचकर ओपीडी सेवा को बाधित कर दिया था और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की थी. हालांकि स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने किसी तरह मनाया और ओपीडी सेवा बहाल कराया था. बताया जाता है, कि पिछले 15 से अधिक दिनों से आशा कार्यकर्ता अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं. उनकी मांगों में कोरोना काल में किये गया काम का रुपए भुगतान करना, सरकारी नौकरी - सरकारी कर्मचारी का दर्जा मिलना, समान काम के बदले समान वेतन आदि शामिल है.
सरकार के खिलाफ आशा कार्यकर्ताओं का आक्रोश : इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि इमामगंज, शेरघाटी और आमस थाने में आशा कार्यकर्ताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. अब तक कुल 201 आशा कार्यकर्ताओं के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज करा दी गई है. आरोप है कि ओपीडी कार्य में व्यवधान उत्पन्न कर रहे हैं, जिसके कारण मरीजों को काफी असुविधा हो रही है. किसी भी आशा को ओपीडी बंद करने की घटना बर्दाश्त नहीं की जाएगी. वहीं, नामजद प्राथमिकी दर्ज कराए जाने को लेकर आशा कार्यकर्ताओं में सरकार के खिलाफ आक्रोश और गहराता जा रहा है.