गया: बिहार के गया नगर निकाय चुनाव में मेयर पद पर गणेश पासवान तो डिप्टी मेयर के पद पर चिंता देवी (Gaya Deputy Mayor Chinta Devi ) चुनाव जीतने में सफल रही. जीत दर्ज करने के बाद डिप्टी मेयर चिन्ता देवी ने कहा है कि वह सरकार से लड़कर गया को नया बनाएगी. ऐसा काम करेगी कि गया को पूरी दुनिया देखेगी. वहीं मेयर पद की प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरी पूर्व सीएम जीतन राम मांझी (Former CM Jitan Ram Manjhi) की पुत्री सुनैना देवी बुरी तरह से चुनाव हार गई हैं.
साथ-साथ किया प्रचार, दोनों जीते: गौरतलब हो कि गया में मेयर और डिप्टी मेयर दोनों का प्रचार एक ही बैनर के तले किया जा रहा था. दोनों ही चुनाव जीतने में सफल रहे. मेयर के पद पर गणेश पासवान (Gaya Mayor Ganesh Paswan) कोरोना काल में किए गए कार्य और शहर के विकास के मुद्दे को लेकर उतरे थे. यह मुद्दा सफल रहा और जनता ने मेयर के पद पर विजयी बनाया. वही पूर्व डिप्टी मेयर मोहन श्रीवास्तव का साथ भी इन दोनों को मिला. जिसका सीधा लाभ उनकी जीत के रूप में सामने आया है.
मैला ढोने वाली सफाईकर्मी चिन्ता देवी की जीत: गया में डिप्टी मेयर के पद पर मैला ढोने वाली सफाई कर्मी चिन्ता देवी डिप्टी मेयर पद का चुनाव जीत गई. सफाईकर्मी रही बात चिंता देवी ने डिप्टी मेयर बनकर बड़ी उपलब्धि हासिल की है. वह सब्जी बेचने का भी काम करती थीं. जनता ने उनका पूरा समर्थन दिया. डिप्टी मेयर बनने के बाद उन्होंने जनता की सेवा करने की बात कही है.
गणेश पासवान को मिला जनता का समर्थन: कोरोना काल में नवनिर्वाचित मेयर गणेश पासवान ने जनता के लिए काफी काम किया था. मेयर गणेश पासवान ने पूर्व डिप्टी मेयर मोहन श्रीवास्तव के साथ मिलकर गया शहर के सभी वार्डों में कोरोना से बचाव के लिए सैनिटाइजेशन किया था. वहीं गरीबों के बीच राहत सामग्री भी बांटी थी. यही वजह रही कि गणेश पासवान काम के आधार को मुद्दा बनाकर चुनाव जीतने में सफल रहे. वहीं चिन्ता देवी को गणेश पासवान के साथ होने का काफी फायदा मिला है.
'मैला ढोने वाली महिला ने चुनाव जीतकर रचा इतिहास': पूर्व डिप्टी मेयर मोहन श्रीवास्तव ने कहा कि मैला ढोने वाली महिला ने डिप्टी मेयर के पद का चुनाव जीतकर इतिहास रचा है. हम इस तरह से एकदम से दबे कुचले का समर्थन कर उन्हें समाज में आगे बढ़ाने का काम करते हैं. जिस तरह भगवती देवी भी सर पर टोकरी ढोकर सांसद बनी थी. अब चिंता देवी जो कि मैला ढोने वाली महिला के रूप में जानी जाती थी, अब डिप्टी मेयर के रूप में जानी जाएगी.
जदयू नेता गौरव सिन्हा ने भी कहा कि इस चुनाव को बीजेपी ने पार्टी आधारित कर दिया था. जिसके कारण महागठबंधन के घटक दलों ने मेयर और डिप्टी मेयर के समर्थित उम्मीदवार को अपना वोट दिया था और दोनों जीते.